आज मेरी अंगूठी इतनी टाइट क्यों है? रातोंरात मेरा 1 किलो वजन कैसे बढ़ गया? आज पैरों में सूजन क्यों है? इस तरह के सवाल अगर अक्सर आपके मन में भी आ रहे हैं तो इसका कारण वॉटर रिटेंशन हो सकता है। हमारा शरीर 60 प्रतिशत पानी से बना है और यह हमारे जीवन के लिए जरूरी भी है, लेकिन जब शरीर अतिरिक्त और अनावश्यक फ्लूइड को होल्ड करता है तब उसे वॉटर रिटेंशन कहते हैं।
यह सर्कुलेटरी सिस्टम, टिश्यू और कैविटीज के भीतर होता है। इसके कारण हाथों, पैरों, टखनों और एड़ियों में सूजन होने लगती है। अब सवाल है कि इसे कैसे कम किया जा सकता है? क्या ऐसा कोई तरीका है कि इसे जल्द से जल्द कम किया जा सके। जी हां, आप अपने खानपान में थोड़ा-सा बदलाव करके इस वॉटर वेट को कम कर सकते हैं। इस आर्टिकल में इसके कारण, लक्षण और कम करने के तरीके आइए जानते हैं।
वॉटर या फ्लूइड रिटेंशन (एडिमा) तब होता है जब फ्लूइड टिश्यू से नहीं निकलता है। इसकी 2 व्यापक श्रेणियां हैं- सामान्यीकृत एडिमा- जब पूरे शरीर में सूजन आ जाती है। लोकलाइज्ड एडिमा-जब शरीर के विशेष हिस्से प्रभावित होते हैं।
ऐसे कई कारण है जिनकी वजह से शरीर में वॉटर वेट बढ़ता है। इनके बारे में आप भी जानें और इसके कारणों को अपने जीवन से हटाने के लिए काम करें-
हाई सोडियम और हाई कार्ब आहार के कारण वॉटर रिटेंशन हो सकता है। पोटेशियम और मैग्नीशियम की कमी भी अतिरिक्त वॉटर वेट का कारण बन सकती है।
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मासिक धर्म से पहले सप्ताह में प्राकृतिक हार्मोन वैरिएशन से ऐसा हो सकता है। नमकीन खाद्य पदार्थों और कार्बोहाइड्रेट की लालसा भी इस दौरान वॉटर वेट बढ़ाती है।
लंबे समय तक बैठने या खड़े रहने से तरल पदार्थ शरीर में चारों ओर ठीक से सर्कुलेट नहीं हो पाते। इससे शरीर के टिश्यू के चारों ओर पानी जमा हो जाता है, जिससे हाथ पैरों में सूजन आ जाती है (पैरों से पहचानें कितनी स्वस्थ हैं आप)।
इससे शरीर के चारों ओर रक्त के सामान्य प्रवाह को बाधित हो सकता है। इसके कारण तरल पदार्थ का निर्माण होता है और वॉटर वेट से सूजन बढ़ने लगती है।
नमक सोडियम और क्लोराइड से मिलकर बना होता है। सोडियम आपके शरीर में पानी को बांधता है और आपके कोशिकाओं के अंदर और बाहर तरल पदार्थ के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है।
अगर आप अक्सर ज्यादा नमक वाले खाद्य पदार्थ खाते हैं, जैसे कई प्रोसेस्ड फूड्स होते हैं,तो आपके शरीर में वॉटर रिटेन होता है। ये खाद्य पदार्थ सोडियम का सबसे बड़ा आहार स्रोत हैं और इसी कारण आपके शरीर में वॉटर रिटेंशन होने लगता है। इसे कम करने के लिए सोडियम का सेवन कम करने की सलाह दी जाती है।
पोटेशियम फ्लूइड बैलेंस में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और यूरिन प्रोडक्शन बढ़ाता है, जिससे शरीर से एक्सेस सोडियम निकलता है। हेल्दी फ्लूइड बैलेंस को सपोर्ट करने के लिए केला, एवोकाडो और टमाटर जैसे पोटेशियम-रिच फूड्स खाना आवश्यक है।
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वॉटर वेट होने का मतलब यह नहीं है कि आपको पानी नहीं पीना है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीकर अपने शरीर को हाइड्रेट रखें। इतना ही नहीं, इससे आपके शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स ही नहीं, बल्कि एक्सेस नमक और गंदगी भी बाहर निकलती है।
नियमित एक्सरसाइज करने से हमारे सर्कुलेटरी सिस्टम को ठीक से काम करने में मदद मिलती है। इससे लिम्फेटिक, डाइजेस्टिव और यूरिनरी ट्रैक्ट से तरल पदार्थ रिटेंशन कम करने में मदद मिलती है।
अगर अब तक आप भी इस परेशानी से जूझ रहे हैं, तो अपनी जीवनशैली में बदलाव लाएं। नियमित एक्सरसाइज और पौष्टिक आहार का सेवन आपके वॉटर वेट को घटाने में मदद कर सकता है। हमें उम्मीद है यह जानकारी आपको पसंद आएगी। इसे लाइक करें और फेसबुक पर आगे तक शेयर करें। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए विजिट करें हरजिंदगी।
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