
क्यों आवश्यक है ये कालम? क्योंकि धन के विषय में संवाद जरूरी है| धन हमेशा से हमारे जीवन का हिस्सा रहा है, इसके बावजूद बहुत सी महिलाएं इस विषय में मूकदर्शक बनी रहती हैं। हम बच्चों, स्वास्थ्य, घर और व्यंजनों की विधियों पर खुलकर बात करती हैं, लेकिन पैसे का जिक्र आते ही चुप हो जाती हैं। हमें स्मार्ट बनने को कहा जाता है, पर शेयर बाजार को लेकर नहीं। हमें सशक्त होने को कहा जाता है, पर तब नहीं जब वित्तीय निर्णय लेने की बात आती है। हमें बचत के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, पर निवेश के लिए नहीं। आइए जानें क्यों जरूरी है पैसों के बारे में पूरी जानकारी होना।
मैंने पारिवारिक व्यवसाय से जुड़े रहते हुए निवेश के मामलों को देखा है। बड़े वित्तीय निर्णयों में सहभागी रही हूं। महिला उद्यमियों का मार्गदर्शन किया है, पर ऐसी स्त्री के साथ भी बैठकर संवाद किया है, जिसने मुझसे शांत भाव से प्रश्न किया कि टर्म इंश्योरेंस का अर्थ क्या होता है। मैंने महिलाओं को अपने हस्ताक्षर करने से पहले पति, भाई की अनुमति लेते भी देखा है। ये कमी हमारी क्षमता की नहीं, अवसर की है। किसी ने हमें कलम थमाई ही नहीं।
एक पखवाड़े पहले हमने दीवाली का त्योहार मनाया। रोशनी का यह पर्व नई उम्मीदों और ऊर्जा का प्रतीक है। हम अपने घरों को साफ करते हैं, अच्छे कपड़े पहनते हैं, ज्वेलरी पहनते हैं और मां लक्ष्मी से समृद्धि की प्रार्थना करते हैं। इस उत्सवधर्मिता के मध्य हममें से कितनों ने ये महसूस किया कि हम स्वयं लक्ष्मी हैं। आज भी बहुत सी महिलाओं के सामने जब अपने ही धन के प्रबंधन की बात आती है, तो वे असमंजस व निर्भरता महसूस करती हैं।

जिस लक्ष्मी की हम कामना करते हैं, वे तो अंतर्निहित हैं। हर महिला सामर्थ्यवान है। उसे अपने धन के प्रबंधन और उसे विस्तार देने का अधिकार भी है। ये लेख आपको इससे जुड़ी जटिलताओं को समझने में मदद करेगा। इसे एक मित्र, बहन के साथ संवाद की तरह देखें। ये स्तंभ आपके लिए है, यदि आप कमाती हैं, पर उसका इस्तेमाल कहां होगा, ये कोई और तय करता है। ये स्तंभ उनके लिए भी है जो भले ही वे कमाती नहीं हैं, पर घर की व्यवस्थाएं देखती हैं और ये सोचा करती हैं कि यदि उनके कार्य का मूल्यांकन किया जाए तो कैसा हो। आप अपने धन के विषय में पूछना चाहती हैं, पर ये सोचकर डरती हैं कि इसमें कुछ गलत तो नहीं है। जो दो हजार रुपए कमाती हैं लेकिन ये नहीं जानती कि उसे कहां निवेश करें। अगर आप पहले से ही इस दिशा में काम कर रही हैं, लेकिन उससे बेहतर करना चाहती हैं, तो भी आपको दिशा मिलेगी।
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हर हफ्ते हम आपको धन से जुड़े एक पहलू के विषय में बताएंगे। छोटी चीजों से हम शुरुआत करेंगे, जैसे आपके बैंक अकाउंट, बचत राशि, बजट। इसके पश्चात निवेश, इंश्योरेंस, म्यूचुअल फंड्स, एसआईपी, ऋण और डिजिटल सुरक्षा की ओर बढ़ेंगे। ये छोटे कदम आपको आत्मनिर्भर बनाएंगे। इसके लिए आपको किसी फाइनेंस डिग्री की आवश्यकता नहीं है, लाखों रुपये नहीं चाहिए। बस भीतर ये कहने का साहस होना चाहिए कि मैं सीखना चाहती हूं। ये ललक होना ही सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।
एक नोटबुक या मोबाइल उठाएं, उस पर तीन सवाल लिखें। क्या मेरा बैंक अकाउंट है? क्या मुझे उससे जुड़े पासवर्ड, नामिनी और दस्तावेजों का पता है? मेरे डेबिट कार्ड या आवश्यक दस्तावेज कहां रखे हैं? क्या यह अकाउंट वास्तव में मेरा है या महज मेरे नाम पर है? यहीं से शुरुआत होगी। कुछ ही दिनों में आप धन से जुड़े पहलुओं को समझने लग जाएंगी। अपना बैंक बैलेंस स्वयं चेक करें, भले ही उसका प्रबंधन कोई और करता हो। दिनभर में अर्थ से जुड़ी कोई एक हेडलाइन पढ़ें, भले ही उसका अर्थ समझने में कठिनाई हो, पर ऐसा करें जरूर। बचत राशि, पालिसी या निवेश को लेकर कोई ऐसा सवाल करें जो आपने पहले ना किया हो। सीखने की यह यात्रा छोटी शुरुआतों से शुरू होती है। गर्व से कहें और महसूस करें कि मैं हूं अपनी धनलक्ष्मी।
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अगले हफ्ते: हम जानेंगे कि सिर्फ़ बचत क्यों पर्याप्त नहीं है और कैसे आपका पैसा आपकी रफ़्तार से आगे बढ़ सकता है।
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