हिंदू धर्म में हर एक हर घर में पूजा का एक विशेष स्थान होता है और लोग उस स्थान पर शांति की तलाश में जाते हैं। इस स्थान को पूजा का मंदिर कहा जाता है। घर का हर एक सदस्य घर के मंदिर में अपनी श्रद्धानुसार समय बिताता है और पूजा-पाठ में मन लगाता है। घर का मंदिर भी अक्सर ऐसे स्थान पर ही स्थापित किया जाता है जो शोर-शराबे से दूर हो। हम घर के मंदिर को अपनी श्रद्धा और भक्तिभाव से सजाते हैं और सही दिशा का निर्धारण करके इसे घर पर स्थापित करते हैं। वास्तु की मानें तो घर के मंदिर को सजाने के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है साथ ही यह भी देखा जाता है कि मंदिर जमीन पर रखा जाए या दीवार में लटकाया जाए।
आप उस मंदिर पर बैठकर पूजा करें या फिर खड़े होकर ऐसी कई बातें मंदिर के लिए मायने रखती हैं। यही नहीं मंदिर में राखी भगवान की मूर्ति अथवा तस्वीर का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए क्योंकि मंदिर से जुड़ी गलतियों के कारण आपको कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। ऐसे ही यह भी देखना जरूरी है कि क्या जमीन पर रखा हुआ मंदिर वास्तु और ज्योतिष के अनुसार ठीक है? हमारे मन में कई बार मंदिर को इस तरह से रखने को लेकर सवाल उठते हैं। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें इसके बारे में और इससे जुड़े नियमों के बारे में विस्तार से।
वास्तु और ज्योतिष के अनुसार, मंदिर की स्थापना घर के एक शांत और पवित्र स्थान पर करनी चाहिए। मंदिर की दिशा और स्थिति घर की ऊर्जा पर प्रभाव डालती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, मंदिर को घर के उत्तर-पूर्व दिशा या ईशान कोण दिशा में स्थापित करना सबसे अच्छा माना जाता है।
यदि आप घर के मंदिर की स्थापना इस दिशा में करती हैं तो आपके घर की समृद्धि बनी रहती है। इस दिशा में रखा हुआ मंदिर आपके घर के सदस्यों के लिए भी सकारात्मक ऊर्जा का कारण बन सकता है। इसी वजह से घर का मंदिर आपको सही दिशा और स्थान पर रखने की सलाह दी जाती है।
इसे जरूर पढ़ें: Vastu Tips For Home Temple: क्या घर का मंदिर उत्तर मुखी रखना ठीक है? जानें क्या कहता है वास्तु
ज्योतिष की मानें तो आपको घर का मंदिर जमीन पर नहीं रखना चाहिए। इसका मुख्य कारण यह है कि जमीन पर रखने से मंदिर की ऊर्जा कम हो सकती है और नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ सकता है। इसके अलावा, जमीन पर रखने से मंदिर की पवित्रता और शुद्धता भी प्रभावित हो सकती है।
यही नहीं मंदिर में रखी हुई सभी मूर्तियां पूजनीय होती हैं और यदि आप इन मूर्तियों को जमीन पर रखे मंदिर में रखती हैं तो ईश्वर नाराज हो सकते हैं। यही नहीं जब आप जमीन पर रखे मंदिर में पूजा करती हैं तो पूजा का पूर्ण फल भी नहीं मिलता है और समस्याएं बनी रहती हैं।
ज्योतिष और वास्तु शास्त्र के अनुसार, मंदिर को ऊंचाई पर रखना सबसे अच्छा होता है। इससे मंदिर की ऊर्जा बढ़ती है और नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम होता है। यही नहीं इस तरह के मंदिर में रखी मूर्तियों की पूजा का फल भी दोगुना मिलता है। मंदिर को ऊंचाई पर रखने से मंदिर की पवित्रता और शुद्धता भी बनी रहती है।
मंदिर का स्थान हमेशा पूजा करने वाले व्यक्ति से ऊंचा होना चाहिए, इसी वजह से यदि मंदिर में जमीन पर रखे मंदिर में आप खड़े होकर पूजा करती हैं तो आपको पूजा का पूर्ण फल नहीं मिल पाता है। वहीं अगर मंदिर जमीन से थोड़ी ऊंचाई पर होता है जैसे कि दीवार पर होता है तो इस मंदिर में खड़े होकर पूजा करने से हमें पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।
इसे जरूर पढ़ें: Vastu Tips: घर की दीवार में मंदिर को टांगना ठीक है? जानें कहता है वास्तु
यदि आप घर में मंदिर स्थापित करना चाहती हैं तो आपको कुछ विशेष बातों का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है, जिससे आपको पूजा का पूर्ण फल मिले और पूजा में किसी भी तरह की बाधा न आए। आइए जानें मंदिर स्थापना के नियमों के बारे में-
आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
Images: freepik.com
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।