आप उपवास चाहे धार्मिक कारणों से करते हैं या जीवन शैली के विकल्प के रूप में, दोनों ही स्थिति में इसका सीधा असर आपके स्वास्थ्य पर समान रूप से पड़ता है। आयुर्वेद में लंबे समय तक उपवास करने के महत्व और इससे होने वाले स्वास्थ्य लाभों के बारे में बताया गया है।
बीएलके सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, नई दिल्ली की क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट मेघा जैन का कहना है कि उपवास शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है, वजन कम करने और चयापचय और पुरानी बीमारियों के विकास के जोखिम को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, यह आपके दिल के स्वास्थ्य और रक्तचाप को कम करने के लिए भी अच्छा है। हफ्ते में कम से कम एक दिन का उपवास सभी को जरूर रखना चाहिए। आइए जानें कैसे व्रत रखना स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।
उपवास वाले दिन नमक का सेवन नहीं किया जाता है। जिससे एक दिन नमक न खाने की वजह से हाई ब्लड प्रेशर के मरीज़ों का ब्लड प्रेशर नियंत्रण में आता है। इस तरह उपवास करने से दिल स्वस्थ और ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है।
मेघा जैन कहतीं हैं कि उपवास वजन कम करने और पुरानी बीमारियों के विकास के जोखिम को भी कम करता है। जब लोग व्रत रखते हैं तब फलाहार का सेवन करते हैं, जिससे कई बीमारियों से निजात मिलता है। फलों में विटामिन्स और एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं जो इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं और बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं।
व्रत रखना वजन नियंत्रण के लिए भी अति आवश्यक है। व्रत वाले दिन लोग खाने की अति से बचे रहते हैं और नियंत्रित होकर सीमित चीज़ों का सेवन करते हैं ,जिसकी वजह से मोटापा कंट्रोल होता है जोकि आज के समय में चिंता का मुख्य कारण है। वजन नियंत्रित करने के लिए सप्ताह में एक व्रत जरूर रखें।
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बहुत से अध्ययन हैं, जिनमें दावा भी किया गया है कि उपवास हृदय संबंधी जटिलताओं को कम कर सकता है और दीर्घायु बढ़ा सकता है। अध्ययनों के मुताबिक जो लोग उपवास आहार का पालन करते हैं, उनको दिल की बीमारी अन्य लोगों की तुलना में कम होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जो लोग नियमित रूप से उपवास करते हैं, वे अपने कैलोरी सेवन को नियंत्रित कर पाते हैं , जो उन्हें शरीर के वजन को कम करने और बेहतर खाने के विकल्प ढूंढने में भी मदद करता है। मेघा जैन कहतीं हैं कि जो लोग अपने दिल को स्वस्थ रखना चाहते हैं और कई अन्य बीमारियों से बचना चाहते हैं उन्हे नियमित रूप से उपवास को अपनी लाइफस्टाइल में जरूर शामिल करना चाहिए। उपवास का मतलब ये नहीं है कि आप कुछ खाएं ही नहीं, बल्कि हेल्दी डाइट लें जैसे फलों आदि का सेवन करें।
वैसे तो उपवास सभी के लिए सुरक्षित है और इसका हमारे स्वास्थ्य पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है, लेकिन अगर किसी को कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, तो कुछ भी नया करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करना न भूलें।
बच्चों और किशोरों को भी व्रत नहीं करना चाहिए क्योंकि उन्हें भी भरपूर पोषण की आवश्यकता होती है।
मधुमेह से पीड़ित लोगों को व्रत नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसे लोगों के शरीर में शर्करा का लेवल व्रत के दौरान बिगड़ सकता है, जिससे उन्हें व्रत के दौरान कमजोरी और चक्कर जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
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ऐसी महिलाएं जो गर्भवती हैं या शिशु को स्तनपान कराती हैं उन्हें व्रत नहीं करना चाहिए। क्योंकि प्रेगनेंसी में(प्रेग्नेंसी में करें इन होममेड हेल्दी जूस का सेवन ) गर्भ में पल रहे शिशु को पूरी तरह से पोषण की आवश्यकता होती है और व्रत के दौरान सिर्फ फलों का सेवन ही किया जाता है जोकि अनाज में मौजूद पोषक तत्वों की कमी को पूरा नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा व्रत के दौरान शरीर में पानी की कमी की भी समस्या हो सकती है।
यदि आपको कोई पुरानी बीमारी है तब भी व्रत करना आपके लिए अच्छा नहीं है। यदि आप ऐसी बीमारी की अवस्था में व्रत करते हैं तो शारीरिक कमजोरी का सामना करना पड़ सकता है। इस तरह व्रत करना स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं से निजात तो दिलाता ही है, साथ ही बीमारियों से भी बचाता है। कुछ बातों का ध्यान रखकर हफ्ते में एक व्रत करें और स्वस्थ रहें।
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