सामन्यतः पति-पत्नी एक दूसरे के पूरक होते हैं। पुराने समय से चली आ रही प्रथा के अनुसार घरों में पति पैसा कमाकर लाता है, तो पत्नी घर की उन्नति के लिए प्रयास करती है। हालांकि समय ने अब काफी बड़ा मोड़ ले लाया है और पत्नियां भी पैसा कमाती हैं। लेकिन दोनों की जिम्मेदारियां अलग-अलग हैं। पत्नियां घर के संस्कारों की रक्षा करती हैं तो पति अन्य जिम्मेदारियों को उठाताहै। इस तरह दोनों महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हैं। इसलिए कहा जाता है कि हर काम में सफलता तभी मिलती है जब दोनों एक दूसरे को साथ लेकर चलते हैं। यहां तक कि जब ईश्वर की पूजा करने की बात आती है तब भी पति-पत्नी का एक साथ पूजन करना अति उत्तम माना जाता है। जाने माने वास्तु विशेषज्ञ एवं ज्योतिषी आचार्य मनोज श्रीवास्तव बता रहे हैं पति-पत्नी के एक साथ पूजा करने के लाभ के बारे में -
पत्नी है पति की शक्ति
कहा जाता है कि पत्नीअपने पति की शक्ति होती है और शक्ति का नाम पहले आता है जैसे कि सीता राम या राधा-कृष्ण। आजकल के परिपेक्ष में तो पत्नियां घर की आर्थिक प्रगति में भी अपने पतियों की सहभागी बनी हुई हैं इसलिए उन्हें पूजन कार्य भी साथ में करना चाहिए। इससे पूजा का दोगुना फल मिलता है। पति-पत्नी जब साथ में पूजा करते हैं और घर की चौतरफा तरक्की की कामना करते हैं तो पूजा के फल जल्दी तथासम्पूर्ण रूप से प्राप्त होते हैं। पति-पत्नी केसाथ में पूजा करते समय घी का दीया जलाना भी शुभ माना जाता है( क्यों जलाएं घी का दीपक) ।
शादी के मुख्य वचनों में से एक
शास्त्रों के अनुसार जब विवाह होता है तो सात वचन मुख्य रूप से लिए जाते हैं और शादी के वचनों में से एक ये भी होता है कि पति और पत्नी कोई भी व्रत-उपवास करेंगे या फिर किसी भी धार्मिक स्थान पर जाएंगे तो एक साथ ही जाएंगे । इसके अलावा पूजा भी दोनों साथ मिलकर ही करेंगे। मान्यता यह भी है कि पति और पत्नी के अकेले पूजन करने से पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है।
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मनोकामनाओं को पूर्ण करता है
जब पति और पत्नी साथ में पूजा करते हैं तब उनकी पूजा पूर्ण रूप से स्वीकार्य होती है और ईश्वर प्रसन्न होते हैं। पूजा साथ में करने से उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
शादी के बंधन को मजबूत करता है
ऐसा माना जाता है कि पति-पत्नी के साथ में पूजा करने से उनका आपसी प्रेम और ज्यादा बढ़ता है। दोनों का रिश्ता मजबूत होता है और दोनों के बीच तालमेल बढ़ जाता है (ऐसे बनाएं रिश्ते को मजबूत)। एक साथ धार्मिक पूजा पाठ में शामिल होने से दोनों के बीच समर्पण का भाव भी बढ़ जाता है।
सुख समृद्धि से परिपूर्ण होता है घर
कहा जाता है जिस घर में पति और पत्नी रोज़ साथ में पूजन करते हैं उस घर में कभी भी दुःख का निवास नहीं होता है और वो घर सदैव धन धान्य से परिपूर्ण रहता है। शास्त्रों के अनुसार पत्नी लक्ष्मी स्वरूपा होती है और पति विष्णु का रूप होता है। इसलिए जब दोनों साथ में पूजन करते हैं तब ईश्वर की कृपा अवश्य प्राप्त होती है और घर में सुख समृद्धि आती है।
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यदि आप भी रोज़ ईश्वर का पूजन करती हैं तो उपर्युक्त बातों को ध्यान में रखकर हमेशा अपने पति के साथ पूजन करें। जीवन में सफलता अवश्य मिलेगी साथ ही घर धन धान्य से भर जाएगा।
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Image Credit: freepik and unsplash
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