विश्व जनसंख्या दिवस या वर्ल्ड पॉपुलेशन डे 11 जुलाई 2022 को मनाया जाता है। 11 जुलाई 1987 में जब दुनिया की जनसंख्या 5 बिलियन से ज्यादा हो गई, तब ये तय किया गया लोगों को जागरुक करने के लिए 11 जुलाई को वर्ल्ड पॉपुलेशन डे मनाया जाएगा। यूनाइटेड नेशन की ये पहल दुनिया को ये बताने के लिए थी कि जनसंख्या का प्रभाव क्या होता जा रहा है। यूनाइटेड नेशन की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक जनसंख्या अगले 30 सालों में 2 बिलियन बढ़ जाएगी। अभी ये 7.7 बिलियन है और 2050 तक ये 9.7 बिलियन हो जाएगी।
ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि दुनिया के सिर्फ 9 देश ही दुनिया की आधी जनसंख्या बढ़ाएंगे। जो आंकड़े 2050 के लिए दिए गए हैं उसके हिसाब से भारत, नाईजीरिया, पाकिस्तान, कांगो गणराज्य, इथियोपिया, तंजानिया का संयुक्त गणराज्य, इंडोनेशिया, ईजिप्ट और अमेरिका ही हैं जो दुनिया की आधी जनसंख्या के कारक होंगे, भारत सबसे ऊपर।
जो सबसे चौंकाने वाला आंकड़ा है वो ये कि अगले 6 सालों में ही भारत की जनसंख्या चीन से भी ज्यादा हो जाएगी। यानी 2027 में भारत दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन जाएगा।
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इस साल विश्व जनसंख्या दिवस में क्या है खास-
इस साल World Population Day में दुनिया का ध्यान उस अधूरे काम की तरफ खींचा जा रहा है जो जनसंख्या और विकास के लिए हुई 1994 अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में तय हुआ था। 25 साल पहले ये ऐतिहासिक कॉन्फ्रेंस हुई थी जहां 179 सरकारों ने डिलीवरी और स्वास्थ्यके साथ लिंग समानता की ओर अग्रसर होने का कदम बढ़ाया था। जिस स्पीड से हमारी जनसंख्या बढ़ रही है वो वाकई चौंकाने वाली है और इससे समस्याएं बढ़ेंगी ही।
इन जरूरी आंकड़ों को भी जान लीजिए-
- दुनिया की पूरी आबादी में 50.4 प्रतिशत पुरुष हैं और बची हुई 49.6 प्रतिशत महिलाएं हैं।
- चीन का शंघई दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर है।
- आंकड़ों की मानें तो हर 20 मिनट में पूरी दुनिया में 3000 बच्चे पैदा होते हैं।
- जब से मानव सभ्यता धरती पर आई है तब से 108 बिलियन लोग पैदा हो चुके हैं।
- हर दिन करीब 800 महिलाओं का स्वास्थ्य डिलीवरी के समय खराब होता है और वो दम तोड़ देती हैं।
जहां एक ओर भारत दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बनने वाला है और इससे जुड़ी समस्याओं से जूझ रहा है वहीं दूसरी ओर कई ऐसे देश भी हैं जहां जनसंख्या बहुत कम है। यही नहीं ऐसे देश भी हैं जहां 1000 लोगों से भी कम रहते हैं।
1. वैटिकन सिटी-
दुनिया का सबसे छोटा देश वैटिकन सिटी सिर्फ 44 हेक्टेयर के दायरे में फैला हुआ है और ये सिर्फ 840 लोगों का घर है। हां, यहां टूरिस्ट बहुत आते हैं।
2. मोनाको-
मोनाको दुनिया की दूसरा सबसे कम जनसंख्या वाला देश है। इस देश में सिर्फ 38 से 39 हज़ार लोग रहते हैं।
3. नाऊरू-
ये एक छोटा द्वीप वाला देश है जो ऑस्ट्रेलिया के उत्तर पूर्व में स्थित है। ये सिर्फ 20.98 स्क्वेयर किलोमीटर में फैला हुआ है। इस देश में 13000 लोग रहते हैं।
4. सैन मरीनो-
यूरोप के पहाड़ों में बसा ये देश दुनिया के सबसे पुराने गणराज्यों में से एक है। ये सिर्फ 6.1 किलोमीटर के दायरे में है और इसकी आबादी सिर्फ 33,000 है।
5. तुवालू-
पैसिफिक सागर में स्थित देश तुवालू 26 स्क्वेयर किलोमीटर में फैला हुआ है। यहां 11000 लोग रहते हैं।
6. लिंचेस्टाइन-
160 स्क्वेयर किलोमीटर में फैला ये देश 38000 लोगों का घर है। पश्चिमी यूरोप का हिस्सा ये देश ऑस्ट्रिया के बॉर्डर वाला है। ये देश स्वित्जरलैंड के बॉर्डर पर भी है।
7. मार्शल आइलैंड्स-
ये भी एक आइलैंड नेशन है और यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका के अधीन है। मार्शल आइलैंड्स इक्वेटर के नजदीक है और इसकी जनसंख्या 53,100 लोग है।
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8. मालदीव्स-
भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में हनीमून डेस्टिनेशनके तौर पर प्रसिद्ध देश मालदीव्स दुनिया के सबसे छोटे देशों में से एक है। ये 298 स्क्वेयर किलोमीटर में फैला हुआ है। अरब सागर में स्थित इस देश में 4 लाख 27 हज़ार लोग रहते हैं।
अब तो आप समझ ही गए होंगे कि दुनिया की जनसंख्या कितनी तेज़ी से बढ़ रही है और इसका असर हर किसी पर कैसे हो रहा है। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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