आंख फड़कने को शुभ या अशुभ से जोड़ दिया जाता है। कहा जाता है कि अगर सीधी आंख फड़कती है तो कुछ ना कुछ बुरा होता है। लेकिन उल्टी आंख का फड़कना अच्छा माना जाता है। जी हां कई महिलाएं मानती हैं कि आंख फड़कने से अच्छा या बुरा होता है। लेकिन ऐसा नहीं होता, यह अंधविश्वास है। अगर विशेषज्ञों की माने तो इसके पीछे कुछ और ही वजह बताई जाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि आंख फड़कने के पीछे अंधविश्वास नहीं बल्कि कुछ हेल्थ कारण है।
इस समस्या से कुछ दिन पहले मैं भी बहुत परेशान रहती थी। जी हां कुछ दिनों पहले मेरी आंख बहुत ज्यादा फड़कती थी। शुरू में तो मुझे लगा कि मेरे साथ कुछ बुरा होने वाला है। लेकिन आंख का फड़कना बंद ही नहीं हो रहा था। और आंख लगातार कई दिनों तक फड़कती रही। आंख के फड़कने से मैं इतना परेशान हो गई कि मैंने अपनी समस्या के बारे में डॉक्टर से बात की तब डॉक्टर ने बताया कि यह समस्या शुभ या अशुभ से नहीं बल्कि लंबे समय तक कम्प्यूटर पर आम करने से आंखों पर होने वाले स्ट्रेस के कारण है।
आंख का फड़कना एक आम बात है। आमतौर पर आंख की निचली या ऊपरी पलक में ऐसा हो सकता है। इसमें आंख के आस-पास की मसल्स अपने आप संकुचित होती हैं जिससे उलझन तो बहुत होती है लेकिन इससे कोई नुकसान नहीं होता और थोड़ी बहुत देर में ये अपने आप बंद भी हो जाती है। आंख फड़कने के पीछे क्या कारण है, आज हम उसी बारे में बात करेंगे। आइए जानें आंख फड़कने के पीछे क्या कारण है।
नींद की कमी या तनाव
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आजकल की भाग दौड़ भरी लाइफ में थकान और स्ट्रेस होना बहुत आम हो गया है। तनाव या किसी अन्य वजह से जब आपकी नींद पूरी नहीं होती है, ऐसे में आपकी आंख फड़कने लगती है। विशेष रूप से जब भी आंख में स्ट्रेस यानि आई स्ट्रेन जैसी परेशानी होती है तो आंख का फड़कना शुरू हो जाता है। इसके अलावा जब आप तनाव में होती हैं, तो आपकी बॉडी भी अलग-अलग तरह से प्रतिक्रिया करती है। आंखों का फड़कना तनाव का लक्षण हो सकता है। तनाव कम करने से आंख फड़कना तो बंद हो ही जाता है। इसके अलावा अच्छी नींद लेने से भी आपको इसे रोकने में मदद मिल सकती है।
ड्राई आई
लंबे समय तक कम्प्यूटर इस्तेमाल करने वाले, बहुत ज्यादा एसी में बैठने और कांटेक्ट लेंस पहनने वालों को ड्राई आई का खतरा सबसे जयादा होता है। इसके अलावा थकी हुई आंखों के कारण भी आंख के फड़ने की समस्या होती है।
आंखों में तनाव
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आंखों संबंधी परेशानी होने पर कई बार आंखों पर स्ट्रेस पड़ने लगता है। यहां तक कि चश्मे का नंबर बढ़ने पर भी आपकी आंखों पर बहुत ज्यादा स्ट्रेस पड़ता है जिससे आपकी आंख फड़कने लगती है। कई बार आंखों में किसी तरह की एलर्जी के कारण भी आंख में पानी आना, खुजली या फड़कने की समस्या हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
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पोषक तत्वों की कमी
मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों की कमी के कारण भी आंख के फड़कने की समस्या होती है। इसलिए अपनी डाइट में मैग्नीशियम युक्त फूड को शामिल करना बहुत जरूरी है।
जरूरत से ज्यादा कैफीन
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विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि ज्यादा मात्रा में कैफीन और शराब पीने से आंखें फड़कना शुरू हो जाता हैं। अक्सर देखा गया है कि जो महिलाएं ज्यादा मात्रा में कैफीन यानि कॉफी, चाय, सोडा लेती हैं या फिर शराब पीती हैं उन्हें आंख फड़कने की इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है। कम से कम एक या दो हफ्ते तक इन चीजों से बचने से आंखें फड़कना बंद हो जाता हैं।
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बचने के उपाय
- अगर आप भी आंख फड़कने से परेशान हैं तो खुद को अच्छे से हाइड्रेटेड करें। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा पानी लें।
- ज्यादा से ज्यादा नींद लें और अपनी पलकों को जोर-जोर से झपकानी शुरू कर दें।
- अपनी आंखों की अच्छे से मसाज शुरू कर दें।
- कंम्प्यूटर पर देखने के कुछ देर बाद अपनी पलकों को झपकाएं या अपनी आंखों से दूर का देखें।
- कॉफ़ी, चाय और चॉकलेट आदि कम से कम लें।
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