आपने अक्सर लोगों को ये बोलते सुना होगा कि चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ भी नहीं खाना चाहिए। कभी घर के बड़े, तो कभी दादी की कहानियों में इस बात का जिक्र जरूर होता है कि चंद्र ग्रहण के से क्या करें और क्या न करें। अक्सर हमारे मन में ऐसे सवाल भी उठते हैं कि आखिर ऐसा क्यों नहीं करना चाहिए और इसके क्या नुकसान हो सकते हैं। कुछ लोग इसका कारण जाने बिना ही इस प्रथा को बखूबी निभाते हैं क्योंकि शास्त्रों में भी इस बात का जिक्र किया गया है।
लोग अक्सर इस बात पर को सोचकर भी इस बात के बारे में जानकारी नहीं प्राप्त कर पाते हैं। लेकिन शास्त्रों में लिखी हर एक बात का भी अपना अलग महत्व है और इस बात का भी एक प्रमाण है कि शास्त्रों के अनुसार चंद्र ग्रहण के दौरान भोजन क्यों नहीं करना चाहिए। आइए Life Coach और Astrologer Sheetal Shapaira से जानें कि चंद्र ग्रहण के दौरान खाने के क्या नुकसान हो सकते हैं।
आधुनिक विज्ञान के अनुसार ग्रहण के दिन यदि कोई व्यक्ति कुछ खाता है या कुछ भी कार्य करता है तो उसे वास्तविक रूप से कोई भय नहीं होता है। हालांकि जब शास्त्रों की बात आती है तो चंद्र ग्रहण को परिवर्तन का अग्रदूत और अपशकुन का समय माना जाता है। इसलिए इस अवधि के दौरान कुछ सावधानियों का पालन किया जाता है। कहीं कुछ गर्भवती महिलाओं को सलाह दी जाती है कि वे इस दौरान सतर्क रहें और किसी भी नुक्सान पहुंचाने वाली वस्तु से बचें। यही नहीं चन्द्रमा की किरणों को इस दौरान विषाक्त माना जाता है और ऐसा माना जाता है कि इस पूरी अवधि के दौरान कुछ भी खाने से उसका नकारात्मक प्रभाव सीधा शरीर पर पड़ता है।
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मान्यताओं के अनुसार चंद्रमा के चक्र हमारे शरीर पर वैज्ञानिक, मनोवैज्ञानिक और हमारे ऊर्जा चक्रों को भी प्रभावित करते हैं। कुछ शास्त्रों का सुझाव है कि हम जिस दिन भोजन करते हैं, उसे पचने में अधिक समय लगता है, क्योंकि हमारे शरीर की महत्वपूर्ण ऊर्जा लगभग अट्ठाईस दिनों की होती है। यह प्राथमिक कारणों में से एक है कि परंपरागत रूप से ग्रहण के दिन कच्चे फल या सलाद खाने से परहेज किया जाता है।
पारंपरिक रीतियों के अनुसार ग्रहण के दौरान कच्चे भोजन मुख्य रूप से फलों और सब्जियों के सेवन की सलाह नहीं दी जाती है। यह माना जाता है कि चंद्रमा की किरणें इसके गुणों को नष्ट कर सकती हैं और इसे खाने के लिए अनुपयुक्त बना सकती हैं। यही बात शराब, मांसाहारी उत्पादों या ऐसी किसी भी वस्तु पर लागू होती है जिसे पचने में लंबा समय लगता है। (कार्तिक पूर्णिमा के चंद्र ग्रहण का राशियों पर असर )
चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है। यह पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य की स्थिति में परिवर्तन के कारण होता है। जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, तब चंद्र ग्रहण होता है। इससे चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया दिखाई देने लगती है जिससे काला प्रभाव पड़ता है। भले ही यह एक खगोलीय घटना है, लेकिन यह ज्योतिष के अनुसार हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित करती है। कई वर्षों से, यह वास्तव में माना जाता है कि ग्रहण न केवल भौगोलिक घटनाओं के संदर्भ में एक बड़ा प्रभाव डाल सकता है, बल्कि ऊर्जा में बदलाव के कारण स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। चंद्रमा जल है और हमारे शरीर में 72 प्रतिशत जल है। यानी चंद्रमा के परिवर्तन से मस्तिष्क और शरीर में भी परिवर्तन आएगा। जब कोई ग्रहण होता है, तो वह अपने साथ ऊर्जा की एक लहर लेकर आता है जो पृथ्वी की सतह पर मौजूद लगभग हर चीज को प्रभावित कर सकती है।
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ऐसा माना जाता है कि पर्यावरण में बदलाव और यूवी किरणों की वजह से यह किसी भी पके हुए भोजन को खराब कर सकता है। हालांकि चंद्र ग्रहण का प्रभाव कच्ची सामग्रियों जैसे आटा, दाल या चावल पर नहीं होता है। लेकिन पके हुए भोजन में इसकी किरणें जब पड़ती हैं तब यह खाने को दूषित कर सकती हैं। चंद्रमा के कई चक्र विकिरण और पराबैंगनी किरणों को बढ़ाते हैं जो भोजन को दूषित करते हैं, जिसका सेवन करना हानिकारक हो जाता है। इसी वजह से यह माना जाता है कि ग्रहण के दौरान भोजन करना हानिकारक हो सकता है क्योंकि उत्सर्जित होने वाली पराबैंगनी किरणें पके हुए भोजन को प्रभावित करती हैं क्योंकि इसे पानी से बनाया गया होता है जो चंद्रमा से निकलने वाली किरणों को आकर्षित करता है।
यदि आप पके हुए भोजन को सुरक्षित करना चाहते हैं, तो इस भोजन में तुलसी का पत्ता रखें क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यह विकिरण को दूर करता है और भोजन को जहर में बदलने से बचाता है। जब बच्चों, वृद्धों और गर्भवती महिलाओं की बात आती है, तो उनके लिए तुलसी मिले हुए दूध का सेवन करना सबसे अच्छा माना जाता है।(नवंबर में कब पड़ेगा चंद्र ग्रहण )
शास्त्रों के अनुसार जब चंद्र ग्रहण फैलता है, तो यह कई सूक्ष्मजीवों की मृत्यु का कारण बनता है और इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि ग्रहण की पूरी अवधि के दौरान खाने या स्नान करने जैसी महत्वपूर्ण गतिविधियां न करें। ऐसा करना आपके स्वास्थ्य के साथ आपके मन मस्तिष्क को भी प्रभावित कर सकता है।
इस प्रकार यदि इस बात को शास्त्रों से न भी जोड़ा जाए कि चंद्र ग्रहण के दौरान भोजन करना नुकसानदेह हो सकता है। तब भी ये वैज्ञानिक कारणों से भी शरीर में नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसलिए ऐसा करने से बचना ही तर्क संगत सुझाव है।
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