क्या वाकई ओरल सेक्शुअल इंटरकोर्स होता है सेफ? जानें इंटिमेसी से जुड़े 5 मिथकों के बारे में  

इंटिमेसी और सेक्शुअल हेल्थ को लेकर हमारे मन में बहुत से सवाल होते हैं, लेकिन हम कभी भी उन सवालों को किसी से पूछ नहीं पाते और इसके कारण मिथकों का जन्म होता है। 

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सेक्शुअल वेलनेस से जुड़ा कोई भी सवाल शायद कई लोगों को संकोच में डाल दे। सेक्शुअल वेलनेस काफी हद तक हमारी नॉलेज और हाइजीन पर निर्भर करती है और अगर हम इसके बारे में ठीक से जानकारी नहीं लेते हैं, तो यकीनन ये सवाल हमारे मिथकों की शक्ल ले लेते हैं। हम सभी ने किसी ना किसी तरह का सेक्स मिथ सुना ही हुआ है। खासतौर पर टीनएजर्स के लिए तो यह दुनिया बहुत ही नई और अनोखी होती है और इस दौरान अगर कोई मिथक उनके दिमाग में बैठ गया, तो यह उनकी सेक्शुअल लाइफ को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है।

कुछ मिथक परेशान नहीं करते हैं, लेकिन कुछ ऐसे होते हैं जिनके कारण ना सिर्फ बीमारी फैल सकती है, बल्कि ये मिथक सेक्शुअल रिलेशन को लेकर किसी की धारणा भी बना सकते हैं। ऐसे में लोग जरूरत से ज्यादा रिस्क भी लेते हैं। सेक्शुअल संतुष्टी के साथ-साथ सेफ्टी भी बहुत जरूरी होती है जिसका ध्यान रखना चाहिए।

लैप सर्जन और गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर गरिमा श्रीवास्तव एमडी (MRCOG (UK)) ने इंस्टाग्राम पर इससे जुड़ी जानकारी शेयर की है। उन्होंने उन मिथकों के बारे में बताया जिस पर अधिकतर लोग यकीन कर लेते हैं।

मिथक- ओरल सेक्स से STD नहीं होता

इस मिथक में किसी तरह की सच्चाई नहीं है। यह सही है कि आप ओरल सेक्स के जरिए प्रेग्नेंट नहीं हो सकती हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि ओरल सेक्शुअल एनकाउंटर से किसी तरह का इन्फेक्शन नहीं फैल सकता है। कई बार ऐसा होता है कि किसी इंसान को पता ही नहीं चलता कि उसे इन्फेक्शन है। इसका पता करने के लिए हमेशा मेडिकल टेस्ट्स की जरूरत होती है।

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HIV जैसा खतरनाक इन्फेक्शन भी बॉडी फ्लूएड्स के जरिए ट्रांसफर किया जा सकता है। भले ही कोई वेजाइनल सेक्शुअल इंटरकोर्स नहीं कर रहा हो फिर भी STD जैसी समस्या ओरल सेक्स से हो सकती है। यही कारण है कि हमेशा इसके लिए कंडोम पहनने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, जेनिटल एरिया की हाइजीन का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है ताकि किसी भी तरह का इन्फेक्शन होने की गुंजाइश रोकी जा सके।

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मिथक- टॉयलेट सीट से एसटीडी हो सकता है

पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करना यकीनन बहुत ही खराब लगता है और महिलाओं के लिए तो एक अन्य तरीके का स्ट्रगल शुरू हो जाता है जहां उन्हें टॉयलेट सीट पर स्क्वॉट करके बैठना होता है। पर डॉक्टर्स मानते हैं कि इसकी जरूरत नहीं है। डॉक्टर गरिमा श्रीवास्तव के मुताबिक किसी भी तरह का STD टॉयलेट सीट की वजह से नहीं हो सकता है।

इसका कारण यह है कि अधिकतर बीमारी फैलाने वाले कीटाणु सीट पर बहुत कम समय के लिए होते हैं और आपकी वेजाइनल ओपनिंग सीट से डायरेक्ट कॉन्टैक्ट में नहीं आती है। हां, अगर शरीर के किसी हिस्से में कट लगा है या फिर कोई घाव है, तो बैक्टीरिया शरीर में जा सकता है। हालांकि, टॉयलेट सीट से एसटीडी होने की गुंजाइश काफी कम होती है।

मिथक- पुल आउट तरीके से प्रेग्नेंसी रोकी जा सकती है

डॉक्टर गरिमा के मुताबिक यह बिल्कुल ही झूठ है और ऐसा होना मुमकिन नहीं है। पुल आउट करना सेफ तरीका नहीं होता है और इजैक्युलेशन से पहले भी अगर एक आध ड्रॉप फीमेल जेनिटल के कॉन्टैक्ट में आती है, तो उससे भी प्रेग्नेंसी हो सकती है। इसलिए प्रेग्नेंसी रोकने का सबसे सुरक्षित तरीका प्रोटेक्शन ही है।

मिथक- रियल लाइफ एक्सपीरियंस भी रील लाइफ की तरह होता है

पोर्नोग्राफिक फिल्में काफी हद तक फैंटेसी पर काम करती हैं और इसका मतलब यह नहीं कि वो कहानी सच ही हो। डॉक्टर गरिमा के मुताबिक यह बिल्कुल गलत है और किसी को भी अपनी फेंटेसी पोर्न देखकर नहीं सेट करनी चाहिए। यह आपकी उम्मीदों को तोड़ सकता है।

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मिथक - पीरियड्स के दौरान सेक्शुअल एंकाउंटर से प्रेग्नेंसी नहीं होती

यह मिथक बहुत से लोग सच मानते हैं। साइंस के मुताबिक इसकी गुंजाइश कम होती है कि कोई महिला पीरियड्स के दौरान प्रेग्नेंट हो जाए, लेकिन इसकी गुंजाइश हमेशा बनी रहती है। रिसर्च के मुताबिक पुरुषों का स्पर्म महिलाओं के शरीर में 5 दिनों तक रह सकता है। ऐसे में अगर कोई महिला पीरियड साइकिल के अंत तक सेक्स करती है या उसके शरीर में ओव्यूलेशन जल्दी होता है, तो ऐसा मुमकिन है कि वह प्रेग्नेंट हो जाए और सर्वाइविंग स्पर्म का इस्तेमाल शरीर कर ले। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि किसी भी हालत में बिना प्रोटेक्शन सेक्शुअल एंकाउंटर नहीं करना चाहिए।

अगर किसी भी तरह की सेक्शुअल समस्या हो रही है, तो डॉक्टर से संपर्क करें और सुनी-सुनाई बातों पर यकीन ना करें।

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