what is mantra jaap

मंत्र और नाम जाप में क्या अंतर है? कैसे दोनों का अलग-अलग फल मिलता है

मंत्र और नाम जाप करने का तरीका, समय, नियम आदि सब अलग-अलग हैं, ऐसे में इनके द्वारा मिलने वाला फल भी भिन्न है। तो चलिए जानते हैं कि मंत्र और नाम जाप में क्या अंतर होता है।
Editorial
Updated:- 2025-09-03, 17:15 IST

मंत्र और नाम जाप दोनों ही आध्यात्मिक साधना के महत्वपूर्ण हिस्से हैं, लेकिन ये दोनों एक-दूसरे से काफी अलग हैं। इन्हें समझने से यह पता चलता है कि दोनों का अभ्यास कैसे अलग-अलग तरह से फल देता है। वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि मंत्र और नाम जाप करने का तरीका, समय, नियम आदि सब अलग-अलग हैं, ऐसे में इनके द्वारा मिलने वाला फल भी भिन्न है। तो चलिए जानते हैं कि मंत्र और नाम जाप में क्या अंतर होता है।

क्या होता है मंत्र जाप?

मंत्र जाप एक तरह का साइंटिफिक प्रोसेस होता है। हिन्दू धर्म वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित है और इसी का सबसे बड़ा प्रमाण है हमारे शास्त्रों एवं ग्रंथों में बताए गए मंत्र। हर मंत्र में कुछ विशेष अक्षर और ध्वनियां होती हैं जिन्हें एक खास तरीके और लय में उच्चारण करने पर एक ऊर्जा पैदा होती है।

how mantra and naam jaap is different from each other

उदाहरण के लिए, 'ॐ' एक बहुत शक्तिशाली मंत्र है जिसका उच्चारण करने से शरीर और मन में सकारात्मक कंपन पैदा होती है। धार्मिक दृष्टि से देख जाए तो मंत्र जाप के लिए शुद्धता, दिशा, आसन और समय का ध्यान रखना जरूरी होता है। मंत्रों का उच्चारण भी सही प्रकार से होना चाहिए।

यह भी पढ़ें: राधा और राधे बोलने में क्या अंतर है? ज्यादातर लोगों को नहीं होगा पता

मंत्र जाप का उद्देश्य अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए देवी-देवताओं को प्रसन्न करना होता है। इसका फल तुरंत और प्रत्यक्ष रूप में दिखाई दे सकता है, जैसे बीमारियों से मुक्ति या किसी काम में सफलता। मंत्र जाप आप चलते-फिरते या बिस्तर पर बैठकर या कैसी भी अवस्था में नहीं कर सकते हैं।

क्या होता है नाम जाप?

नाम जाप एक तरह की भावनात्मक साधना है। इसमें भक्त अपने इष्ट देवता के नाम को पूरे प्रेम और श्रद्धा के साथ बार-बार दोहराता है। जैसे, 'राम-राम', 'हरे कृष्णा', राधे-राधे, जय शिव शंभू आदि। नाम जाप में किसी भी प्रकार का मंत्र या ध्वनि अक्षर सम्मलित नहीं होता है।

what is the difference between mantra and naam jaap

नाम जाप के लिए कोई कठोर नियम नहीं होते। इसे कभी भी, कहीं भी और किसी भी स्थिति में किया जा सकता है, जैसे चलते-फिरते, काम करते हुए या सोते समय भी। नाम जाप का मुख्य उद्देश्य अपने इष्ट देवता के साथ एक गहरा संबंध स्थापित करना है।

यह भी पढ़ें: जब भी किसी मंदिर के सामने से निकलें, बोलें ये 1 मंत्र... जल्दी सुन लेंगे भगवान

इसमें भक्ति की भावना सबसे ऊपर होती है। नाम जाप का फल धीरे-धीरे लेकिन स्थायी रूप से मिलता है। यह मन की शांति, हृदय की शुद्धि और भगवान के प्रति असीम प्रेम पैदा करता है। नाम जाप से व्यक्ति का स्वभाव बदलता है और वह आध्यात्मिक रूप से विकसित होता है।

अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi 

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

FAQ
कौन से मंत्र बिस्तर पर बैठकर नहीं पढ़ने चाहिए? 
बीज मंत्र बिस्तर पर बैठकर नहीं पढ़ने चाहिए। 
मंत्र जाप करते समय आंखें बंद रखें या खुली?
मंत्र जाप करते समय आंखें बंद रखनी चाहिए। 
Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।

;