रात में पीपल के पेड़ के पास जाने से क्यों किया जाता है मना? जानिए इसका वैज्ञानिक और धार्मिक कारण

रात में पीपल के पेड़ के पास जाने से हमेशा मना किया जाता है। इसके एस्ट्रोलॉजिकल कारण भी बताए जाते हैं और साइंटिफिक कारण भी। जानिए आखिर कौन सा कारण सही है? 

What is the reason not to go near peepal tree

बचपन में दादी-नानी की कहानियों में पीपल और बरगद के पेड़ के पास रात में जाने से मना किया जाता था। मेरी दादी तो अक्सर एक कहानी सुनाती थी जिसमें पीपल के पेड़ पर रहने वाली चुड़ैल छोटे बच्चों को उठाकर ले जाती थी। पीपल के पेड़ पर भूतों का वास होता है, उसके आस-पास घर नहीं बनवाना चाहिए, पीपल का पेड़ श्रापित है जैसी कई बातें शायद आपने भी सुनी होंगी। पर इसके पीछे का कारण क्या है वह भी जानकारी होनी चाहिए।

बचपन का यह डर आज भी मौजूद है कि पीपल के पेड़ के नीचे रात में जाना सही नहीं है, लेकिन क्या इसका कोई साइंटिफिक कारण भी है? आज हम आपको पीपल के पेड़ से जुड़ी भ्रांतियां, उससे जुड़े विज्ञान के बारे में बताने जा रहे हैं।

क्या है एस्ट्रोलॉजी से जुड़ा कारण?

Life Coach और Astrologer, Sheetal Shaparia के अनुसार इस पौधे को शनि का पौधा कहा गया है यही कारण है कि इसे जल चढ़ाने की प्रथा चली आ रही है। पीपल का पेड़ सिर्फ शनि का ही नहीं, बल्कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश का घर भी माना जाता है। स्कंद पुराण में ऐसा कहा गया है इसकी जड़ में विष्णु, तने में ब्रह्मा और पत्तों में शिव का वास होता है और इसके फल तैंतीस करोड़ देवी-देवताओं के अंश हैं। अब क्योंकि यह पूजनीय है इसलिए इस पेड़ से जुड़े नियमों का पालन करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि रात के समय इस पेड़ में लक्ष्मी की बहन अलक्ष्मी का वास होता है और यही कारण है कि इसके पास नहीं जाना चाहिए।

peepal tree at night

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क्या कहता है विज्ञान?

विज्ञान के हिसाब से पीपल का पेड़ घना होता है और वो दिन में बहुत ज्यादा ऑक्सीजन देता है, लेकिन रात में फोटोसिंथेसिस नहीं हो पाता और इसलिए ऑक्सीजन की जगह कार्बन डाय ऑक्साइड निकलती है। घने पेड़ों के नीचे यह प्रोसेस काफी ज्यादा होता है और इसलिए उनके नीचे ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। अगर कोई रात में पेड़ के पास जाता है, तो उसे सफोकेशन फील हो सकता है। वैसे अधिकतर रात को पेड़ के नीचे सोने से मना किया जाता है ताकि इस तरह की कोई दिक्कत ना हो।

हालांकि, इस फैक्ट का एक विपरीत फैक्ट भी है। पीपल के पेड़ पर की गई कई रिसर्च मानती हैं कि यह सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देने वाले पेड़ों में से एक है। यह भी बिल्कुल सही है क्योंकि इसकी पत्तियां घनी होती हैं जिससे फोटोसिंथेसिस बहुत आसानी से हो सकता है।

पीपल के पेड़ से जुड़ा आयुर्वेदिक कारण

एस्ट्रोलॉजी और साइंटिफिक कारण तो हमने जान लिया अब आयुर्वेद की बात भी कर लेते हैं। पीपल के पेड़ को बहुत ही ज्यादा लाभकारी माना जाता है। आयुर्वेद के हिसाब से मानें तो पीपल के पत्ते, छाल, बीज, फल सब कुछ औषधीय गुण रखता है। कई आयुर्वेदिक दवाओं में इसका इस्तेमाल होता है। अब अगर कोई पेड़ दवाओं का खजाना है, तो उसकी रिस्पेक्ट करनी होगी। इसे भी एक कारण माना जा सकता है कि पीपल के पेड़ के पास रात में जाने से मना किया जाता है। (आयुर्वेद के ये टिप्स आपको रखेंगे हेल्दी)

peepal tree science

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कई जानवरों का घर

जैसा कि पहले बताया जा चुका है। पीपल का पेड़ घना होता है और शायद आपने ध्यान ना दिया हो, लेकिन पीपल का पेड़ बिना हवा के भी माहौल को ठंडा कर सकता है। इसके नीचे हमेशा ठंडक का अहसास होता है। इसका कारण है इसकी पत्तियों का शेप जो हल्की भी होती हैं और आसानी से छाया भी प्रदान कर सकती हैं। यही कारण है कि इस पेड़ में कई तरह के पशु-पक्षी वास करते हैं। कोयल, सनबर्ड, कॉपरस्मिथ बारबेट, किंगफिशर, टेलरबर्ड, और गिलहरियों के साथ-साथ सांप और बिच्छू भी बसेरा करते हैं।

रात में अगर आप उसके पास जाएंगे, तो आपको पता नहीं होगा कि किस तरह का जीव आपको नुकसान पहुंचा सकता है।

अब आपको इतने कारण बता दिए हैं। कमेंट बॉक्स में कमेंट कर बताएं कि इनमें से कौन सा कारण आपको सबसे सही लगता है? अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: Freepik/ Unsplash

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