अगर आप आज तक सूरजकुंड मेला देखने नहीं गई हैं तो इस साल आपको यह मेला देखने जरूर जाना चाहिए। हर साल सूरजकुंड मेले में एक खास राज्य के खान-पान, शिल्प और कलाएं दिखाई जाती हैं। यह मेला दूसरे शहरों में रह रहे लोगों के लिए अपने कल्चर की यादें ताजा कर देता है।
शुक्रवार 2 फरवरी से सुरजकुंड मेले का आगाज हो गया है। सुनहरे रंगों की छटा बिखेर रहे मेले में पहले ही दिन देश-विदेश के क्राफ्ट और कल्चर को टूरिस्ट्स के सामने पेश किया गया। मेले का शुभारंभ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने संयुक्त रूप से किया। यह पहली बार है जब दो मुख्यमंत्रियों ने संयुक्त रूप से सूरजकुंड मेले का उद्घाटन किया है।
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उद्घाटन के मौके पर सीएम मनोहर लाल ने कहा कि यह मेला साल में दो बार जरूर लगना चाहिए। 32वें अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में इस बार उत्तर प्रदेश थीम राज्य होगा और किर्गिस्तान सहयोगी देश के तौर पर हिस्सा ले रहा है। उद्घाटन के बाद योगी आदित्यनाथ और मनोहर लाल खट्टर ने मेले का अवलोकन भी किया। इस दौरान दोनों यहां पर आए कुछ कलाकारों से बातचीत भी की। चलिए जानते हैं क्या है इस बार सूरजकुंड मेले में खास।
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यहां आपको बता दें सूरजकुंड मेला अथॉरिटी, हरियाणा टूरिज्म और टेक्स्टाइल, पर्यटन, कल्चर एंड एक्सटर्नल अफेयर्स मंत्रालय मिलकर इसे आयोजित करते हैं। इनका उद्देश्य होता है ग्रामीण भारत के कल्चर और ट्रेडिशन को दिखाना।
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आइएं आपको लेकर चले सूरजकुंड मेले की ओर
- यह मेला 2 फरवरी से शुरू होकर 18 फरवरी 2018 तक चलेगा और यह मेला टूरिस्ट्स के लिए सुबह 10 बजकर 30 मिनट से शुरू होकर रात 8 बजकर 30 मिनट तक खुलेगा।
- इस बार इस मेले का थीम राज्य उत्तर प्रदेश होगा और किर्गिस्तान सहयोगी देश के तौर पर हिस्सा ले रहा है।
- इस मेले का टिकट शनिवार-रविवार 120 रुपये प्रति व्यक्ति है और बाकि दिनों में 180 रुपये प्रति व्यक्ति। सूरजकुंड मेले की टिकट को ऑनलाइन भी बुक किया जा सकता है।
- हैंडीक्राफ्ट्स और हैंडलूम के अलावा यहां खुली चौपालों पर सांस्कृतिक प्रदर्शन और गाना-बजाना होगा। इसके अलावा यहां कविताओं का भी कार्यक्रम है।
- इस साल इस मेले में 1100 से ज्यादा शिल्पकारों को आमंत्रित किया गया है। पिछले साल यह संख्या 1008 थी। इस बार 28 देश भागीदारी देंगे जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 23 थी। इस साल 14 देशों के कलाकार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे। 325 विदेशी भागीदारों में 82 हस्तशिल्पी शामिल हैं।
- इस बार टूरिस्ट्स भारतीय और किर्गिस्तान के व्यंजनों का भी जायका ले पाएंगे। देशी के साथ विदेशी कलाकारों का होगा जलवा। मेले में टर्की, मोरक्को, थाईलैंड, सीरिया, श्रीलंका, तंजानिया, नीगर, नेपाल, इजिप्ट, दक्षिण अफ्रीका, अफगानिस्तान, न्यूजीलैंड, मालदीव, मॉरीसस, यूगांडा, युक्रेन, बांग्लादेश, भूटान, तुर्कमेनिस्तान, उजबेकिस्तान, कजाकिस्तान, तजाकिस्तान, लेबनान, कीनिया, तनीषिया, मेडागासकर, रसिया के अंतरराष्ट्रीय लोक कलाकार प्रतिदिन चौपाल पर अपनी प्रस्तुति से रंग जमाएंगे।
- इनके अलावा पंजाब पुलिस समूह द्वारा भांगडा व गिद्दा, हरियाणवी डांस, काला जादू, बीन पार्टी व बंचारी का नगाड़ा पार्टी भी मेले का आकर्षण रहेगी।
- स्कूल और कॉलेजों के छात्र-छात्रओं को ग्रुप में आने पर निश्शुल्क एंट्री दी जाएगी। मेला प्रबंधन की ओर से इसके लिए संबंधित स्कूल या कॉलेज के प्राचार्य की ओर से लिखित में प्रार्थना पत्र होना अनिवार्य किया गया है। मेले में युद्ध वीरांगनाओं और उनके परिजनों को निश्शुल्क प्रवेश दिया जाएगा जबकि दिव्यांग और विशेष वर्ग के व्यक्तियों को टिकट पर 50 फीसद की छूट दी जाएगी।
- इस मेले में जोन-4 में हट नंबर 701-826 से फूडकोर्ट की ओर जाने वाले रास्ते पर बीएसएफ का स्टॉल लगाया गया है। यहां बीएसएफ को तीन स्टॉल अलॉट किए गए हैं। एक में मेल-फीमेल बैंड का मेले में पहली बार प्रदर्शन किया जाएगा। दूसरे स्टॉल पर सेना में इस्तेमाल किए जाने वाले अत्याधुनिक हथियार प्रदर्शित किए जाएंगे और तीसरे स्टॉल पर शहीदों की पत्नियों द्वारा बनाए गई की चीजें बेची जाएंगी।
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