गर्मियों के मौसम में जैसे-जैसे पारा बढ़ता जाता है गर्म हवाएं परेशान करने लगती हैं जिन्हें लू या हीट वेव भी कहा जाता है। वास्तव में ये गर्म हवाएं त्वचा और बालों को तो नुकसान पहुंचाती ही हैं और आपके शरीर में भी न जाने कितनी तरह के दुष्प्रभाव डालती हैं। लू लगने से कई बार शरीर में पानी की कमी हो जाती है, वहीं न जाने कितनी बार शरीर को चक्कर, दस्त और उल्टी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
अक्सर लोग गर्मियों के मौसम में अपने खान पान का सही ध्यान नहीं रख पाते हैं और लू लगने से कई तरह की शारीरिक समस्याएं पैदा होने लगती हैं। लू के थपेड़े आपके शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंचाते हैं। कई बार तो यह समस्या इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि व्यक्ति की मृत्यु तक हो जाती है। आइए Dr Manoj Sharma,Senior Consultant,Internal Medicine, Fortis Hospital Vasant Kunj से जानें लू से शरीर में होने वाले नुकसानों के बारे में।
मई, जून की तेज धुप और गर्मी के दिनों में बाहर निकलने से आपके शरीर को आघात महसूस हो सकता है। ज्यादा देर तक धूप और लू के संपर्क में आने से शरीर में थकान महसूस होने लगती है। ऐसी स्थिति में सबसे पहले, शरीर का बढ़ा हुआ तापमान, ज्यादा पसीना, चिपचिपी त्वचा, निर्जलीकरण, थकान, सिरदर्द, चक्कर आना, मतली, ऐंठन और एक तेज, कमजोर नाड़ी का कारण बन सकता है। इस अवस्था में आपको शरीर को सुरक्षित रखने के लिए सबसे पहले किसी ठंडे स्थान पर जाना चाहिए, पानी की चुस्की लेनी चाहिए और ठंडे पानी से नहाना चाहिए या अपने शरीर पर ठंडा गीला कपड़ा रखना चाहिए। यदि लू लगने के ये लक्षण एक घंटे से अधिक समय तक रहते हैं या बिगड़ जाते हैं, या ज्यादा उल्टी की समस्या होती है तो तुरंत डॉक्टरी परामर्श लेनी चाहिए।
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एक बार जब शरीर का तापमान 103 फ़ारेनहाइट या इससे अधिक हो जाता है, तो व्यक्ति हीट स्ट्रोक से पीड़ित होने लगता है, जो एक घातक चिकित्सा आपात स्थिति हो सकती है। इसके लक्षणों में व्यक्ति की नाड़ी तेजहो सकती है, ठीक से देखने में समस्या हो सकती है, बेहोशी आ सकती है और कई बार पसीना आना बंद हो जाता है। हीट स्ट्रोक से पीड़ित लोगों के शरीर को तुरंत ठंडा करने की जरूरत होती है। हीट स्ट्रोक की स्थिति में, किसी व्यक्ति को पीने के लिए कुछ न दें। उन्हें ठंडे स्थान पर ले जाएं, उन पर ठंडे कपड़े रखें या उन्हें ठंडे पानी से स्नान कराएं।
लू लगने से कई बार डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है। ये समस्या मुख्य रूप से तब देखने को मिलती है जब आप पसीने और सांस लेने के माध्यम से खोए हुए तरल पदार्थ को भरने के लिए पर्याप्त पानी नहीं पीते हैं, तो आप डिहाइड्रेशन से परेशान हो जाते हैं। डिहाइड्रेटेड होने से न केवल आपको प्यास लगती है यह आपके पूरे शरीर के कार्य करने के तरीके पर भी एक बड़ा प्रभाव डाल सकता है। इसके मुख्य लक्षणों में मुंह शुष्क होना, गहरे रंग का मूत्र, शुष्क त्वचा, पेशाब में कमी, मांसपेशियों में ऐंठन, थकान और सिरदर्द शामिल हैं। इससे बचने के लिए आप ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी या तरल पदार्थों का सेवन करें और अपनी डाइट में जूस शामिल करें।
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लू लगने से शरीर में Overheating की समस्या होने लगती है। यह उन लोगों के लिए लक्षणों को और खराब कर सकता है जो पहले से ही दिल या सांस की समस्याओं से पीड़ित हैं। इसके लक्षणों में आपके शरीर का अधिक गर्म होना, शरीर में झुनझुनी होना, सिरदर्द, चक्कर आना, उल्टी और हृदय गति में वृद्धि शामिल हैं। ऐसी किसी भी समस्या के होने पर आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
शरीर में लू के अनगिनत प्रभाव होते हैं इसलिए इससे बचना जरूरी है। किसी भी तरह की शारीरिक समस्या होने पर आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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