मां बनना हर महिला के लिए एक सुखद अनुभव होता है। मगर मां बनने के साथ ही कई नई चीजों की शुरुआत भी हो जाती है। इन नई चीजों में सबसे महत्व पूर्ण होती हैं ब्रेस्टफीडिंग। एक मां के लिए अपने बच्चे को ब्रेस्टफीड कराना उतना ही जरूरी है जितना खुद को फीड करना। ब्रेस्टफीडिंग का कोई निश्चित समय नहीं होता। बच्चे को जब भूख लगती है मां को ब्रेस्टफीड कराना पड़ता है। चाहे वह घर पर हो या घर के बाहर। मुश्किलें तब आती हैं जब मां बच्चे के साथ घर से बाहर होती है। भारत में ब्रेस्ट्फीडिंग कराने वाली मदर्स के लिए कोई खास व्यीवस्था नहीं है। अपने बच्चे को उन्हें पब्लिक प्लेस पर ही फीड कराना पड़ता है। हर मां के लिए इस सिचुएशन से डील करना थोड़ा इम्बैेरसिंग होता है। मगर कुछ देश ऐसे भी हैं, जहां ब्रेस्ट फीडिंग मदर्स के लिए खास व्यवस्था की गई हैं। आज हम ऐसे ही देशों के बारे में आपको बताएंगे।
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जापान की राजधानी टोकियों में ब्रेस्ट फीडिंग मॉम्स के लिए खास तरह के बेबी कैफेस बने हैं। इन कैफेस में मां अपने बच्चेय को ब्रेस्टफीडिंग के साथ ही उसे सुला भी सकती हैं। मदर्स के लिए भी इन कैफेस में काफी इंतजाम हैं। फीड कराते वक्त अगर मां को कुछ खानेपीने का मन करे तो इन कैफेस में फूड आइटम्स भी उपलब्ध हैं। इसके अलावा यदि महिला अपने पति के साथ बच्चें को नर्सिंग देना चाहे तो इसके लिए जगह जगह फैमिली सूट्स बने हुए हैं।
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यह एक फैमिली फ्रेंडली डेस्टीनेशन है। यहां मदर्स को ब्रेस्टफीडिंग के लिए इंकरेज किया जाता है। मदर्स को पब्लिक प्लेस में बच्चे। को फीड कराने में दिक्कत न हों इसलिए होटल्स से लेकर पार्क तक सभी जगह अलग से मदर्स रूम बनाए गए हैं। इन रूम्स में मदर्स अपने बच्चे को फीड कराने के साथ ही उनके कपड़े और नैपी भी बदल सकती हैं। इन रूम्स में एक साथ कई मदर्स को एक्मोडेट किया जाता है। यहां पुरुष नहीं आ सकते।
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यह एक फैमिली ओरियंटेड देश है। यहां बच्चों की बहुत केयर की जाता है। यहां एक सरटेन ऐज तक बच्चों कई जगह फ्री में सेवा मिलती है। यहां पब्लिकली ब्रेस्टफीडिंग कराना पूरी तरह से लीगल है, मगर ब्रेस्ट।फीड कराने वाली मॉम्स को फीडिंग स्टोल या फिर ब्लैंकेट का यूज करना होता है। जब कभी भी कोई लेडी इस अवस्था में दिखती हैं तो उसे पूरे सम्मान के साथ बैठने की जगहा दी जाती है।
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यह एक बेबी फ्रेंडली देश है। यहां मां और बच्चे को खास स्पेस दी जाती है। मां की अनुमती के बिना यहां बच्चे को कोई टच भी नहीं कर सकता। बच्चे के साथ खेलने या बात करने के लिए किसी को भी एक डिस्टेंस बनाना पड़ता है। यहां पर पब्लिकली ब्रैस्टफीडिंग लीगल है मगर अनईजी फील करने पर मदर्स के लिए कुछ नर्सिंग स्पेस बनाई गई हैं। यहां लगभग सभी सार्वजनिक स्थानों पर नर्सिंग स्पेस बनी हुई हैं। इन स्पेस को एक खास तरह के साइन से दर्शाया गया है। जिसे आसानी से समझ कर मां अपने बच्चे को प्राइवेट स्पेस में नर्सिंग और फीड दे सकती है।
बेबीज और ब्रेस्टफीडिंग मॉम्स के लिए यह देश सबसे बेस्ट है। यहां बेबी को ब्रेस्टफीड करनाने के लिए प्रो बूब प्लेसेस बनी हुई हैं। यहां डिलीवरी के बाद वर्किंग मॉम्स को 58 वीक की पेड लीव मिलती हैं इसके बाद भी मदर को अगर अपने बेबी को फीड कराना है तो ऑफिस टाइम में ही वो अपने बेबी को फीड कराने के लिए घर जा सकती है। इसके साथ ही पब्लिक प्लेस पर बने प्रो बूब प्लेस भी महिलाओं को फीड कराने में मदद करती है।
इस देश में एक समय ऐसा था जब बच्चे मॉलन्यूट्रिशन के शिकार हो रहे थे। उस वक्त देश की सरकार ने मदर्स को ब्रेस्टफीड के लिए इंकरेज करने के लिए कई कैंपेन चलाए। इस अवेयरनेस का ही नतीजा है कि इस देश में ब्रेस्टफीडिंग मॉम्स को बहुत ही रिस्पेक्ट दी जाती है। फीडिंग के दौरान बच्चे को कोई दिक्कत न हो इसलिए पेरू में जगह जगह नर्सिंग कैबिंस बनाए गए हैं।
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