जरूरत से ज्यादा चिंता छात्र की सोचने की क्षमता में बाधा उत्पन्न कर सकती है। अगर बच्चा बहुत अधिक प्रेशर में होता है तो वह अपनी क्षमतानुसार प्रदर्शन नहीं कर पाता है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि छात्रों ने पहले से ही कोविड महामारी के बीच विभिन्न एंट्रेंस एग्जाम के लिए उपस्थित होना शुरू कर दिया है, उन्हें ऐसी स्थितियों से निपटने के दौरान शांत रहने की आवश्यकता होती है। छात्रों को अपने स्वास्थ्य के साथ-साथ परीक्षाओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इस महामारी के दौरान छात्र आयुर्वेदिक आसान टिप्स से एग्जाम और रिजल्ट के तनाव को आसानी से कम कर सकते हैं। जी हां इस आर्टिकल के माध्यम से हमें जीवा आयुर्वेद के डायरेक्टर डॉक्टर प्रताप चौहान जी तनाव को कम करने वाले कुछ आयुर्वेदिक टिप्स बता रहे हैं।
प्रताप चौहान जी का कहना है कि ''एंट्रेंस के साथ-साथ एग्जाम के दौरान भी छात्रों को अपने परिवार और दोस्तों से अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता होती है। कोविड से पहले जहां एग्जाम के दौरान सिर्फ शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया जाता था लेकिन अब युवाओं को सुरक्षित रहने की आवश्यकता भी है।''
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आगे उन्होंने बताया, ''कोविड संक्रमण को दूर रखने के लिए सुरक्षात्मक गियर के साथ खुद को तैयार करने के अलावा एग्जाम की तैयारी छात्रों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।आयुर्वेद ऐसे समय में तनाव को दूर रखने और मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल करने में उनकी मदद कर सकता है। आयुर्वेद कुछ तरीकों का सुझाव देता है जो एग्जाम के कारण बच्चे को अत्यधिक तनाव को मैनेज करने में मदद कर सकता है।''
डाइट पर पूरा ध्यान दें
दूध, बादाम, किशमिश, पनीर, हरी सब्जियां और मौसमी फल जैसे भोजन का सेवन बढ़ा देना चाहिए क्योंकि ये पाचन अग्नि को मजबूत रखते हैं। जंक फूड बिल्कुल बंद कर देना चाहिए क्योंकि यह डाइजेशन सिस्टम के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। एक हेल्दी आंत मन को शांत और एनर्जी से भरपूर रखने में मदद करेगा।
अश्वगंधा
अश्वगंधा जैसी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो स्वाभाविक रूप से चिंता को कम करती है। अश्वगंधा एमिनो एसिड और विटामिन का एक मिश्रण होता है जो आपके शरीर को तनाव से बचाने में मदद करता है। इसके अलावा यह आपकी एनर्जी, सहनशक्ति और धैर्य को बढ़ाने में सहायक होता है। यह आपकी अच्छी नींद को बढ़ाने में मददगार होता है और आपके शरीर में एनर्जी को संतुलित करता है।
सकारात्मक माहौल
घर पर एक सकारात्मक माहौल एक छात्र के सोच पैटर्न को बढ़ाएगा। लैवेंडर और नींबू की तरह सुगंधित तेल / अगरबत्ती जलाकर मन को शांत करने में मदद मिलेगी और आप हल्का महसूस करेंगे। कुछ तरह की खुशबू का वात दोष पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। वह इसे कम करने में मदद करती है। नहाने के पानी में तुलसी, नारंगी, लौंग और लैवेंडर का तेल इस्तेमाल किया जा सकता है।
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माता पिता का सपोर्ट
एक बच्चे के जीवन में माता-पिता की भूमिका महत्वपूर्ण है। माता-पिता को अपने बच्चों के साथ अधिक बातचीत करनी चाहिए। इससे बच्चों को अपने डर को छोड़ने में मदद मिलेगी और सोच पर कंट्रोल होगा। एग्जाम के दौरान बच्चों को अपने माता-पिता केे सपोर्ट की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। ऐसे में उन्हें चाहिए कि वह अपने बच्चों का मनोबल बढ़ाएं। ऐसा करने से उनका तनाव तो कम होगा ही, साथ ही आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।
इन टिप्स को आजमाकर बच्चे अपने एग्जाम और रिजल्ट स्ट्रेस को आसानी से दूर कर सकते हैं। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
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