हार्मोनल बैलेंस के लिए आज ही छोड़ें ये 10 चीजें

हेल्दी रहने के लिए हार्मोन्स का संतुलित होना बहुत जरूरी है। हार्मोनल बैलेंस के लिए कुछ आदतों को तुरंत छोड़ देना चाहिए। ये आदतें हार्मोन्स को इंबैलेंस करती हैं जिससे शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

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शरीर में हार्मोन्स का बैलेंस रहना बहुत जरूरी है। हार्मोन्स के असंतुलित होने का महिलाओं के शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है। हार्मोनल इंबैलेंस के लक्षण भी शरीर में साफ नजर आने लगते हैं। हार्मोन्स के असंतुलित होने पर थकान, डिप्रेशन, उदासी, चिंता, वजन का बढ़ना, फर्टिलिटी और भूख पर असर, स्किन और बालों पर असल जैसी कई परेशानी हो सकती हैं। जहां एक तरफ अच्छी डाइट और लाइफस्टाइल में कुछ हेल्दी बदलाव कर, आप हार्मोन्स को बैलेंस कर सकती हैं तो वहीं दूसरी तरफ आपकी कुछ आदतें शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस पैदा कर सकती हैं। डाइटीशियन मनप्रीत ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से उन आदतों के बारे में जानकारी है, जिन्हें हार्मोन्स में बैलेंस बनाए रखने के लिए तुरंत छोड़ देना चाहिए।

  • दिन की शुरुआत कैफीन ड्रिंक के साथ करना भी हार्मोनल इंबैलेंस की वजह हो सकता है। इससे स्ट्रेस हार्मोन लेवल पर प्रभाव पड़ता है। स्लीप पैटर्न पर असर पड़ता है, आंतों से जुड़ी परेशानी हो सकती हैं।

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  • एल्कोहल लेने से भी आंतों की सेहत(आंतों की सेहत कैसे सुधारें?)प्रभावित होती है जिसका असर हार्मोनल बैलेंस पर पड़ता है।
  • प्रोबायोटिक फूड्स, गट हेल्थ और हार्मोन्स के लिए अच्छे होते हैं इसलिए अगर आप अपनी डाइट में प्रोबायोटिक फूड्स को शामिल नहीं करते हैं तो इसका सीधा असर हार्मोनल बैलेंस पर होता है।
  • डाइजेशन से जुड़ी समस्याओं का भी हार्मोनल बैलेंस से सीधा रिश्ता है। इसलिए अगर आप लंच के बाद सौंफ वाली चाय नहीं पीते हैं तो इससे आपका डाइजेशन और हार्मोन्स प्रभावित होते हैं।
  • अगर आप मील्स में हाई कार्ब्स और लो प्रोटीन को शामिल करते हैं तो इससे इंसुलिन लेवल स्पाइक हो सकता है और ब्लड शुगर लेवल पर भी असर हो पड़ सकता है।
  • सुबह 6-9 बजे के बीच 15 मिनट की वॉक बहुत जरूरी है। अगर आप ऐसा नहीं करती हैं तो कोर्टिसोल लेवल प्रभावित हो सकता है। साथ ही विटामिन डी के अब्जॉर्बशन भी कम हो सकता है।
  • अगर आप दिन भर में 2 लीटर से कम पानी पीती हैं तो डिहाइड्रेशन हो सकता है जिसकी वजह से शरीर के फंक्शन और हार्मोन्स के प्रोडक्शन पर असर होता है।
  • अपनी डाइट में सलाद को न शामिल करने का असर भी हार्मोन्स पर पड़ता है। सलाद में फाइबर होती है। यह कब्ज को खत्म करती है, डाइजेशन के लिए बहुत अच्छी होती है। हार्मोन्स सिंथेसिस के लिए भी फाइबर जरूरी है।hormonal imbalance foods to avoid
  • देर रात डिनर करने की वजह से भी मेटाबॉलिज्म स्लो(मेटाबॉलिज्म तेज करने के घरेलू उपाय) होता है जिसकी वजह से अपच हो सकता है। इससे हार्मोनल हेल्थ पर असर होता है।
  • अगर आप बाहर के खाने का अधिक सेवन करती हैं तो यह भी आपकी हार्मोनल हेल्थ के लिए अच्छा नहीं है। बाहर के खाने में प्रोसेस्ड कार्ब्स और अधिक तेल होता है, जिससे हार्मोन्स पर असर होता है।

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Image Credit:Freepik

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