वॉटर रिटेंशन एक सामान्य और अस्थायी स्थिति है जो कुछ दिनों के बाद वापस सामान्य हो जाती है। लेकिन यह तब समस्या का कारण बन सकता है जब आपकी बॉडी बहुत ज्यादा पानी होल्ड करके रखती है जिससे आप असहज महसूस करती हैं। इसके अलावा बॉडी में पानी जमा हो जाने के कारण आपका वजन बढ़ सकता है। अक्सर सुबह आंखों के नीचे सूजन, फूला हुआ पेट, शरीर में पानी जमा होने के संकेत हैं।
वजन में बड़े पैमाने पर उतार-चढ़ाव से आपको निराशा होती है और यह प्रगति को ट्रैक करना मुश्किल बना देता है। लेकिन आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि कुछ आसान उपाय को अपनाकर आप प्रभावी तरीके से रातभर में वॉटर वेट को आसानी से खो सकती हैं। टिप्स जानने से पहले हम वॉटर वेट के बारे में विस्तार से जान लेते हैं।
मानव शरीर 60 प्रतिशत पानी से बना होता है, जिसका अधिकांश भाग सेल्स में बना रहता है। जब टिशूओं में द्रव एकत्र हो जाता है और शरीर में सूजन आ जाती है तो व्यक्ति पानी का वजन बढ़ाता है। इसमें शरीर यूरिन के रूप में शरीर से निकालने के बजाय अंगों और त्वचा के बीच अतिरिक्त लिक्विड का स्टोर करना शुरू कर देता है। यह कई स्थितियों के कारण हो सकता है। लेकिन किसी भी मामले में वॉटर वेट का बढ़ना स्थायी नहीं होता है और इससे वास्तविक वजन नहीं बढ़ता है।
कोई भी ऐसा कारक नहीं है जिससे शरीर में पानी की कमी हो सकती है और इससे आपका वजन बढ़ सकता है। कई चीजें जो आप अनजाने में एक दिन में करती हैं इससे वॉटर वेट बढ़ सकता है। बहुत अधिक नमक या कार्ब का सेवन, डिहाइड्रेशन, पीरियड्स हार्मोन्स, बर्थ कंट्रोल हार्मोन, कोर्टिसोल लेवल और दवाएं, ये सभी चीजें आपकी बॉडी में पानी होल्ड रखने के लिए मजबूर कर सकती हैं। सामान्य तौर पर, आपको इसके बारे में ज़्यादा चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन अगर आप अपना वेट कम करने के लिए उत्सुक हैं तो इस आर्टिकल में दिए प्रभावी तरीकों को आजमा सकती हैं।
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नमक पानी को आकर्षित करता है, जिससे वह आपके शरीर में ज्यादा स्टोर हो जाता है और सूजन और वजन बढ़ने लगता है। अगर आप बहुत ज्यादा नमकीन स्नैक्स का सेवन करती हैं तो यह समय कम करने का है। यहां तक कि कुछ सब्जियां आपको फूला हुआ महसूस कराती हैं, लेकिन अतिरिक्त सोडियम के कारण पानी का अवधारण इससे अलग है। हमारे शरीर को कार्य करने के लिए प्रतिदिन केवल 2,300 मिलीग्राम नमक की आवश्यकता होती है। लेकिन नमक बहुत सारे फूड प्रोडक्ट्स में छिपा होता है जिनके बारे में हम नहीं जानते हैं। इसलिए अपने दैनिक सोडियम सेवन से सावधान रहें और कम नमक का इस्तेमाल करने का प्रयास करें।
कहते है अति हर चीज की बुरी होती है। खाने के मामले में भी यही लागू होता है। नमक के अलावा चीनी का अधिक सेवन भी वॉटर वेट को बढ़ाता है। जब हम अधिक चीनी का सेवन करते हैं तो हमारा शरीर अधिक पानी जमा करने लगता है जिससे वॉटर वेट बढ़ने लगता है इसलिए चीनी का सीमित मात्रा में सेवन करें।
वॉटर वेट को कम करने के लिए एक्सरसाइज एक बहुत ही अच्छी तरीका है। एक्सरसाइज करने से आपको पसीने और सेल्स में मौजूद अतिरिक्त पानी को खोने में मदद मिलती है। साथ ही एक्सरसाइज करने से आपको अधिक ग्लाइकोजेन जलाने में मदद मिलती है और यह लिम्फ नोड्स को क्रिया में ट्रिगर करता है। इसके अलावा, वर्कआउट ब्लड फ्लो को भी उत्तेजित कर सकता है और सर्कुलेशन में सुधार करता है, जिससे पूरे शरीर में तरल पदार्थ का निर्माण कम हो सकता है।
पोटेशियम एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो हमारे नर्वस सिस्टम और मसल्स को अनुबंधित करने में मदद करता है। यह सोडियम के विपरीत काम करता है और सेल्स में पोषक तत्वों को स्थानांतरित करने और सेल्स से अपशिष्ट प्रोडक्ट्स को बाहर निकालने में मदद करता है। आप दूसरे शब्दों में कह सकती हैं कि पोटेशियम शरीर में दो तरह से वॉटर वेट को कम करने में मदद करता है, पहला सोडियम के लेवल को कम करके और दूसरा यूरिन प्रोडक्शन को बढ़ा कर। इसलिए वॉटर वेट बढ़ने पर अधिक पोटेशियम युक्त भोजन को आहार में शामिल करने से वॉटर रिटेंशन और ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद मिल सकती है। केला, आलू, पालक पोटेशियम के कुछ अच्छे स्रोत हैं।
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मैग्नेशियम एक महत्वपूर्ण इलेक्ट्रोलाइट है जो हेल्थ के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। यह बॉडी फंक्शन के लिए बहुत सारे एंजाइमेटिक रिएक्शन्स में शामिल होता है। इस तरह मैग्नीशियम को अच्छी मात्रा में डाइट में शामिल करके वॉटर रिटेंशन को कम किया जा सकता है। जी हां पोटेशियम की तरह यह भी वॉटर वेट को कम करता ही है। साथ ही पीएमएस को भी कम करता है। मैग्नीशियम अन्य इलेक्ट्रोलाइट्स जैसे सोडियम और पोटेशियम के साथ इन सभी में परिवर्तन हो जाता है। इसके अलावा आपके शरीर से वॉटर वेट को भी कम करता है। केला और पालक मे मॅग्नीशियम सबसे ज़्यादा होता है। इसके अलावा मैग्नीशियम के लिए नट्स, सभी तरह के अनाज, डार्क चॉकलेट, हरी पत्तेदार सब्जियों आदि को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए।
इन सभी बातों को ध्यान में रखकर आप अपनी बॉडी से वॉटर वेट को कम करके खुद को हेल्दी और फिट महसूस कर सकती हैं। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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