आज के समय में हर कोई अपना वजन कम करने की जद्दोजहद में जुटा है और इसके लिए सही खाने के साथ-साथ वर्कआउट भी बहुत अहम् है। अमूमन हम अपने वर्कआउट में कई तरह की एक्सरसाइज को शामिल करते हैं। अमूमन वेट लॉस के लिए साइकिलिंग और स्किपिंग दोनों को काफी अच्छा माना जाता है। हालांकि, अधिकतर लोग इस बात को लेकर कन्फ्यूज़ रहते हैं कि उन्हें स्किपिंग या साइकिलिंग में से क्या करना चाहिए।
दरअसल, दोनों ही एक्सरसाइज की अपनी खूबियां व खामियां हैं और बेस्ट रिजल्ट पाने के लिए आपको पहले इसे समझना होगा। इसके बाद ही आप अपने लिए एक बेस्ट एक्सरसाइज व सही वर्कआउट रूटीन फॉलो कर पाएंगे। जहां स्किपिंग एक हाई इंटेसिटी वर्कआउट है, जो कम समय में अधिक कैलोरी बर्न करता है, वहीं साइकिलिंग एक लो-इंपैक्ट ऑप्शन है और आप लॉन्ग कॉर्डियो सेशन में इसे शामिल कर सकते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि बेहतर वेट लॉस के लिए साइकिलिंग और स्किपिंग में से किसे करना चाहिए-
कैलोरी बर्निंग
साइकिल चलाना और स्किपिंग दोनों ही कैलोरी बर्न करने के बेहतरीन तरीके हैं, लेकिन अगर कम समय में इंटेंस कैलोरी बर्निंग की बात होती है तो स्किपिंग को ज्यादा बेहतर माना जाता है। जहां एक घंटा साइकिलिंग करने पर आपकी 300-800 कैलोरी बर्न हो सकती है, यह आपकी साइकिलिंग स्पीड, पैडलिंग आदि पर निर्भर करेगा। वहीं, 15 मिनट का स्किपिंग सेशन आपकी स्पीड और इंटेसिटी के आधार पर 200-300 कैलोरी बर्न कर सकता है।
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मसल टोनिंग और स्ट्रेन्थ
मसल टोनिंग और स्ट्रेन्थ के लिए भी साइकिलिंग और स्किपिंग को भी अच्छा माना जाता है। जहां साइकिलिंग आपके पैरों, पिंडलियों, जांघों और ग्लूट्स के लिए अच्छा माना जाता है। साथ ही, यह बॉडी बैलेंस के लिए आपके कोर और बैक को एंगेज करता है, खासकर अगर आप अलग-अलग इलाकों में साइकिल चला रहे हैं। वहीं स्किपिंग आपकी पूरी बॉडी जैसे हाथ, कंधे, कोर और पैर पर काम करती है। इसलिए, जब बात बॉडी टोनिंग की हो तो आपको स्किपिंग को चुनना चाहिए, वहीं स्टेमिना के लिए साइकिलिंग बेस्ट ऑप्शन है।
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ज्वॉइंट्स पर इंपैक्ट
साइकिलिंग को ज्वॉइंट फ्रेंडली माना जाता है। चूंकि यह एक लो इंपैक्ट वर्कआउट है, इसलिए अगर किसी को घुटने से जुड़ी समस्या है या फिर आपने अभी-अभी वर्कआउट शुरू किया है तो ऐसे में आप साइकिलिंग कर सकते हैं। वहीं अगर आप अपनी हड्यिं को मजबूत बनाना चाहते हैं और को-ऑर्डिनेशन को इंप्रूव करना चाहते हैं तो ऐसे में स्किपिंग की जा सकती है। यह एक हाई इंपैक्ट एक्सरसाइज है, इसलिए अगर आप ध्यान नहीं देते हैं तो इससे आपके घुटने व टखनों पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। ज्वॉइंट सेफ्टी के लिहाज से साइकिलिंग को ज्यादा बेहतर माना जाता है।
किसे चुनें
अब सवाल यह उठता है कि साइकिलिंग और स्किपिंग में से किसे चुनना चाहिए। यह आपकी प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है। मसलन, अगर आप एक लो इंपैक्ट कार्डियो चुनना चाहते हैं, जिसे आप लंबे समय तक कर सकें तो आप साइकिलिंग चुनें। वहीं, अगर आपके पास समय की कमी है और आप हाई इंटेसिटी और स्पेस सेविंग वर्कआउट करना चाहते हैं तो ऐसे में स्किपिंग करना ज्यादा बेहतर रहेगा।
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Image Credit- freepik
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