आज के समय में हर चीज का बीमा होने लगा है। सिर्फ सेहत या शरीर के लिए नहीं, बल्कि आपके हाथ में पकड़े मोबाइल का भी। जी हां, आप चाहें तो किसी भी चीज का बीमा करा सकती हैं। लेकिन, आमतौर पर हम लाइफ इंश्योरेंस या मेडिक्लेम पॉलिसी ही लेते हैं।
इंश्योरेंस यानी बीमा, आज के समय की जरूरत बन गया है और इसे लेना भी इतना मुश्किल नहीं है। लेकिन, लाइफ इंश्योरेंस और मेडिक्लेम लेने से पहले दोनों के बीच के अंतर को समझ लेना बहुत ही जरूरी होता है। क्योंकि ये दोनों ही बीमा होते हैं, लेकिन इनका उद्देश्य अलग-अलग होता है।
क्या है लाइफ इंश्योरेंस?
लाइफ इंश्योरेंस एक ऐसा बीमा है, जिसमें कंपनी और पॉलिसी लेने वाले शख्स के बीच एक फाइनेंशियल समझौता होता है। इस समझौते में पॉलिसी लेने वाले शख्स को प्रति महीना या सालाना एक राशि, कंपनी के पास जमा करनी होती है।
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लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में यह कंडीशन होती है कि अगर किसी स्थिति में पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को कंपनी एकमुश्त राशि देगी। इस एकमुश्त राशि से परिवार अपने उधार, खर्चे और अन्य फाइनेंशियल मुद्दों को सुलझा पाता है। लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी उन परिवारों के लिए सबसे ज्यादा बेहतर होती है, जहां एक ही व्यक्ति कमाने वाला होता है।
लाइफ कवर के साथ-साथ इस पॉलिसी में बचत और निवेश के भी कई प्लान होते हैं। ऐसे में जब भी लाइफ इंश्योरेंस लेने जाएं, तो इसकी दिशा-निर्देशों और अन्य चीजों को समझ लेना बहुत जरूरी होता है। लाइफ इंश्योरेंस प्लान कई तरह के होते हैं। यह पूरी तरह से पॉलिसी लेने वाले की इच्छा और खर्च करने की क्षमता पर निर्भर करता है।
- टर्म लाइफ इंश्योरेंस: लाइफ इंश्योरेंस के इस प्लान में अस्थायी कवरेज मिलता है। जो ज्यादादर 10 से 30 साल की उम्र के लिए होता है।
- सेविंग्स इंश्योरेंस प्लान: इस प्लान में पॉलिसी टेन्योर में लाइफ कवर तो मिलता ही है, साथ में गारंटीड बचत फायदे भी मिलते हैं। पॉलिसी के मेच्योर होने के बाद इसमें पॉलिसीधारक को एकमुश्त राशि मिलती है।
- रिटायरमेंट और पेंशन प्लान: इस प्लान में रिटायर होने के बाद पॉलिसीधारक को एकमुश्त राशि या रेगुलर इंकम की तरह कंपनी रिटर्न करती है। यह एक तरह का बचत प्लान ही है।
क्या है मेडिक्लेम पॉलिसी?
यहां हम सबसे पहले क्लियर कर दें कि मेडिक्लेम पॉलिसी और हेल्थ इंश्योरेंस भी अलग-अलग हैं। मेडिक्लेम और हेल्थ इंश्योरेंस एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। आइए, यहां जान लेते हैं कि क्या है मेडिक्लेम पॉलिसी और इसमें क्या-क्या होता है।
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मेडिक्लेम को जिसे मेडिकल इंश्योरेंस भी कहा जाता है। यह एक तरह का हेल्थ कवर है, जो आर्थिक संकट में मदद कर सकता है। यह किसी खास बीमारी और उपचारों में होने वाले खर्चों के साथ हॉस्पिटलाइजेशन के खर्चों को कवर करता है। अगर आप मेडिक्लेम लेते हैं, तो इनकम टैक्स के सेक्शन 80D के तहत टैक्स बेनिफिट के साथ मेडिक्लेम का फायदा भी उठा सकते हैं।
बता दें, मेडिक्लेम में ज्यादातर हॉस्पिटलाइजेशन कवर किया जाता है जबकि हेल्थ इंश्योरेंस में प्री और पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन का खर्च भी शामिल होता है।
क्या है लाइफ और मेडिक्लेम यानी मेडिक्लेम पॉलिसी में अंतर?
- लाइफ इंश्योरेंस में पॉलिसीधारक की मृत्यु के बाद परिवार को एकमुश्त राशि मिलती है। वहीं, मेडिक्लेम में हॉस्पिटलाइजेशन पर कैशलेस इलाज की सुविधा मिलती है।
- लाइफ इंश्योरेंस में मेच्योरिटी बेनेफिट, सरेंडर बेनेफिट और लॉयलिटी बेनेफिट जैसी सुविधाएं मिलती हैं। वहीं मेडिक्लेम या हेल्थ इंश्योरेंस में कुछ पॉलिसी के अंदर नो क्लेम बोनस जुड़ सकता है।
- लाइफ इंश्योरेंस में सिंगल और ग्रुप कवरेज होता है। वहीं, मेडिक्लेम में भी सिंगल या परिवार और ग्रुप कवरेज होता है।
लाइफ इंश्योरेंस और मेडिक्लेम पॉलिसी में आप अंतर समझ ही गई होंगी। अगर हमारी स्टोरी से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे।
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Image Credit: Freepik
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