बीवी से मार खाते पति का वीडियो हुआ वायरल, आखिर सोशल मीडिया पर डोमेस्टिक वायलेंस पर क्‍यों छिड़ी है जंग

पत्नी का हिंसक वीडियो वायरल होने के बाद डोमेस्टिक वायलेंस को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की बातें हो रही हैं। 

Domestic Violence for women

आज के समय में महिला सशक्तिकरण पर काफी जोर दिया जा रहा है। महिलाओं के हक को लेकर लोग सचेत हुए हैं और अब उन्हें भी समान अवसर दिए जाने लगे हैं। वहीं दूसरी ओर, महिलाओं ने भी अपने हुनर व काबिलियत का परिचय पूरे विश्व के सामने रखा है। लेकिन इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है, जिसमें एक पत्नी अपने पति को बैट से मारते नजर आ रही है।

ऐसे में पुरुषों की सुरक्षा और डोमेस्टिक वायलेंस को लेकर सोशल मीडिया पर भी कई तरह के सवाल उठ रहे हैं और सोशल मीडिया पर जंग छिड़ गई है कि क्या डोमेस्टिक वायलेंस को सिर्फ महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाया गया है? अगर हां, तो भारतीय संविधान में एक पुरुष की सुरक्षा को लेकर क्या प्रावधान हैं, लेकिन इस बारे में बात करने से पहले हम पूरा मामला जान लेते हैं।

वीडियो में बीवी से मार खाता नजर आया पति

सोशल मीडिया पर एक चौंका देने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें एक सरकारी स्कूल का शिक्षक अपनी पत्नी से बैट से मार खाता दिखाई दे रहा है। बता दें कि शिक्षक पिछले एक साल से इस हिंसा का शिकार है, लेकिन खुद को बचाने के लिए उस व्यक्ति ने चुप रहना चुना, लेकिन सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद व्यक्ति ने चुप्पी तोड़ अपनी पत्नी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। (मैरिटल रेप को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का फैसला आखिर सवालों के घेरे में क्यों है)

खटखटाया कोर्ट का दरवाजा

Domestic Violence for men

राजस्थान के अलवर जिले के एक स्कूल प्रिंसिपल ने अपनी पत्नी के द्वारा हो रहे शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न के खिलाफ सुरक्षा की मांग करते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अपनी पत्नी के खिलाफ केस दर्ज किया है। शख्स के मुताबिक उसकी पत्नी उसे पिछले एक साल से प्रताड़ित कर रही थी।

साथ ही, उसकी पत्नी उसे कभी-कभी उसके बेटे के सामने पीटती थी। बता दें कि अजीत यादव ने 9 साल पहले महिला से प्रेम विवाह किया था। अब कोर्ट की ओर से शिक्षक को सुरक्षा देने के आदेश जारी किए गए हैं।

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क्या है डोमेस्टिक वायलेंस की परिभाषा?

What is Domestic Violence in hindi

भारतीय संविधान के अनुसार डोमेस्टिक वायलेंस को हिंदी में 'घरेलू हिंसा' कहा जाता है। घरेलू हिंसा (वैवाहिक दुर्व्यवहार, अंतरंग साथी हिंसा, घरेलू मारपीट या पारिवारिक हिंसा आदि) से महिलाओं का संरक्षण करने के लिए भारतीय संविधान के अधिनियम 2005 के तहत एक अधिनियम बनाया गया है, जो महिलाओं को घरेलू हिंसा से बचाने के लिए अधिनियमित किया गया है। (पत्नियां ध्यान दें! इन कारणों के चलते पति गिल्ट-फ्री होकर आप पर उठा सकता है हाथ)

यह अधिनियम भारतीय दंड संहिता के तहत बताई गई परिभाषा, कानून और सुरक्षा के प्रावधान से काफी अलग है। घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 धारा 3 के तहत घरेलू हिंसा का वर्णन करता है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

इस बारे में हमने एक्सपर्ट से बात की, कि क्या ये घटना घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम 2005 के तहत आएगी? इसको लेकर एक्सपर्ट वसुंधरा ठाकुर (अधिवक्ता) ने बताया कि इस घटना को कानून कैसे परिभाषित करता है।

उन्होंने कहा कि, "घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 की धारा 2 (ए), एक "पीड़ित व्यक्ति" केवल एक महिला है, जो प्रतिवादी के साथ संबंध में है या रही है और किसी भी तरह की घरेलू हिंसा का शिकार बनी है और उस पर हिंसा का आरोप लगा रही है।"

Vasundhra thakur

इसलिए इस मामले में घरेलू हिंसा अधिनियम को आकर्षित नहीं किया जाएगा। लेकिन अगर किसी व्यक्ति को पिटाई का सामना करना पड़ा है, तो वह पुलिस के पास शिकायत दर्ज कर सकता है।

इसको लेकर एक्सपर्ट आगे कहती हैं कि ,"पत्‍नी के हिंसक स्वभाव के बावजूद पति यदि पत्‍नी के साथ ही रहना चाहता है तो यह सुनिश्चित करना बेहद मुश्किल है कि वह उसके संग सुरक्षित रह पाएगा। मगर पत्‍नी के हिंसक स्वभाव के आधार पर यदि पति अपनी पत्‍नी से अलग होना चाहता है, तो उसे तलाक मिल सकता है।"

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इसे यह बात बिल्कुल साफ है कि डोमेस्टिक वायलेंस अधिमियन पुरुषों के मुकाबले ज्यादा महिलाओं पर जोर देता है। यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

Image Credit- (@Freepik)

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