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Ganesh Chaturthi 2022: 'लालबाग के राजा' की पहली झलक ने भक्तों को बनाया दीवाना

Ganesh Chaturthi 2022: हर साल की तरह इस साल भी मुंबई में 'लालबाग के राजा' की पहली झलक सामने आई है। इस लेख में हम आपको बताएंगे उनसे जुड़ी हुई जानकारी।
Editorial
Updated:- 2022-08-30, 15:13 IST

भगवान गणेश को समृद्धि और बुद्धि का देवता माना जाता है। उनकी कृपा से हम सभी के जीवन में समृद्धि की प्राप्ति होती है। भगवान गणेश जी को सर्वशक्तिमान देवता माना जाता है और उनकी पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। शास्त्रों के अनुसार गणपति का पूजन सबसे पहले किया जाता है। गणेश चतुर्थी भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है।

इस साल 31 अगस्त को यह त्यौहार धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। आपको बता दें कि यह त्यौहार महाराष्ट्र का सबसे बड़ा त्यौहार होता है और गणेश चतुर्थी को मुंबई में सबसे ज्यादा धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

मुंबई के मशहूर लालबाग के राजा

lal bagh ke raja

मुंबई के सबसे मशहूर लालबाग के राजा की पहली झलक भक्तों को दिखा दी गई है। आपको बता दें कि पिछले दो सालों से कोरोना के चलते यह त्यौहार बहुत ही साधारण तरीके से मनाया गया था। पिछले साल कोरोना की वजह से भक्तों को सिर्फ ऑनलाइन ही दर्शन हो पाए थे।लेकिन अब इस साल कोरोना पाबंदियों के हटने से गणेश चतुर्थी को पूरे देश में 10 दिनों तक बहुत धूमधाम से मनाया जाएगा। बता दें ‘लालबाग के राजा’ (लालबागचा राजा) मुंबई का सबसे प्रसिद्ध गणेश पंडाल है।

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कैसी है इस बार की मूर्ति?

lal bagh ke raja

'लालबाग के राजा' में इस बार 12 फीट की विशाल गणेश जी की मूर्ति सिंहासन पर अपनी शाही मुद्रा में नजर आ रहे हैं। इस साल की थीम अयोध्या राम मंदिर रखी गयी है। कला निर्देशक नितिन चंद्रकांत देसाई ने पंडाल को अति सुंदर और खूबसूरत लुक दिया है।

आपको बता दें कि इस साल यह सार्वजनिक मंडल 89 साल पूरे कर रहा है। इस मंडल ने दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बड़े-बड़े मंडप भी बनाए हैं। पंडाल के बाहर लालबागचा राजा गणेश गली में कई तरह के रंगो की लाइट्स से सजावट की गई है जो मुख्य विशेषताओं में से एक है। यह सभी चीजें भक्तों को दीवाना बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ती हैं।

पिछले साल इस अवतार में थे गणेश जी

पिछली बार भगवान गणेश जी को भगवान विष्णु जी का रूप दिया गया था। हर साल मुंबई में कई लोग इस पंडाल में गणेश जी की मूर्ति के दर्शन के लिए आते हैं। यही नहीं लालबाग के राजा के पंडाल में हर साल कई सेलिब्रिटी भी यह पंडाल देखने आते हैं।

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दो लाइनों में होते हैं दर्शन

दर्शन करने के लिए इस पंडाल में श्रद्धालुओं की हर बार दो लाइन लगती हैं। इन दोनों लाइन में से एक होती है नवसाची लाइन ये उन श्रद्धालुओं की लाइन होती है जिन्हें मंच पर जाना है और गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त करना होता है। वहीं दूसरी लाइन मुख दर्शनाची लाइन होती है। इस लाइन में लगे भक्तों को थोड़ी दूर से मूर्ति की एक झलक देखने की अनुमति मिलती है।

क्या है 'लालबाग के राजा' का इतिहास?

ऐसा माना जाता है कि साल 1932 में पेरु चॉल मार्केटप्लेस बंद हो गई थी इसलिए वहां रहने वाले मछुआरों और विक्रेताओं को अपना सारा सामान बेचना पड़ा फिर जब दुबारा बाजार बन गया तब उन लोगों ने यह कसम खाई थी कि वह भगवान गणेश जी को एक स्थायी स्थान देंगे। लालबाग के राजा साल 1934 से मध्य मुंबई में अपने पंडाल में गणपति जी की मूर्ति स्थापित कर रहा है।

आपको बता दें कि लालबाग के राजा देश में सबसे लंबा विसर्जन जुलूस आयोजित करता है।

कैसी है इस बार तैयारी?

इस बार वरिष्ठ नागरिकों,महिलाओं और बच्चों के बैठने की व्यवस्था की है। साथ ही सभी के लिए 24 घंटे पानी उपलब्ध होगा।

इसके अलावा समय-समय पर चाय और बिस्कुट भी दिया जाएगा। इसके साथ ही सुरक्षा का ध्यान रखते हुए लगभग 250 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा निजी सुरक्षा एजेंसी के कर्मियों को भी लोगों की सुरक्षा के लिए रखा गया है।

तो यह थी मशहूर 'लालबाग के राजा' से जुड़ी हुई जानकारी।

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Image credit- Pallav Pallival

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