फरवरी में खुद को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए आजमाएं ये आयुर्वेदिक नुस्‍खे

फरवरी के बदलते मौसम में इम्‍यूनिटी को मजबूत और शरीर को तंदरुस्त रखने के लिए आयुर्वेदिक उपाय बेहद असरदार होते हैं। च्यवनप्राश, अश्वगंधा, तुलसी, गर्म आहार और हर्बल चाय जैसी चीजें शरीर को पोषण देती हैं और इम्‍यूनिटी बढ़ाती हैं।
ayurvedic wellness tips to stay fit

फरवरी का महीना सर्दियों का आखिरी चरण होता है। इस दौरान मौसम में काफी उतार-चढ़ाव आता है। शरीर का इम्‍यून सिस्‍टम कमजोर होने लगता है,‍ जिससे सर्दी-जुकाम, फ्लू जैसी समस्‍याएं घेरने लगती हैं। लेकिन, आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्‍योंकि आयुर्वेद में कुछ ऐसे नुस्खे बताए गए हैं, जो आपको फरवरी में खुद को चुस्त-दुरुस्त रखने में मदद कर सकते हैं। इनके बारे में हमें Rasayanam Ayurveda के फाउंडर मिस्‍टर आयुष अग्रवाल बता रहे हैं। एक्‍सपर्ट का कहना है, ''आयुर्वेद शरीर, मन और आत्‍मा के बीच संतुलन बनाने में मदद करता है। आयुर्वेद के सिद्धांतों में बुनियादी रूप से शारीरिक और मानसिक संतुलन को बनाए के उपाय होते हैं, जो बदलते मौसम में इम्यूनिटी को बढ़ाने और शरीर को एनर्जी से भरपूर बनाए रखने में मदद करते हैं।''

जी हां, आयुर्वेद एक पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली है, जिसमें शरीर को स्वस्थ रखने के लिए प्राकृतिक उपायों को अपनाया जाता है। आइए कुछ आयुर्वेदिक नुस्खों के बारे में जानें, जो आपको फरवरी में हेल्‍दी रखने में मदद कर सकते हैं।

हर्बल चीजें खाएं

chyawanprash

  • च्यवनप्राश एक आयुर्वेदिक पारंपरिक जैम है, जो आंवला और अन्य औषधीय जड़ी-बूटियों से तैयार होता है। यह इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है और शरीर को ताकतवर बनाता है।
  • अश्वगंधा एक फेमस आयुर्वेदिक औषधि है, जिसमें एडाप्टोजेनिक गुण होता है, जो शरीर की तनाव प्रतिक्रिया को बेहतर बनाता है और एनर्जी लेवल को बढ़ाता है।
  • तुलसी को आयुर्वेद में पवित्र जड़ी-बूटी माना जाता है, जो श्वसन तंत्र को मजबूत करती है और शरीर को संक्रमण से बचाती है।

गर्म और पोषक तत्‍वों से भरपूर आहार

Soups for wellness

  • आयुर्वेद में माना जाता है कि सर्दियों में शरीर को गर्म और पचने में आसान चीजों की जरूरत होती है। मौसमी सब्जियों जैसे गाजर, चुकंदर और शकरकंद से बने सूप, स्टू और दलिया जैसी चीजें बेहद फायदेमंद होती हैं।
  • हल्दी, अदरक, दालचीनी और काली मिर्च जैसे मसाले डाइजेशन को सही रखते हैं और इम्‍यूनिटी को बढ़ाते हैं।
  • घी, आयुर्वेद का जरूरी घटक है, जो शरीर के टिश्युओं को मजबूत बनाता है और पोषक तत्‍वों के अवशोषण को सही रखता है।
  • ठंडे और कच्चे फूड्स खाने से बचें, क्योंकि ये कफ दोष को बढ़ाते हैं और डाइजेशन को कमजोर कर सकते हैं।

हाइड्रेशन भी है जरूरी

  • पूरे दिन गर्म हर्बल चाय या मसालेदार पानी पीकर शरीर को हाइड्रेटेड रखा जा सकता है, जिससे डाइजेस्टिव सिस्‍टम भी हेल्‍दी रहता है। सौंफ, जीरा और धनिया की चाय विशेष रूप से लाभकारी होती है। यह न केवल शरीर को गर्म रखती है, बल्कि डाइजेशन और शरीर के अन्य कार्यों में भी सुधार करती है।

अच्‍छी दिनचर्या अपनाएं

oil massage

  • सर्दियों में त्‍वचा ड्राई हो जाती है। इसलिए, नियमित रूप से तिल या बादाम तेल से मालिश करें। इससे ब्‍लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, त्वचा को पोषण मिलता है और नर्वस सिस्‍टम शांत रहता है।
  • सर्दियों में नाक की ड्राईनेस और श्वसन संक्रमण को रोकने के लिए गुनगुने तिल के तेल या हर्बल तेल की नाक को डालें।

फरवरी का बदलता मौसम शरीर को कमजोर बना सकता है, लेकिन आयुर्वेदिक उपायों को अपनाकर इस मौसम का पूरी तरह से सामना किया जा सकता है। अपने शरीर को पोषण देने, मन को शांति प्रदान करने और आयुर्वेदिक सुझावों का पालन करने से हम न केवल इस सर्दी से बच सकते हैं, बल्कि अपनी इम्यूनिटी और एनर्जी लेवल को भी बनाए रख सकते हैं। इन आयुर्वेदिक नुस्खों को अपनाकर आप स्वस्थ और संतुलित जीवन जी सकते हैं और फरवरी में भी खुद को चुस्त-दुरुस्त रख सकते हैं।

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Image Credit: Shutterstock

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