(which day should tulsi chalisa be recited) सनातन धर्म में गुरुवार का दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन विष्णु जी की विधिवत पूजा-पाठ करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। इस दिन व्यक्ति कई तरह के उपाय करता है, ताकि शुभ फलों की प्राप्ति हो सके। ज्योतिष में भी कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति को मजबूत करने की सलाह दी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि अगर किसी जातक की कुंडली में गुरु ग्रह और शुक्र ग्रह की स्थिति कमजोर है, तो इस दिन तुलसी चालीसा का पाठ करने के लिए कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति तुलसी चालीसा का पाठ करता है। उसकी सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं और शुभ फलों की भी प्राप्ति हो सकती है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
गुरुवार के दिन करें तुलसी चालीसा का पाठ (Recite Tulsi Chalisa on Thursday)
गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति तुलसी की पूजा करता है और तुलसी चालीसा का पाठ करता है। उसके विशेष फल की प्राप्ति होती है। साथ ही गुरु दोष से भी छुटकारा मिल सकता है। साथ ही व्यक्ति की मनोकामनाएं भी पूरी हो सकती है।
शुक्रवार के दिन करें तुलसी चालीसा का पाठ (Recite Tulsi Chalisa on Friday)
शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित है। इस दिन तुलसी पूजन के साथ-साथ तुलसी चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति के धन-धान्य में वृद्धि हो सकती है। साथ ही मनचाहा फल भी मिलता है। इसके अलावा अगर आपके जीवन में किसी तरह की कोई परेशानी आ रही है, तो उससे भी छुटकारा मिल सकता है।
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शनिवार के दिन करें तुलसी चालीसा का पाठ (Recite Tulsi Chalisa on Saturday)
शनिवार के दिन भी शनि चालीसा का पाठ करना उत्तम फलदायी माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन तुलसी चालीसा का पाठ करता है। उसे शनि दोष से छुटकारा मिल सकता है। साथ ही सौभाग्य में भी वृद्धि हो सकती है।
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तुलसी चालीसा का करें पाठ (Tulsi Chalisa Path)
जय श्री तुलसी देवी, जगदंबा जगमाता।
वरदायिनी सुखदात्रि, त्रिलोक सुखमाता।।
वृंदावन की रानी, श्याम प्रिया अति प्यारी।
पार्वती तुलसी नाम, धरती पर अवतारी।।
कपूर की सुगंध, तुलसी की लाली।
शोभा बढ़ती है, जगमग करती भवाली।।
पवित्र है तन, पवित्र है मन,
पवित्र है वचन, तुलसी के स्पर्श से।।
दुःख नाशनी देवी, सुख समृद्धि कारिणी।
भवन की रक्षा करती, तुलसी रानी।।
गंगा स्नान को तुलसी दर्शन बराबर,
पापों को धो देती, तुलसी माता प्यारी।।
माला तुलसी की, गले में सजाओ।
मन की मलिनता, दूर हो जाएगी।।
भोजन में तुलसी, तुलसी की चाय,
स्वास्थ्य रहता अच्छा, दूर भागे रोग।।
तुलसी पूजन से, भगवान प्रसन्न होते।
मनोकामनाएं पूरी, शीघ्र ही फल मिलते।।
शत्रुओं का नाश, तुलसी करती है।
भय और संकट, दूर करती है।।
तुलसी दल अर्पित, भगवान को भोग लगाकर।
पापों से मुक्ति, शीघ्र ही मिलती है।।
प्रातः काल उठकर, तुलसी दर्शन करें।
दिन शुभ होगा, मन प्रसन्न रहेगा।।
तुलसी की देखभाल, बड़ी ही जरूरी।
प्रेम से सींचें, नियमित रूप से।।
तुलसी के पौधे, घर में अवश्य लगाएं।
सुख-समृद्धि आएगी, जीवन में खुशियां छलकेंगी।।
तुलसी चालीसा का पाठ, प्रतिदिन करें।
भगवान विष्णु की कृपा, आप पर सदैव बनी रहे।।
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Image Credit- herzindagi
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