करवा चौथ व्रत हर एक शादीशुदा महिला के लिए बहुत ज्यादा मायने रखता है। इस दिन हर महिला अपने पति की दीर्घायु की कामना में निर्जला व्रत करती है और चांद को देखकर पति के हाथों पानी पीकर व्रत खोलती है। इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके चन्द्रमा की पूजा करती हैं और अर्घ्य देती हैं। करवा चौथ के दिन महिलाएं पूरे श्रद्धा भाव से व्रत एवं पूजन करती हैं और व्रत का पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए प्रयास करती हैं।
लेकिन महिलाओं की कुछ गलतियों की वजह से उन्हें पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है। आइए नई दिल्ली के पंडित प्रशांत मिश्रा जी से जानें करवा चौथ का पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए महिलाओं को क्या गलतियां नहीं करनी चाहिए।
करवा चौथ में हर महिला दुल्हन (ऐसे पाएं दुल्हन जैसा निखार) की तरह तैयार होती है। करवा चौथ को सुहाग का त्योहार माना जाता है। करवा चौथ पर सोलह श्रृंगार करने का बहुत महत्व माना गया है। इसलिए सोलह श्रृंगार करके ही पूजा करनी चाहिए जिससे पूजा और व्रत का पूर्ण फल प्राप्त हो सके। आजकल महिलाएं जल्दबाजी में अच्छी तरह तैयार हुए बिना ही पूजा करने लगती हैं। ऐसा करना गलत है इसलिए सोलह श्रृंगार करके ही पूजा में सम्मिलित हों।
यह व्रत पूरी तरह से पति की दीर्घाऊ की कामना के लिए रखा जाता है। लेकिन सुख-सौभाग्य के लिए भगवान की पूजा के साथ बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद लेना भी जरुरी होता है। मान्यतानुसार घर के बड़े बुजुर्ग हमेशा हमारे हित के लिए कामना करते हैं। ऐसे में उनका अपमान करने का मतलब है ईश्वर को सम्मान न देना। इसलिए इस दिन किसी भी बुजुर्ग महिला जैसे सासु मां को पूर्ण सम्मान देना चाहिए और उनका आशीर्वाद लेना चाहिए। जिससे पूजा और व्रत(जानें चांद निकलने का मुहूर्त ) का सम्पूर्ण फल मिल सके।
करवा चौथ में कभी भी काले या सफ़ेद वस्त्र नहीं पहनने चाहिए। यह त्यौहार पूरी तरह से सुहाग के लिए समर्पित होता है इसलिए काले या सफ़ेद वस्त्र पहनकर पूजा न करें। करवा चौथ पर पीले या लाल रंग के वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है। इसलिए इसी रंग के वस्त्र धारण करके पूजा करें।
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करवा चौथ व्रत वाले दिन सास अपनी बहू को सरगी देती है। मान्यतानुसार सरगी हमेशा सूर्योदय से पहले ही खा लेनी चाहिए। यदि सूर्योदय के बाद सरगी खायी जाती है तो ऐसा माना जाता है कि व्रत पूर्ण नहीं होता है और व्रत का फल भी नहीं मिलता है।
करवा चौथ पर चंद्रदेव की पूजा की जाती है और चन्द्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोला जाता है। इसलिए करवा चौथ पर भूलकर भी किसी को सफेद चीजें जैसे चावल, दूध, दही या सफेद वस्त्रों का दान न दें । मान्यता है कि अगर कोई सुहागिन स्त्री ऐसा करती है। तो चंद्रदेव नाराज हो जाते हैं जिससे पूजा का फल नहीं मिलता है।
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इन सभी बातों को ध्यान में रखकर व्रत एवं पूजन करें और ऐसी कोई भी गलती करने से बचें जिससे पूर्ण फल की प्राप्ति हो सके।
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