अस्थमा की प्रॉब्लम होने के कारण बहुत सी महिलाएं फिजिकल एक्टिविटी को लेकर कॉन्शस हो जाती हैं। उन्हें लगता है कि वे अब पहले की तरह काम नहीं कर सकती और इसी सोच के चलते वे एक्सरसाइज से भी बचती हैं। अगर आप भी कुछ ऐसा ही सोचती हैं कि अस्थमा में एक्सरसाइज आपको नुकसान पहुंचा सकती है तो आपको जागरूक होने की जरूरत है। एस्थमा की कुछ विशेष स्थितियों को छोड़ दें, तो हल्की-फुल्की एक्सरसाइज से आपके सभी अंग सुचारु रूप से काम करते हैं और अन्य किसी तरह की हेल्थ प्रॉब्लम होने की आशंका नहीं रहती।
अगर एक्सरसाइज से अस्थमा के मरीजों को होने वाले फायदों की बात करें, तो आमतौर पर यह सुरक्षित माना जाता है। लेकिन अगर आपको uncontrolled asthma है तो एक्सरसाइज आपके लिए नुकसानदेह हो सकती है। ऐसे में सबसे अच्छा यही रहता है कि आप डॉक्टर से परामर्श लेकर ही एक्सरसाइज करें। आप जिस भी तरह की एक्सरसाइज करने के बारे में सोच रही है, उसके बारे में डॉक्टर से खुलकर चर्चा करें कि उससे आपकी सेहत के लिए किसी तरह का खतरा तो नहीं। मुमकिन है कि डॉक्टर आपको कुछ specific recommendation दे और एक्सरसाइज के हिसाब से आपकी दवाओं में बदलाव करे।
नियमित रूप से हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करने से आपके फेफड़े स्वस्थ रहते हैं, शरीर में ऑक्सीजन का इनटेक बढ़ता है और आप सिर्फ एक्सरसाइज ही नहीं बल्कि बाद में भी बेहतर तरीके से सांस ले पाती हैं। एरोबिक एक्सरसाइज से आपकी सभी मांसपेशियां सुचारु रूप से काम करती हैं। इससे आपका वजन नियंत्रित रहता है, जिससे अस्थमा के symptoms नियंत्रित रहते हैं। इससे आपका इम्यून सिस्टम भी स्ट्रॉन्ग रहता है।
अगर आपने एक्सरसाइज का मन बना लिया है तो आपको तेजी से काम करने वाला इन्हेलर साथ रखना चाहिए, ताकि एक्सरसाइज करते हुए कभी भी आपको अस्थमा अटैक पड़े, तो आपको तुरंत राहत मिल जाए। इससे सांस लेने में आपको तुरंत या कुछ मिनटों में राहत महसूस होने लगती है। डॉक्टर आपको परामर्श दे सकते है कि आप एक्सरसाइज से पहले अपने इन्हेलर का इस्तेमाल जरूर करें। डॉक्टर आपको आपकी स्थिति देखने हुए दवाओं की सही खुराक लेने के लिए सलाह देते हैं।
ठंडे atmosphere में एक्सरसाइज करने से अस्थमा का अटैक पड़ने की आशंका बढ़ जाती है, इसीलिए ज्यादा ठंडे तापमान में एक्सरसाइज करने से बचें या फिर मास्क का प्रयोग करें ताकि कुछ हद तक आप temprature को कंट्रोल कर सकें। ज्यादा प्रदूषण वाले इलाके या मुख्य सड़कों पर वॉक करने से बचें। धूल, फूलों के पराग कण, तेज सेंट से अस्थमा अटैक पड़ने की आशंका बनी रहती है। वहीं धूल से संपर्क में आने पर भी आपकी मुश्किल बढ़ सकती है। किसी भी एक्सरसाइज से पहले खुद को वार्म-अप करें और एक्सरसाइज के बाद धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आएं और इन दोनों प्रक्रिया में आप 10-10 मिनट का समय ले सकती हैं। अचानक एक्सरसाइज शुरू कर देने और अचानक बंद करने से परहेज करें।
प्रोफेसर मेडिसिन डॉक्टर पुलिन गुप्ता बताते हैं, 'एक्सरसाइज की प्लानिंग कर रही हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि अस्थमा अटैक जिन वजहों से पड़ता है, उनसे बचाव रखा जाए। जो भी एक्सरसाइज करें उसमें इस बात का पूरा ध्यान रखें कि आप शारीरिक रूप से थक न जाएं। एक्सरसाइज करते हुए इन्हेलर हमेशा अपने पास रखें। इस समय में पॉलिनेशन हो रहा है तो कोशिश करें, बाहर एक्सरसाइज करने पर आप इनसे प्रभावित हो सकती हैं। ऐसे में बेहतर होगा कि आप इनडोर एक्सरसाइज करें। फुटबॉल, हॉकी आउटडोर रनिंग, लॉन्ग रनिंग या ऐसी एक्सरसाइज न करें, जिसमें आपको ब्रेक न मिल पाए। इनडोर एक्सरसाइज में आप ट्रेडमिल पर रनिंग कर सकती हैं, टेबल टेनिस खेल सकती हैं, नॉर्मल एक्सरसाइज भी कर सकती हैं। आपके लिए स्वीमिंग भी एक अच्छी एक्सरसाइज है। इससे अस्थमा की प्रॉब्लम नहीं होती और इसे करने पर नाक से सांस लेने पर गरमाहट महसूस होती है। अगर आप यह सोचती हैं कि एक्सरसाइज नहीं करेंगी तो इससे मोटापा होने की आशंका रहती है जो अस्थमा की समस्या को बढ़ा देता है। मोटापे के कारण स्वस्थ लोगों को भी अस्थमा होने की आशंका बढ़ जाती है।'
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