बुजुर्गों का कहना हैं कि गुड़ के बिना खाना अधूरा हैं, आखिर क्यों?
आपने अक्सर अपने घरों में देखा होगा कि आपके घर में मौजूद बुजुर्ग खाने के बाद एक टुकड़ा गुड़ का जरूर खाते हैं। ऐसा ही कुछ आदत मेरे घर में मेरी दादी की भी हैं। अगर आपके घर में मौजूद बुजुर्ग भी खाने के बाद गुड़ खाते हैं और आप यह जानना चाहती हैं कि वह ऐसा क्यों करते हैं तो आइए आपके इस दुविधा को नेचुरोपैथ डॉक्टर प्रमोद बाजपाई दूर करते हैं।
स्वामी परमानंद प्राकृतिक चिकित्सालय योग एवं अनुसंधान केन्द्र के नेचुरोपैथ डॉक्टर प्रमोद बाजपाई (RMO) के अनुसार “गुड़ को अपनी डाइट में शामिल करने का सबसे अच्छा मौसम सर्दियां है, क्योंकि सर्दियों का मौसम ताजे गुड़ का होता है। यह विटामिन और मिनरल का अच्छा स्रोत माना जाता है, जो आपकी इम्यूनिटी को बेहतर करते हुए बॉडी का तापमान को बनाए रखता है। यह खांसी और जुकाम को ठीक कर बॉडी को गरमाई देता है। यह प्राकृतिक मिठाई कई सामग्रियों के साथ मिलकर अच्छा स्वाद भी देती है।''
नेचुरोपैथ डॉक्टर प्रमोद बाजपाई के अनुसार ''आयुर्वेद का मानना है की गुड़ में मौजूद तत्व बॉडी के एसिड को खत्म करते हैं। इसके विपरीत चीनी के सेवन से एसिड की मात्रा बढ़ जाती है जिससे हमारे बॉडी में बीमारियां हो सकती हैं। प्राचीन समय से ही गुड़ को हेल्थ के लिए अमृत माना जाता है। जबकि चीनी को सफेद जहर माना जाता है। निरोगी काया और दीर्घायु के लिए खाने के बाद नियमित रूप से 20 ग्राम गुड़ का सेवन करना चाहिए। गुड़ खाने से हमारे बॉडी की इम्यूनिटी में सुधार आता है। जबकि चीनी एसिड पैदा करती है, जो हमारी बॉडी के लिए हानिकारक है।'' आइए नेचुरोपैथ डॉक्टर प्रमोद बाजपाई से गुड़ के अन्य फायदों के बारे में जानते हैं।
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गुड़ एंटी-ऑक्सीडेंट्स और मिनरल्स जैसे जिंक और सीलिनियम से भरा होता है। यह आपकी बॉडी को इंफेक्शन से दूर रखते हुए फ्री-रेडिकल को डैमेज होने से बचाता है। गुड़, ब्लड में हीमोग्लोबिन की मात्रा को भी कंट्रोल में रखता है।
गुड़ आपके बॉडी में डाइजेस्टिव एंजाइम को उत्पन्न कर, आंतों को काम करने के लिए उकसाने में हेल्प करता है, जिससे आपको कब्ज में राहत मिलती है।
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गुड़ लिवर से टॉक्सिन बाहर निकालने में भी हेल्प करता है। तो अगर आपको अपनी बॉडी को डिटॉक्स करना है, तो एक टुकड़ा गुड़ का खाने में शामिल करें।
यह खांसी और ज़ुखाम को ठीक करने में हेल्प करता है। गुनगुने पानी के साथ इसे मिक्स करके पीएं। या आप अपनी चाय में चीनी की जगह मिठास के लिए गुड़ का इस्तेमाल कर सकती हैं।
गुड़ सबसे ज़्यादा फायदेमंद आपका ब्लड साफ करने के लिए माना जाता है। गुड़ को अगर आप अपने खाने में रोज़ इस्तेमाल करती हैं, तो यह आपको हेल्दी रखेगा। लेकिन ध्यान रहे, आपको गुड़ एक सही मात्रा में खाना है।
नेचुरोपैथ डॉक्टर प्रमोद बाजपाई कहते हैं कि “आपको जानकर खुशी होगी कि गुड़ ही एक ऐसी मीठी चीज है, जो वजन कम करने के लिए भी खाने में शामिल कर सकती हैं। जी हां गुड़, पोटैशियम का अच्छा स्रोत माना जाता है, जो एक प्रकार का मिनरल भी है। यह आपकी बॉडी में मौजूद electrolytes को कंट्रोल करके मसल्स को बनाने और मेटाबॉलिज़्म को बूस्ट करने में हेल्प करता है। पोटैशियम, वॉटर रिटेंशन को कम करने में हेल्प करता है, जिससे आपको कंट्रोल में रहता है”।
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गुड़ बॉडी के लिए एक बेस्ट प्राकृतिक क्लीजिंग एजेंट माना जाता है, इसलिए इसका सेवन करने की सलाह दी जाती हैं। यह सांस की नली, फेफड़े, आंत, पेट और फूड पाइप को भी साफ करने में हेल्प करता है। जो लोग कोयले की खादान या एक ऐसी फैक्ट्री में काम करते हैं, जहां प्रदूषण बहुत ज्यादा होता है, इसलिए उन्हें गुड़ खाने की सलाद दी जाती है।
गुड़ में मौजूद पोषक तत्व पीरियड्स के समय हो रहे दर्द में नेचुरल ट्रीटमेंट माना जाता है। पीरियड्स के कुछ दिन पहले अगर आपका मूड स्विंग होता है, तो आप गुड़ के एक छोटे पीस का सेवन कर सकती हैं। यह पीएसएस के लक्षण के लिए resistant बनते हुए endorphins नाम के हार्मोन को रिलीज़ करने में हेल्प करता है। यह endorphin आपके बॉडी को रिलैक्स करते हुए पीएमएस को रोकता है।
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गुड़ आयरन और फोलेट का अच्छा स्रोत माना जाता है, जो एनीमिया को बेहतर करने में मददगार है। यह रेड ब्लड सेल्स को कंट्रोल मे रखता है। गुड़ गर्भवती महिलाओं के लिए सबसे अच्छा होता है।
नेचुरोपैथ डॉक्टर प्रमोद बाजपाई कहते हैं कि“अगर आपको किसी भी प्रकार का जोड़ों का दर्द है, तो आप गुड़ का सेवन कर सकती है”। जोड़ों के दर्द को ठीक करने के लिए आप इसे एक छोटा पीस अदरक के साथ भी ले सकती हैं। यह आपकी हड्डियों को मजबूत कर अर्थराइटिस की समस्या को भी दूर करने में मददगार साबित हो सकता है।
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मैग्नीशियम की मात्रा होने की वज़ह से गुड़ आपकी आंतों को मज़बूत रखने में मदद करता है। नेचुरोपैथ डॉक्टर प्रमोद बाजपाई कहना है कि आपको 10 ग्राम गुड़ से करीब 16mg मैग्नीशियम मिलता है।
गुड़ अपनी डाइट में शामिल करके आप सांस से संबंधित बीमारियां जैसे अस्थमा, ब्रोन्काइटिस आदि को बेहतर कर सकती हैं। नेचुरोपैथ डॉक्टर प्रमोद बाजपाई का मानना है कि गुड़ एक प्रकार प्राकृतिक स्वीटनर होता है, जिसे तिल के साथ खाने से कई फायदे मिलते हैं।
चीनी एक कार्बोहाइड्रेट है, जो ब्लड में मिक्स होकर आपको तुरंत एनर्जी देती है। वहीं, गुड़ एक कॉम्प्लेक्स कार्ब होता है, जो बॉडी को लंबे समय तक के लिए एनर्जी देने में मददगार है। इसका मतलब है कि चीनी का लेवल एकदम नहीं बढ़ता है। यह आपको मेहनती तो बनाता ही है, साथ ही बॉडी में मौजूद कमजोरी दूर करने में हेल्प करता है।
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गुड़ में पोटैशियम और सोडियम पाया जाता है, जो बॉडी में एसिड लेवल को कंट्रोल में रखता है। यह हाई बीपी को भी कंट्रोल में रखने के लिए खाया जा सकता है।
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नेचुरोपैथ डॉक्टर प्रमोद बाजपाई का कहना है कि गुड़ को कम मात्रा में खाना चाहिए, क्योंकि इसमें कैलोरी ज्यादा होती है। इसके एक ग्राम में चार किलोग्राम कैलोरी होती है। अब तो आप जान ही चुकें हैं कि गुड़ आपकी हेल्थ केे लिए कितना अच्छा होता है। तो अगर आपको भी अपनी हेल्थ बनाए रखनी है और आप मीठा खाने की भी शौकीन है तो आज से ही खाने के बाद गुड़ खाने की आदत डालें।
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