हल्दी का इस्तेमाल कई अलग तरीकों से घर में किया जाता है। किचन का एक अभिन्न मसाला होने के साथ हल्दी किसी भी शुभ काम में इस्तेमाल की जाती है। विभिन्न पूजा-पाठ और अनुष्ठानों में हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है और इसे पवित्रता और शुभता का प्रतीक माना जाता है।
किसी भी हिन्दू शादी में हल्दी को बहुत शुभ माना जाता है और हल्दी की रस्म निभाई जाती है। दूल्हे और दुल्हन के हाथों में हल्दी लगने से उनके जीवन में सदैव सामंजस्य बना रहता है और उनका रिश्ता मजबूत होता है।
ऐसे ही पूजा-पाठ में भी इसे विशेष स्थान प्राप्त है और विभिन्न देवी-देवताओं का पूजन हल्दी के बिना अधूरा माना जाता है। प्रश्न ये उठता है कि आखिर किचन में इस्तेमाल होने वाले इस मसाले का पूजा-पाठ में इतना महत्व क्यों है। इस बात को विस्तार से जानने के लिए हमने Life Coach और Astrologer, Sheetal Shaparia जी से बात की। आइए जानें हल्दी के ज्योतिष महत्व के बारे में।
हल्दी एक ऐसा शुभ मसाला है जो हिंदुओं के बीच पवित्रता, उर्वरता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसका इस्तेमाल भारतीय संस्कारों और अनुष्ठानों में किया जाता है। अन्य पूजन सामग्रियों के साथ हल्दी पाउडर का प्रयोग देवताओं को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है।
इसे मंदिरों और घर में देवी-देवताओं को समर्पित किया जाता है। हिंदू धर्म में हल्दी को माता गौरी का प्रतीक माना जाता है और यदि विवाहित स्त्रियां माता पार्वती को हल्दी चढ़ाती हैं तो उनके जीवन में समृद्धि बनी रहती है।
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किसी भी महत्वपूर्ण पूजा या व्रत की शुरुआत में, हल्दी गणपति और माता गौरी को अर्पित की जाती है और उन्हें कुमकुम से सजाया जाता है। हल्दी पूजा का पूर्ण फल दिलाने में मदद करती है और बुरी नजर से बचाने में मदद करती है।
इसे अत्यंत शुभ माना जाता है इसलिए इसके पूजा में इस्तेमाल से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। हल्दी अपनी ओर ऐसी सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है जो जीवन में समृद्धि बनाए रखने में मदद करती है।
हल्दी में कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जो हमें बुरी नजर से बचाने में मदद करती है। पूजन में हल्दी और कुमकुम को मिलाकर इस्तेमाल करने से वातावरण पवित्र हो जाता है और ये दोनों ही सामग्रियां विभिन्न सकारात्मक गुणों से भरपूर होती हैं। इसी वजह से हमारे दैनिक पूजा-पाठ में हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है।
हिंदू शादियों (शादी में हल्दी क्यों लगाई जाती है) के दौरान, अलग-अलग 'पूजा' समारोह होते हैं। विभिन्न समारोहों के दौरान अलग-अलग देवताओं की पूजा की जाती है जिसमें हल्दी का उपयोग किया जाता है। हल्दी को सौभाग्य और समृद्धि लाने वाला माना जाता है और इसी वजह से इसका उपयोग पूजा-पाठ में किया जाता है।
शादी के सफल और समस्या मुक्त समापन के लिए गणपति पूजन में हल्दी का इस्तेमाल होता है और ये भावी दंपत्ति के जीवन में सौभाग्य लाने में मदद करती है। हल्दी सौभाग्य को बढ़ाती है इसलिए शादी को अधिक पवित्र बनाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।
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पूजा में हल्दी का इस्तेमाल करने से यह समस्त पापों का नाश करती है और यदि आप हल्दी का तिलक पूजन के दौरान मस्तक पर लगाती हैं तो ये शरीर के सभी चक्रों को नियंत्रित करने में मदद करती है। हल्दी पाउडर में गहरे पीले और नारंगी रंग होते हैं। पीला रंग सूर्य का प्रतीक होता है और इसके पूजा में इस्तेमाल से घर के लोगों को सूर्य की शक्ति और ऊर्जा मिलती है।
किसी भी पूजा-पाठ में हल्दी का इस्तेमाल पूजन को पूर्ण करता है और इसे सफल बनाता है, इसलिए ज्योतिष में पूजन के दौरान इसका इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।
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