आखिर क्यों किया गया था हेडफोन का आविष्कार? जानें इससे जुड़ी रोचक बातें

हम सुबह अपना लंच बॉक्स लेकर जाना भूल सकते हैं, लेकिन हेडफोन नहीं क्योंकि यह हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुके हैं। इसके बिना सफर अधूरा ही लगता है, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि इतनी जरूरी चीज का आविष्कार कैसे हुआ? 
image

आज के समय में हेडफोन हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं। चाहे म्यूजिक सुनना हो, ऑनलाइन मीटिंग अटेंड करना हो या फिर अकेले में मनोरंजन का लुत्फ लेना हो, हेडफोन का इस्तेमाल हर जगह होता है। हालांकि, एक वक्त ऐसा भी रहा है जब इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता था।

पर क्या आपने कभी सोचा है कि इसका इस्तेमाल पहली बार कब और क्यों किया गया? इसका आविष्कार क्यों और कैसे हुआ? अगर नहीं, तो आइए जानते हैं हेडफोन के आविष्कार की कहानी और इसके पीछे के कुछ दिलचस्प तथ्य।

गाने सुनने के लिए नहीं बल्कि इसलिए किया गया था हेडफोन का आविष्कार

history of headphone

इस दौर में हेडफोन भले ही म्यूजिक सुनने का एक जरिया हो, लेकिन एक वक्त था जब हेडफोन का आविष्कार 19वीं सदी के आखिर में कम्यूनिकेशन को बेहतर बनाने के लिए किया गया था।नथानियेल बाल्डविन ने पहला हेडफोन 1910 में बनाया, जो अमेरिकी नौसेना के लिए था। शुरुआती हेडफोन यांत्रिक थे और बिना बिजली के काम करते थे।

इसे जरूर पढ़ें- सोनी के Best Gaming Headphones पर मिलेगा 33% का डिस्काउंट, देखें Amazon ग्रेट इंडियन फेस्टिवल से पहले की खास डील

इसके बाद हेडफोन ने म्यूजिक, मनोरंजन और व्यक्तिगत उपयोग के लिए भी अपना स्थान बना लिया। 1950 और 1960 के दशकों में स्टेरिओ हेडफोन आए, और 1970 में सोनी के वॉचमैन ने पोर्टेबल म्यूजिक के लिए हेडफोन को आम बना दिया। आज, वायरलेस और नॉइज़-कैंसलिंग हेडफोन जैसी तकनीक उपयोग में हैं, और भविष्य में इसका विकास और भी उन्नत होगा।

पहले कैसा दिखता था हेडफोन?

Invention of Headphones

पहले के हेडफोन का डिजाइन काफी नॉर्मल और भारी होता था। शुरुआती हेडफोन में बड़े और गोल आकार के ईयरपीस होते थे। यह आमतौर पर धातु या लकड़ी से बने होते थे। साथ ही, यह ईयरपीस एक मोटे पट्टे के साथ डिजाइन किए जाते थे, जिसे सिर पर बांधना होता था।

इनका आकार बड़ा और भारी होता था, जिससे लंबे समय तक पहनना मुश्किल हो सकता था। इसमें कोई वायरलेस तकनीक नहीं होती थी, ये हेडफोन सीधे तार के माध्यम से टेलीफोन या रेडियो से जुड़े होते थे।

समय के साथ, डिजाइन में सुधार हुआ, और 1950 और 1960 के दशकों में स्टेरिओ हेडफोन आए, जो हल्के होते थे, लेकिन शुरुआती हेडफोन ने आवाज को बदलने में अपनी एक अहम भूमिका निभाई।

हेडफोन पर लिखे L और R चैनल का मतलब?

Noise-Canceling Headphones

हम सभी को लगता है कि हेडफोन पर लिखे L और R का मतलब सिर्फ लेफ्ट एंड राइट से होता है। साउंड इंजीनियरिंग से लेकर रिकॉर्डिंग तक, हेडफोन पर L और R लिखे होने का पहला है रिकॉर्डिंग।यूं समझिए कि स्टीरियो रिकॉर्डिंग के समय कोई म्यूजिक या आवाज बाईं तरफ से आती है, तो आपके बाएं कान से यह आवाज तेज और दाएं में धीमी सुनाई देगी।
हालांकि, यह साइंस आपको थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन बिल्कुल सही है। इसके अलावा , इसका साइंस तो हेडफोन बनाने वाले को ज्यादा बेहतर पता होगा। स्टीरियो म्यूजिक से ऐसा भ्रम होता है कि आवाज चारों तरफ से आ रही लेकिन हेडफोन्स ऐसे भ्रम को दूर करते हैं और लेफ्ट की आवाज को लेफ्ट और राइट की आवाज को राइट में रखते हैं।

एक नहीं, दो नहीं बल्कि कई तरह के होते हैं हेडफोन

Types of headphones

आपको शायद पता हो कि हेडफोन एक नहीं बल्कि कई तरह के होते हैं। इसका न सिर्फ डिजाइन अलग होता है, बल्कि आवाज सुनने की तकनीक में भी फर्क होता है। तो देर किस बात की आइए विस्तार से जानते हैं हेडफोन के टाइप्स के बारे में।

इसे जरूर पढ़ें-कॉम्पैक्ट डिजाइन और लंबी बैटरी के साथ आते हैं ये Skullcandy Headphones, नॉइज कैंसिलेशन फीचर बना देगा दीवाना

ओवर-ईयर हेडफोन- ये हेडफोन बड़े होते हैं और पूरे कान को ढकते हैं। इनमें ध्वनि की गुणवत्ता बेहतर होती है और यह लंबे समय तक इस्तेमाल करने के लिए आरामदायक होते हैं।

ऑन-ईयर हेडफोन- ये कान के ऊपर रखे जाते हैं और आकार में छोटे होते हैं। ये हल्के होते हैं और यात्रा के दौरान इस्तेमाल किए जा सकते हैं।

इन-ईयर हेडफोन (ईयरबड्स)- ये सीधे कान के अंदर फिट होते हैं और छोटे, पोर्टेबल होते हैं। इन्हें ज्यादातर लोग चलते-फिरते इस्तेमाल करते हैं, और ये आजकल सबसे लोकप्रिय हैं, खासकर ट्रू वायरलेस ईयरबड्स।

नॉइस-काउंसलिंग हेडफोन- ये हेडफोन बाहरी शोर को कम करने के लिए विशेष तकनीक का इस्तेमाल करते हैं। ये लंबे सफर और भीड़भाड़ वाली जगहों के लिए सही माने जाते हैं।

हालांकि, आने वाले वक्त में तकनीक दिन-ब-दिन बढ़ेगी और हेडफोन के डिजाइन में फर्क महसूस होगा। अब हेडफोन सिर्फ म्यूजिक सुनने के लिए नहीं, बल्कि वर्चुअल रियलिटी (VR) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी तकनीकों के साथ भी काम कर रहे हैं। इसके अलावा, स्वास्थ्य और फिटनेस के लिए भी स्मार्ट हेडफोन आ रहे हैं, जो यूजर की हृदय गति और शारीरिक गतिविधियों को ट्रैक कर सकते हैं।

अगर हमारी स्टोरी से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

Image Credit- (Freepik and Shutterstock)

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP