Vehicle Of Gods: देवताओं का वाहन होने के बाद भी ये पशु-पक्षी क्यों माने जाते हैं अशुभ?

आज हम आपको उन पशु और पक्षियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो देवी देवताओं के वाहन होने के बाद भी अशुभ माने जाते हैं। 

Devi Devtaon Ke Vahan

Vehicle Of Gods: हिन्दू धर्म में 33 कोटि देवी देवता हैं और हर एक देवी देवता का अपना वाहन। इस सृष्टि के अधिकांश पशु पक्षी किसी न किसी दैवीय शक्ति के वाहन हैं लेकिन फिर भी इनमें से कुछ वाहनों को अशुभ माना जाता है। हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से जब हमने इस बारे में बात की तो उन्होंने हमें काफी रोचक और धर्म आधारित तथ्य समझाए। उन्हीं तथ्यों के आधार पर आज हम आपको इस विषय के बारे में दिलचस्प जानकारी देने जा रहे हैं। तो चलिए जानते हैं कि आखिर क्यों देवी देवताओं का वाहन होने के बाद भी इन प्राणियों को माना जाता है अशुभ।

यमराज का वाहन भैंसा

buffalo vehicle of yamraj

यमराज सूर्य के पुत्र हैं। जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है कि यह यम अर्थात मृत्यु के देवता हैं जो व्यक्ति को उसके कर्म के अनुसार मृत्यु के पश्चात फल प्रदान करते हैं। यमराज का वाहन एक भैंसा है। यूं तो भैंसा यम देव का वाहन है लेकिन इसका सपने में दिखना या घर के आस पास दिखना अशुभ माना जाता है। इसके पीछे का कारण यह है कि भैंसा अनिष्ट का सूचक होता है। शास्त्रों के अनुसार, भैंसा जिस भी घर के आस पास दिखे वहां किसी की मृत्यु होना तय माना जाता है।

विष्णु जी का वाहन गरुड़

vulture vehicle of lord vishnu

भगवान विष्णु सृष्टि के पालनहार हैं और उनके वाहन गरुड़ अर्थात गिद्ध हैं। गरुड़ को पक्षी राज के नाम से भी जाना जाता है। गरुड़ न सिर्फ एक देवता का वाह है बल्कि यह बुद्धिमानी में भी सर्वश्रष्ठ है। गरुड़ की चालाकी, उसकी तेजी और निर्णय लेने की क्षमता मनुष्यों से भी कही अधिक होती है लेकिन इसके बावजूद भी उसे अशुभ माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, सपने में गिद्ध को देखना जहां एक ओर धन हानि (धन हानि से बचने के लिए वास्तु टिप्स) का संकेत देता है तो वहीं, उसका घर की छत पर बैठना घर के पतन की ओर इशारा करता है। गरुड़ एक मांसाहारी जीव है इसलिए घर के आस पास इसका भटकना जीवन में आने वाली परेशानियों को दर्शाता है।

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शनिदेव का वाहन कौवा

crow vehicle of shani dev

शनि देव को व्यक्ति को उसके कर्म के आधार पर फल प्रदान करने वाले देवता के रूप में जाना जाता है। शनिदेव (शनिदेव के मंत्र) का वाहन कौवा है। वैसे तो कौवे को पितरों का रूप माना जाता है और कौवा कुछ विशेष परिस्थितियों में शुभ संकेत का सूचक भी होता है लेकिन अधिकांश मामलों में इसे अशुभ पक्षी की दृष्टि से देखा जाता है। शास्त्रों में दी गई जानकारी के मुताबिक कौवे का आपके घर के आस पास मुंह खोलकर बैठना प्रॉपर्टी में होने वाले नुकसान को दर्शाता है। इसके अलावा, कौवे का मुंह में मांस दबाए आपके घर के आस पास बैठना बीमारी का संकेत देता है। कौवे का ऐसा रूप घर में किसी बड़ी बीमारी के पनपने की तरफ इशारा करता है।

तो ये थे वो पशु पक्षी जो देवी देवताओं के वाहन होने के बाद भी अशुभ माने जाते हैं। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Freepik, Herzindagi

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