पीरियड्स महिलाओं में हर महीने में होने वाली एक सामान्य प्रक्रिया है। महिलाओं की अच्छी सेहत के लिए पीरियड्स भी हेल्दी होने चाहिए। आज के वक्त में अनियमित जीवनशैली, खान-पान की गलत आदतों और भी कई कारणों के चलते, लड़कियों को पीरियड से जुड़ी कई दिक्कतें होने लगती हैं। जिनमें अनियमित पीरियड्स, हार्मोनल असंतुलन, पीरियड फ्लो में बदलाव और भी कुछ चीजें शामिल हैं। जिस तरह हार्मोन्स का, खान-पान, नींद और स्ट्रेस का असर पीरियड्स पर होता है, उसी तरह हमारे शरीर में मौजूद तीनों दोषों का भी पीरियड हेल्थ पर असर पड़ता है।
जो भी लोग आयुर्वेद चिकित्सा पध्दति के बारे में कुछ भी जानते हैं, वे इस बात से वाकिफ हैं कि आयुर्वेद में अच्छी सेहत के लिए शरीर में मौजूद तीन दोषों का संतुलन कितना जरूरी माना गया है। शरीर में मौजूद वात, पित्त और कफ दोष का पीरियड्स पर असर पड़ता है। कफ दोष का पीरियड्स पर क्या असर पड़ता है, इस बारे में आज आपको इस आर्टिकल में बताएंगे। आयुर्वेदिक डॉक्टर नीतिका कोहली ने यह जानकारी अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से शेयर की है।
कफ दोष का पीरियड्स पर असर
- जिन महिलाओं में कफ दोष की अधिकता होती हैं, उनमें पीरियड का फ्लो न बहुत अधिक होता है और ना ही बहुत कम। हालांकि इन महिलाओं में पीरियड एक हफ्ते या उससे अधिक दिन के लिए आते हैं।
- ब्लड का रंग बहुत गहरा लाल नहीं होता है बल्कि यह हल्के लाल रंग का होता है। इसमें म्यूकस मिला हो सकता है। पीरियड में ब्लड का फ्लो लगातार आता है।
- पीरियड्स के दौरान थका हुआ और भारीपन महसूस होता है। कफ दोष प्रधान महिलाओं को पीरियड के दिनों में ज्यादा सोने का मन करता है।
- पीरियड्स के दौरान महिलाओं को कब्ज की समस्या हो सकती हैं। वहीं कुछ महिलाओं को पीरियड के दिनों में लूज मोशन भी हो जाते हैं। बात अगर कफ दोष प्रधान महिलाओं की करें तो इन्हें पीरियड्स के दिनों में जी मिचलाना या फिर उल्टी आने की समस्या हो सकती है। (पीरियड क्रैम्प्स के लिए हैक्स)
- पीरियड्स के दौरान कफ प्रधान महिलाओं को ब्रेस्ट में सूजन महसूस हो सकती है। पैर के निचले हिस्से में भी हल्की सूजन आ सकती है।
- पीरियड्स के दिनों में होने वाले बदलाव सिर्फ शारीरिक नहीं होते हैं बल्कि इमोशनली भी यह वक्त महिलाओं के लिए चैलेंज से भरा होता है। कफ प्रधान महिलाएं पीरियड्स में इमोशनल होती हैं। छोटी-छोटी बातों पर इमोशनल हो जाती हैं या फिर पुरानी बातों को याद कर भावुक हो जाती है।
- आयुर्वेद के अनुसार, महिलाओं को पीरियड साइकिल से जुड़ी कुछ चीजों को ट्रैक करना चाहिए। अगर आपका पीरियड ब्लड, ब्राइट रेड कलर का है, ब्लीडिंग लगभग 5 दिन चल रही है, पीरियड ब्लड से कोई दुर्गंध नहीं आ रही है, ब्लड फ्लो न बहुत अधिक है और न ही बहुत कम तो मतलब पीरियड हेल्दी है।
- वहीं अगर पीरियड के दौरान कोई और डिस्चार्ज, मूड स्विंग, क्रैम्प्स, क्रेविंग्स या हैवी ब्लीडिंग महसूस हो रही है तो ये हार्मोनल असंतुलन का संकेत है।
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Image Credit:Freepik
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