अक्सर आप में से बहुत से लोग घर में भगवान की मूर्ति लाते होंगे, लेकिन क्या आप मूर्ति घर में लाने के बाद रखते हैं या स्थापित करते हैं। जी हां, मूर्ति रखने और स्थापित करने में अंतर होता है। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं इस बारे में वितार से।
किसी से गिफ्ट में मिली या खुद के द्वारा खरीदी गई मूर्ति जब हम घर में रखते हैं लेकिन उसकी पूजा नहीं होती है, तब वह मूर्ति अस्थाई कहलाती है। यानी कि अगर आपने किसी देवी-देवता की मूर्ति को घर में लाकर रखा है लेकिन उसकी पूजा करते हैं तो उस देवी-देवता का घर में वास नहीं है।
यह भी पढ़ें: फिटकरी को लॉकर में रखने से क्या होता है?
जब हम घर में किसी देवी या देवता की मूर्ति लेकर आते है और उसे विधिवत अनुष्ठान कर एक स्थान पर विराजित करते हैं तब वह मूर्ति स्थापित हो जाती है और स्थापना के बाद उसे भगवान की मूर्ति नहीं बल्कि प्रतिमा कहा जाता है। ऐसे में उस देवी-देवता का घर में वास भी स्थापित होता है।
यह भी पढ़ें: क्या आपके घर में भी है 'ओपन किचन'? जानें इससे जुड़े कुछ सरल वास्तु टिप्स
अगर आप शो पीस के तौर पर कोई मूर्ति लाना चाहते हैं तो कोशिश करें कि भगवान की मूर्ति को न लेकर आएं, लेकिन अगर अप स्थापना के लिए भगवान की मूर्ति ला रहे हैं तो शुभ मुहूर्त देखकर लाएं और स्थापना जिस दिन करनी हो उसी दिन घर खरीदें। पहले से खरीदकर यूं न रखें।
आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर घर में मूर्ति रखने और स्थापित करने में क्या अंतर होता है। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
image credit: herzindagi
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।