हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत की महत्वता काफी होती है। यह व्रत हर महीने दो बार आता है। एक शुक्ल पक्ष और एक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर। जब यह व्रत बुधवार के दिन पड़ता है, तो इसे बुध प्रदोष व्रत कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन विधिवत व्रत रखकर और भगवान शिव का आशीर्वाद पा सकते हैं। इससे आपकी कई सारी बाधाएं दूर हो जाएंगी। साथ ही, आपके जीवन में धन-धान्य और शांति बनी रहेगी। इस व्रत में आप कुछ खास स्तोत्र हैं, जिसका वर्णन कर सकते हैं। पंडित जन्मेश द्विवेदी जी ने इसके बारे में बताया। आर्टिकल में इसके बार में आपको बताते हैं।
बुध प्रदोष व्रत के दिन शिवजी की आराधना करते समय शिव जी के स्तोत्र को पढ़ सकते हैं।
इस स्तोत्र के पाठ से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्त को सौभाग्य, स्वास्थ्य तथा समृद्धि का वरदान देते हैं।
इसका अर्थ है, हे मोक्षस्वरूप, विभु, व्यापक, ब्रह्म और वेदस्वरूप, ईशान दिशा के ईश्वर तथा सबके स्वामी श्रीशिवजी। मैं आपको नमस्कार करती हूं।
इस बार बुध प्रदोष व्रत को करने से आपको मनचाहे लाभ मिलते हैं। साथ ही, आपके रुके हुए कार्य भी होने लगते हैं। इसलिए आपको इस व्रत को जरूर रखना चाहिए, ताकि आपके जीवन में होने वाली समस्याएं कम हो सके। आप चाहें, तो इसकी जानकारी पंडित जी से ले सकते हैं और इस व्रत में स्तोत्र का उच्चारण कैसे करना है। इसके बारे में जानकारी ले सकते हैं।
इसे भी पढ़ें: अगस्त के अंतिम प्रदोष व्रत पर जलाएं ये दीया, भगवान शिव की होगी कृपा
इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही,अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ
Image Credit-Freepik
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।