interesting facts about lord ganesha

Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी पर जानें कौन थे गणपति जी के मामा ? पहले कभी नहीं सुनी होगी आपने यह कथा

गणेश चतुर्थी 2025 पर जानें भगवान गणेश और उनके मामा श्री नारायण से जुड़ी एक अनसुनी कथा। क्यों श्री गणेश ने विष्णु जी से पृथ्वी पर आने की जिद की? पढ़ें रोचक तथ्य और धार्मिक मान्यताएं।
Editorial
Updated:- 2025-08-27, 05:33 IST

हिंदू धर्म में तैंतीस हजार देवी-देवताओं को पूजा जाता है और इन सभी में सबसे प्रथम श्री गणेश को माना जाता है। इसलिए जब भी पूजा होती है तो सबसे पहले श्री गणेश जी की पूजा की जाती है। इतना ही नहीं, भादव के महीने में श्री गणेश पृथ्‍वी पर अपने भक्‍तों के मध्‍य रहने को भी आते हैं। इस दौरान श्री गणेश का काम वही होता है, जो जगत पिता श्री हरी नारायण का होता है। जी हां, देव उठावनी एकादशी से पहले श्री नारायण बारी-बारी से देवी देवताओं को पृथ्‍वी पर भक्‍तों की रखवाली के लिए भेजते हैं। श्री गणेश भी इसे उद्देश्‍य से 10 दिनों के लिए पृथवी पर आते हैं। इस विषय में हमारी बात मनीष शर्मा से हुई। वह कहते हैं, " श्री गणेश ने एक बार भगवान विष्‍णु से जिद की थी कि वो भी उनकी तरह पूरी पृथ्‍वी के रखवाले बनना चाहते हैं। तब श्री नारायण ने उन्‍हें वरदान दिया था हर साल भाद्रपद महीने की चतुर्थी से लेकर चतुर्दशी तक श्री गणेश पृथवी पर आएंगे और भक्‍तों के मध्‍य रहकर उनके कष्‍टों को दूर करेंगे। " अब आपके मन में सावाल उठा रहा होगा कि आखिर गणेश जी ने श्री नारायण से क्‍यों जिद की। पंडित जी कहते हैं, " श्री नारायण माता पार्वती को अपनी बहन मानते थे। इसलिए रिश्‍ते में वे श्री गणेश के मामा थे। अब भांजा मामा से तो हट कर ही सकता है।"

क्‍या है श्री कृष्‍ण और श्री गणेश की कथा?

आपने 'गणेश गीता' का नाम कभी सुना है? दरसअल, हम सभी जानते हैं कि गीता का ज्ञान श्री कृष्‍ण ने महाभारत युद्ध के दौरान अर्जुन को दिया था, मगर गीता लिखने के बाद प्रथम बार श्री कृष्‍ण ने गणेश जी को गीता सुनाई थी। श्रीगणेश जी ने राजा वरेण्य को जो उपदेश दिए वे गणेश गीता कहलाते हैं। श्री गणेश गीता का वर्णन हमें गणेश पुराण में मिलता है। ऐसी मान्‍यता है कि भगवान श्री कृष्‍ण से सुनी गीता श्री गणेशन ने अपने गजानन अवतार में अपने पिता राज वरेण्‍य को सुनाई थी। हालांकि, श्री गणेश गीता श्री मद्भगवदगीता से काफी अलग है।

एक अलग कथा के अनुसार, भगवान गणेश ने कुबेर जी द्वारा आयोजित भोज में बहुत खाना खा लिया और इससे उनका पेट फूल गया। गणेश जी की यह हालत देख आसमान में चंद्र देव मुस्‍कुरा पड़े। ऐसा देख श्री गणेश जी ने चंद्रमा को श्राप दे दिया। उस दिन गणेश चतुर्थी का दिन था। इसलिए गणेश चतुर्थी के दिन कभी भी चंद्रमा को नहीं देखते हैं। इस बात से श्री कृष्‍ण भली भांति परिचित थे। फिर भी चतुर्थी के दिन जब देवी रुकमणी ने जब उन्‍हें खीर परोसी, तब उन्‍होंने उसमें चंद्रमा का प्रतिबिंब देख लिया और भांजी के श्राप का सामना उन्‍हें भी करना पड़ा।

इसे भी पढ़ें-गणेश चतुर्थी पर इन विशेज के साथ दें अपनों को शुभकामनाएं

ganesh and vishnu relationship

क्‍या श्री गणेश और श्री कृष्‍ण एक ही हैं?

कई कथाओं में ऐसा भी सुनने को मिलता है, कि श्री गणेश भगवान श्री कष्‍ण का ही अंश हैं। पंडित जी बताते हैं, "द्वापर युग की बात है, जब भगवान श्री कृष्‍ण का जन्‍म हुआ। उनकी बाल अठखेलियां देख माता पार्वती ने शिव जी से कहा कि उन्‍हें भी ऐसा ही एक पुत्र चाहिए, जो श्री कृष्‍ण जैसा चंचल हो। जब देवी पार्वती ने अपने शरीर के मैल से श्री गणेश जी को बनाया, तो श्री कृष्‍ण ने अपना भी छोटा सा अंश उनमें डाल दिया।" भगवान विष्‍णु पहले ही माता पार्वती को अपनी बहन मानते थे, इसलिए श्री गणेश और श्री कृष्‍ण में मामा और भांजे का रिश्‍ता बन गया।

इसे जरूर पढ़ें- Ganpati Utsav 2025: अपने राशि अनुसार भगवान गणेश पर चढ़ाएं  21 तरह की पत्तियां, पूरी होगी मनोकामना

ganesh ji mama ji story

उम्‍मीद है कि ऊपर बताई गई कथा आपको रोचक लगी होगी। इसी तरह और धार्मिक कहानियां सुनने के लिए पढ़ती रहें हरजिंदगी।

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।

;