मधु और अमित की शादी को 3 साल हो गए लेकिन शादी के 1 साल गुजरने के बाद से ही मधु का अपने पति अमित से हर छोटी-छोटी बातों पर अक्सर झगड़ा होने लगा। हालांकि उनके झगड़े का कोई बड़ा कारण नहीं होता। फिर भी हर बार गलती न होते हुए भी मधु को चुप हो जाना पड़ता और यह चुप्पी ही मधु की सेहत को प्रभावित करने लगी ।मधु अंदर ही अंदर घुटने लगी। इससे उसकी सेहत खराब रहने लगी। जबकि मधु अपनी सेहत को ले कर हमेशा से ही सतर्क रहती इसके बाबजूद भी उसकी सेहत बिगड़ने लगी।
इस बारे में साइकोलॉजिस्ट अनुजा कपूर का कहना है की अक्सर हम लोग अपने वैवाहिक रिश्ते को सही रखने के लिए बहुत से समझौते करते हैं। इन सभी समझौतों के बाद भी अगर ऐसा होता है तो रिश्ते में एक नीरसता पनपने लगती हैं और कुछ समय बाद रिश्तें टूटने की कगार तक पहुंच जाता हैं। असल में कभी कभी बहुत छोटी-छोटी आदतें भी पति पत्नी के रिश्तों को बिगाड़ देती हैं। हमारा मानना है कि बड़ी बातों को आप भले ही भूल जाएं पर छोटी छोटी बातें आपके रिश्ते की उम्र तथा उसकी गुणवत्ता को बढ़ा देती हैं। आपकी रिलेशनशिप अच्छी है या बुरी, इन सब बातों का प्रभाव आपकी सेहत पर भी पड़ता है।
अगर अपनी सेहत को ठीक रखना है तो आपके मन का खुश रहना बहुत जरुरी है। यदि हम मन से खुश होते हैं तो हमें सब कुछ अच्छा लगता है, हमें हर तरफ पोजिटिव चीजे ही दिखती है लेकिन जब हमारा मन ठीक नहीं होता तो हमारा किसी काम में मन नहीं लगता। इसका असर हमारी बॉडी के साथ फेस पर भी पड़ता हैं। रिश्तों में भी ये बात लागु होती है यदि हमारे पार्टनर के साथ हमारी अंडरस्टैंडिंग अच्छी है तो ठीक, नहीं तो ब्लड प्रेशर हाई होना, चिंता होना, डिप्रेशन होना आम बात है। आज के समय में हम सेहत को लेकर पहले से कहीं ज्यादा सतर्क और जागरूक रहने लगे हैं। डेली रूटीन में एक्सरसाइज, डाइटिंग करते हैं, खाने में भी पौष्टिक खाना पसंद करते हैं। लेकिन इन सबके बावजूद क्या आपने कभी सोचा है कि एक कारण है जो इन सब पर भारी पड़ सकता है और आपकी सेहत खराब कर सकता है। वह है एक खराब रिलेशनशिप। जी हां, खुशहाल संबंध जहां हमारे व्यक्तित्व को निखारते हैं वहीं, एक खराब रिश्ता आपके पूरे व्यक्तित्व को विषैला कर देता है। ठीक उसी तरह जैसे कोई दूसरी बीमारी शरीर को नुकसान पहुंचाती है, एक खराब रिलेशन अवसाद, मानसिक तनाव, चिंता और कई तरह की मेडिकल समस्याओं की जड़ बन सकता है।
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अक्सर रिलेशनशिप में पति पत्नी के बीच विचारों को लेकर टकराव किसी भी बात पर हो सकता है। ससुराल के ताने, एक दुसरे के घरवालों पर ध्यान न देना ऐसी कई बातें होती है। ऐसे में एक- दुसरे को समझना बहुत जरुरी है। नहीं तो जब रिश्तों में तनाव पनपने लगता हैं तो अक्सर नींद न आने की शिकायत बनी रहती है और नींद न आना सेहत को बहुत प्रभावित करता है।
आज लोगों में रिश्तों को लेकर सहनशीलता इतनी कम हो गई है और मैं ही सही हूं वाली मानसिकता इस कदर अपना सिर उठा चुकी है कि उन्हें अपने पॉइंट के अलावा और कुछ नजर ही नहीं आता। इसी के कारण अगर किसी भी वजह से उनका रिश्ता अपनी मनचाही मंजिल तक नहीं पहुंच पाता तो इसके चलते वह अवसाद के शिकार भी हो जाते हैं और कई बार तो यह अवसाद इतना गहरा होता है कि उन्हें अपनी जान की भी परवाह नहीं होती। पुरुष इतने मजबूत नहीं होते कि वे असफल रिश्तों का दर्द झेल सकें।
हमारी दिन भर की निगेटिव सोच का असर हमारे खानपान पर पड़ता है। उस स्थिति में हमसे खाना भी नहीं खाया जाता उसका असर हमारे ब्लडप्रेशर पर पड़ता है। एक रिसर्च के अनुसार खुशहाल शादीशुदा लोगों में परेशान शादीशुदा लोगों के मुकाबले ब्लडप्रेशर की शिकायत कम होती है रिश्तों में तनाव की स्थिति में हमारी बॉडी से स्ट्रेस हार्मोंन निकलते हैं जिसकी वजह से दिल की धडकने तेज़ होती हैं और ब्लडप्रेशर बढ़ जाता है।
क्या आप जानते हैं किसी भी रिश्ते में तनाव आपके वजन को भी बढ़ाता है। साल 2018 में किए गए एक सर्वे के मुताबिक जो लोग अपनी शादी से खुश थे, उनके वजन की बढोतरी उनकी अपेक्षा काफी कम थी जिनकी रिलेशनशिप मुश्किलों से गुजर रही थी। इसका फंडा भी बिलकुल सीधा सा है, जब आप खुश होते हैं तो अच्छी आदतों को अपनाते हैं जबकि रिश्तों में तनाव व असंतुष्टि होने पर मन की खिन्नता और गुस्सा सोने और खाने की आदतों पर निकलता है जिसके चलते रूटीन में बदलाव होते हैं और इसका सीधा असर हमारे वजन पर पड़ता है और हमारा वजन बढ़ने लगता है।
आप अपने रिश्ते को सदैव नया बनाये रखें। बिल्कुल उसी तरह जिस प्रकार से यह विवाह के शुरूआती दिनों में था। अपने दिन की शुरुआत हमेशा खुशी और मुस्कराहट के साथ करें। यह काफी छोटी बात है पर ये आपके और आपके साथी के रिश्ते के लिए काफी बड़ी है। यदि सुबह के समय दोनों के बीच चिड़चिड़ाहट शुरू हो जाए तो यह आपके रिश्तें के लिए सही संकेत नही है।
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आप हमेशा ही अपने साथी के साथ पैसे तथा बजट की बात को सही समय तथा सही परिस्थिति के अनुसार ही करें।
आप अपने जीवन साथी के प्रति तुलनात्मक रवैये को सदैव दूर रखें। असल में होता यह है कि जब आपके रिश्ते को एक समय पूरा हो जाता है तो आप अपने साथी में कुछ नया न ढूंढने के स्थान पर वह ढूंढना शुरू कर देते हैं जो आपके साथी में नहीं है। समय रहते आप इस आदत को बदल लें ताकि आपका रिश्ता सदैव स्वस्थ बना रहें।
आप अपने साथी के प्यार को जिस प्रकार शुरूआती समय में जीतने की कोशिश करते थे उसी प्रकार अभी भी करें। अक्सर समय बढ़ने के साथ साथी के प्यार के प्रति हम उदासीन हो जाते हैं और यही हमारे रिशतों में दूरियां बना देता है। अतः यह गलती न करें और अपने प्यार को हमेशा तरोताजा बनाये रखें।
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