गुलाबी आँखें जो तेरी देखी...
शराबी ये दिल हो गया।
आंखें... आंखों की एक अलग ही भाषा होती है और आंखों से प्यार का इजहार करने का तरीका भी अलग ही होता है। इसलिए तो आंखों पर ही कई सारी कविताएं और गाने लिखे गए हैं।
आंखें जब झुकती हैं तो एक अलग इशारा होता है और आंखें जब उठती हैं तो उसका अलग ही मतलब होता है। आंखों की इस जरूरत को ही तो देखते हुए आंखों का मेकअप का भी पूरा अलग कोर्स रखा गया है। लेकिन आज हम आंखों के मेकअप की नहीं बल्कि आंखों से जुड़े पर्सनैलिटी के बारे में बात करेंगे।
आंखें और हमारी पर्सनेलिटी
आंखें केवल हमारी भावनाओं का ही आईना नहीं होती हैं बल्कि ये हमारी पर्सनैलिटी से जुड़े कई राज भी खोलते हैं। जिस तरह से लोग आंखों को देखकर बता देते हैं कि वह रात को रोई है ... या फिर आंखों से झलकती खुशी से पता चल जाता है कि इंसान बहुत खुश और एक्साइटेड है। उसी तरह से आंखों को देखकर लोगों की पूरी पर्सनैलिटी का भी पता लगाया जा सकता है।
किसी व्यक्ति को जानने-समझने के लिए उससे बातचीत करना जरूरी समझा जाता है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि आंखों का रंग भी इंसान के बारे में बहुत कुछ बता सकता है। आज इस आर्टकिल में यही जानेंगे कि हमारी खूबसूरत आंखें हमारी पर्सनैलिटी के राज खोलने में किस तरह से मददगार होती हैं।