सनातन धर्म में पंचक काल को शुभ नहीं माना जाता है। पंचक की अवधि कुल पांच दिनों की होती है। इस दौरान मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है। पंचक में अगर आप कोई भी काम करने जा रहे हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। पंचक के पांच दिनों में अपने ईष्टदेव की आराधना करने का विधान है। वहीं जून के पंचक को राज पंचक के नाम से जाना जाता है। राज को शुभ माना जाता है। इस दौरान आप कोई भी शुभ कर रही हैं तो इसमें दोगुने फल की प्राप्ति होती है। आपको बता दें, राज पंचक 16 जून से आरंभ हो चुका है और इसका समापन 20 जून को होगा। अब ऐसे में पंचक में पूजा कर सकते हैं। साथ ही पूजा के नियम क्या हैं। इसके बारे में जानना बेहद जरूरी है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
क्या पंचक में पूजा-पाठ कर सकते हैं?
अगर आप दैनिक पूजा-पाठ कर रहे हैं तो आपकी दैनिक पूजा, आरती, मंत्र जाप आदि आप पंचक के दौरान भी बिना किसी हिचकिचाहट के कर सकते हैं। इन पर कोई रोक नहीं है। यदि आप कोई विशेष अनुष्ठान या पूजा जैसे कि सत्यनारायण कथा, गृह शांति पूजा) करना चाहते हैं, तो आपको किसी योग्य ज्योतिषी या पंडित से सलाह लेनी चाहिए। वे आपको बता सकते हैं कि आपकी विशेष पूजा के लिए पंचक का समय उपयुक्त है या नहीं।
पंचक में पूजा-पाठ करने के नियम क्या हैं?
अगर आप पंचक में दैन पूजा-पाठ कर रहे हैं तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि पूजा-पाठ अपने ईष्देव का पूरे विधि-विधान के साथ करें।
अगर आप कोई विशेष पूजा कर रहे हैं तो आप पहले अपने पंजित जी से जान लें। उसके बाद ही करें।
पंचक की कुल अवधि पांच दिनों की होती है और यह राज पंचक है। राज पंचक में किसी भी काम को करने से उत्तम परिणाम ही मिलते हैं। इसलिए अगर आप देवी-देवताओं की पूजा कर रहे हैं तो आप विधिवत रूप से करें और उनका अभिषेक करें। ऐसी मान्यता है अभिषेक करने से ग्रहदोष से छुटकारा मिल जाता है और व्यक्ति का भाग्योदय हो सकता है।
राज पंचक में अपने ईष्टदेव के मंत्रों का जाप विशेष रूप से करना चाहिए।
राज पंचक में दान-पुण्य करने का भी विधान है। इसलिए दरवाजे पर आए किसी भी जरूरतमंद को खाली हाथ न लौटाएं।
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राज पंचक में पूजा करने के लाभ
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि राज पंचक में पूजा-पाठ करने से व्यक्ति की सभी समस्याएं दूर हो सकती है। साथ ही ऐसा कहा जाता है कि राज पंचक में कोई भी शुभ काम करने से उसका दोगना फल मिलता है और व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं भी पूरी हो सकती है। यही एकमात्र ऐसा पंचक जो शुभ फलदायी माना जाता है। साथ ही अगर इस अगर कोई काम अशुभ हुए हैं तो उसका फल भी अशुभ ही मिलता है। इसलिए इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
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Image Credit- HerZindagi
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