एक समय था जब फाइनेंस और फाइनेंशियल सिक्योरिटी के लिए पूरा परिवार पुरुष पर ही निर्भर करता था। जिसकी वजह से यह सोच विकसित हुई कि अगर घर के पुरुष के साथ कोई दुर्घटना हो जाती है, तो परिवार की जिम्मेदारी कौन निभाएगा। इसी सोच के साथ लाइफ इंश्योरेंस और टर्म इंश्योरेंस की एंट्री हुई और इन्हें पुरुषों के लिए ज्यादा जरूरी माना गया। लेकिन, 21वीं सदी की महिलाएं घर और करियर दोनों संभाल रही हैं फिर भी वह वित्तीय सुरक्षा यानी फाइनेंशियल सिक्योरिटी के मामले में पीछे रह जाती हैं।
घर की देखभाल, बच्चों की परवरिश और परिवार की अन्य जरूरतों को पूरा करने में एक महिला की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। ऐसे में किसी कारणवश महिला का असमय निधन हो जाए, तो परिवार पर इमोशनल और फाइनेंशियल दोनों तरह स्ट्रेस बन सकता है। यही वजह है कि लाइफ या टर्म इंश्योरेंस हर महिला के लिए जरूरी होती है, फिर चाहे वह कामकाजी हो या फिर हाउसवाइफ। इंटरनेशनल वुमेन्स डे के मौके पर महिलाओं के लिए लाइफ या टर्म इंश्योरेंस क्यों जरूरी है, यह हमें पॉलिसी बाजार.कॉम के प्रोडेक्ट हेड समीप ने बताया है।
महिलाओं को टर्म या लाइफ इंश्योरेंस जरूर लेनी चाहिए। क्योंकि, यह आपके परिवार को फाइनेंशियली सिक्योरिटी देती है। एक्सपर्ट के मुताबिक, महिलाओं के लिए कई प्लान मौजूद हैं जिसमें कम या रीजनेबल प्रीमियम के साथ लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी ली जा सकती है। अगर असमय कोई दुर्घटना हो जाती है, तो आपके परिवार वालों को लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी का पैसा मिल जाता है।
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21वीं सदी में भी कई महिलाओं के पास आर्थिक स्वतंत्रता नहीं है। उन्हें हर चीज के लिए पति या पिता पर निर्भर रहना पड़ता है। ऐसे में लाइफ इंश्योरेंस के साथ आपको आर्थिक स्वतंत्रता भी मिल सकती है। जी हां, लाइफ इंश्योरेंस को सेविंग्स प्लान भी कहा जाता है। क्योंकि, मैच्योरिटी के बाद पैसा रिटर्न के साथ वापस मिल जाता है, जिसकी मदद से एक महिला आर्थिक तौर पर मजबूत और स्वतंत्र हो सकती है।
ऐसा जरूरी नहीं है कि लाइफ इंश्योरेंस आपकी मृत्यु के बाद ही फायदा देती है। यह आपके सपनों को पूरा करने की भी आजादी देती है। कई लोग सपनों को पूरा करने लिए भी लाइफ इंश्योरेंस लेते हैं। फिर वह सपना भले ही नया घर, बच्चे की पढ़ाई या उसकी शादी करना ही क्यों न हो।
एक्सपर्ट के मुताबिक, लाइफ इंश्योरेंस के साथ चाइल्ड सेविंग्स प्लान भी लिया जा सकता है, इसमें बच्चे का भविष्य और जिंदगी दोनों ही सिक्योर की जा सकती है।
आज के समय में महिला और पुरुष, दोनों के लिए ही रिटायरमेंट प्लान जरूरी हो गया है। एक्सपर्ट के मुताबिक, रिटायरमेंट प्लान के लिए सोचने वाली नई पीढ़ी के लिए ULIP यानी यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान फायदेमंद हो सकता है। इस प्लान से लगभग 60 प्रतिशत पैसा बिना टैक्स के मैच्योरिटी के समय निकाला जा सकता है। इतना ही नहीं, यह प्लान्स प्रीमियम अलोकेशन और पॉलिसी एडमिनिस्ट्रेशन जैसे चार्जेस को खत्म करके ज्यादा किफायती भी बनाते हैं। साथ ही यह रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम का सोर्स भी बनते हैं।
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हेल्थ इमरजेंसी समय या जेंडर देखकर नहीं आती है, ऐसे में क्रिटिकल इलनेस बेनेफिट राइडर फायदेमंद हो सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक, क्रिटिकल इलनेस बेनेफिट राइडर के तहत, अगर पॉलिसीधारक को बीमा कंपनी की लिस्टेड बीमारियों में कोई एक हो जाती है, तो उन्हें तुरंत एकमुश्त यानी लंप-सम राशि मिलती है। यह राशि भी राइडर लेने के समय तय हो जाती है।
एक्सपर्ट के मुताबिक, आप जब क्रिटिकल इलनेस का बेनिफिट ले लेते हैं, तो लाइफ इंश्योरेंस से क्रिटिकल इलनेस का कवरेज हट जाता है और बची बीमार राशि कम प्रीमियम के साथ जारी रहती है।
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