IRDAI ने स्वास्थ्य बीमा के लिए उम्र सीमा हटाने की कुछ खास बातें जानते हैं। भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने 1 अप्रैल 2024 से स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी खरीदने के लिए उम्र सीमा को हटा दिया है। यह एक अहम फैसला है, जो 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को स्वास्थ्य बीमा कवरेज पाने में सक्षम बनाता है, जो पहले इसके लिए योग्य नहीं थे। इस फैसले से बुढ़ापे के दौरान लोगों को इलाज में काफी मदद मिलेगा। IRDAI के नए नियम एक अप्रैल से लागू हुए हैं, यानी अब किसी भी उम्र का कोई भी व्यक्ति हेल्थ इंश्योरेंस ले सकता है।
बुजुर्गों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुरक्षा
अब 65 साल से ज्यादा उम्र के लोग गंभीर बीमारी या चोट के मामले में मेडिकल खर्चों के बोझ से खुद को बचाने के लिए स्वास्थ्य बीमा योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। यह फैसला स्वास्थ्य बीमा बाजार में प्रवेश को भी बढ़ावा देगा, क्योंकि यह पहले से वंचित रहे एक बड़े जनसंख्या समूह को कवर कर रहा है। स्वास्थ्य बीमा लगातार 5 साल यानी 60 माह तक तक कवरेज जारी रहने के बाद बुजुर्गों की हर बीमारी कवर होगी। पहले यह समय-सीमा 8 साल की थी।
स्वास्थ्य बीमा कवरेज के साथ, बुजुर्ग नागरिक बेहतर स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच बना सकेंगे, क्योंकि वे बिना किसी फाइनेंनसियल परेशानी के जरूरी मेडिकल ट्रीटमेंट पा सकेंगे। यह भी अनुमान लगाया जाता है कि इस बदलाव से युवाओं के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम में मामूली बढ़ोतरी हो सकती है, क्योंकि बीमा कंपनियों को बड़ी आबादी के बढ़ते स्वास्थ्य जोखिमों को कवर करने की जरूरत होगी।
कुल मिलाकर, IRDAI का यह फैसला एक बेहतर कदम साबित हो सकता है, जो बुजुर्गों को बेहतर स्वास्थ्य सुरक्षा देगा और भारत में स्वास्थ्य बीमा बाजार को मजबूत कर सकता है।
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यहां कुछ ऐसे बिंदु दिए गए हैं, जिन पर ध्यान दिया जाना चाहिए
यह परिवर्तन केवल स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी पर लागू होता है, न कि जीवन बीमा या अन्य प्रकार के बीमा पर। कुछ बीमा कंपनियां 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए प्रीमियम रेट या कवरेज सीमाओं पर अलग से रोक लगा सकती हैं। अगर आप 65 साल से ज्यादा उम्र के हैं और स्वास्थ्य बीमा योजना खरीदने के बारे में सोच रहे हैं, तो कई योजनाओं की तुलना करना और अपनी जरूरतों के लिए सबसे खास योजना चुनना बेहतर हो सकता है।
प्री-एग्जिस्टिंग डिजीज (PED) क्लेम
पहले, बीमा कंपनियां इस आधार पर स्वास्थ्य बीमा दावों को खारिज कर सकती थीं कि बीमाधारक ने पॉलिसी लेते समय किसी मौजूदा बीमारी का खुलासा नहीं किया था। नए नियमों के तहत, अगर कोई बीमाधारक पॉलिसी जारी होने के पांच साल बाद भी दावा करता है, तो बीमा कंपनी PED के आधार पर दावे को खारिज नहीं कर सकती है। इसका मतलब है कि पॉलिसीधारकों को अब यह चिंता करने की जरूरत नहीं है कि अगर वे किसी मौजूदा बीमारी का खुलासा नहीं करते हैं, तो उनका दावा खारिज कर दिया जाएगा।
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बुजुर्गों को किन बीमारियों में मिलेगा कवर
इसमें बीमा कंपनियों को हार्ट अटैक, कैंसर और एड्स जैसी गंभीर बीमारियों वाले मरीजों को बीमा जारी करने से मना करने से भी प्रतिबंधित किया गया है, इसका मतलब है कि कंपनियां इन गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को बीमा बेचने से मना नहीं कर सकती हैं।
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