मक्का और मदीना नाम से आपके दिमाग में सबसे पहले शायद हज यात्रा ही आती होगी। इस्लाम के सबसे पवित्र स्थलों में इनकी गिनती है। पैगंबर मोहम्मद का जन्म भी यहीं हुआ था। अधिकतर लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती कि मक्का और मदीना असल में क्या हैं? मक्का और मदीना दो शहर हैं जहां हज यात्रा होती है। ये दोनों ही साउदी अरब में स्थित हैं। ऐसा माना जाता है कि इस्लाम धर्म का जन्म भी यहीं हुआ था। पर इन दोनों शहरों को लेकर कई सारी भ्रांतियां हैं।
इन शहरों को इस्लाम धर्म में सबसे पाक समझा जाता है और यही कारण है कि यहां प्रवेश करने वालों के लिए कुछ खास नियम भी हैं। इनमें से सबसे बड़ा यह है कि इन शहरों में सिर्फ मुसलमान ही आ सकते हैं। किसी भी अन्य धर्म के व्यक्ति के लिए यहां आना मना है। इस नियम का क्या कारण है और क्या शहर की सीमा में प्रवेश करना ही वर्जित है यह जानने के लिए हमने जामिया मिल्लिया इस्लामिया के मुफ्ती साहब मोहम्मद हमज़ा से बात की। मुफ्ती एक इस्लामिक पद होता है। इन्होंने कुरान को हाफिज किया है यानि कुरान याद की है।
उन्होंने हमें हज के बारे में कुछ जानकारी दी। साथ ही यह भी बताया कि आखिर क्यों मक्का-मदीना में गैर-मुसलमानों का जाना मना है।
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सिर्फ हिंदू ही नहीं हर गैर-मुसलमान का जाना है मना
मुफ्ती साहब के अनुसार ऐसा सिर्फ हिंदुओं के लिए नहीं है। उस जगह को इस्लाम का सबसे पाक स्थान माना जाता है और मक्का में सभी गैर-मुसलमानों का जाना मना है। हां, आप मदीना में एंट्री ले सकते हैं, लेकिन वहां भी शहर के कुछ हिस्से सिर्फ मुसलमानों के लिए ही सीमित हैं। यानी अगर आप नॉन-मुस्लिम हैं, तो बेहद जरूरी होने पर ही मदीना शहर के कुछ हिस्सों में जा सकते हैं।
मक्का के बारे में जानकारी
मक्का इस्लाम धर्म का सबसे पवित्र स्थान है। यहां पैगंबर का जन्म हुआ था और कुरान का पहला उपदेश दिया गया था। सबसे पहली इबादतगाह या मस्जिद भी यही बनी थी। सऊदी अरब के मक्का प्रोविंस के मक्का शहर में दुनिया की सबसे प्रसिद्ध मस्जिद मौजूद है। यहां मौजूद काबा (मस्जिद के बीच मौजूद काले पत्थर जैसी इमारत) को अल्लाह का घर माना जाता है और इसी के चारों ओर परिक्रमा कर हज यात्रा की जाती है।
मदीना के बारे में जानकारी
मदीना इस्लाम का दूसरा सबसे पवित्र स्थल है। इसे पैगंबर का शहर कहा जाता है। मक्का के बाद पैगंबर मदीना चले गए थे।
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क्यों गैर-मुसलमान नहीं जा सकते?
सऊदी अरब में जिन देशों की एम्बेसी ऑपरेट हो रही है उन्हें भी यह हिदायत दी जाती है कि अपने नॉन-मुस्लिम नागरिकों को पाक शहर में प्रवेश करने से रोका जाए। आपको जगह-जगह लगे बोर्ड पर भी यह लिखा दिख जाएगा। वहां मुस्लिम और नॉन-मुस्लिम के लिए अलग रास्ते हैं। पूरी दुनिया में ऐसा सिर्फ दो ही शहरों के लिए है मक्का और मदीना।
इस्लाम धर्म के अनुसार कुरान (अत-तवाब 9:28) में ऐसा लिखा गया है कि बहुदेववाद में यकीन करने वाले लोगों को मक्का शहर में जाने की मनाही है। हालांकि, ईसाई और यहूदी बहुदेववाद में नहीं मानते, लेकिन उनके जाने की भी मनाही है।
मुफ्ती साहब के मुताबिक जब आप पाक शहर जाते हैं, तब आपको कई धार्मिक अनुष्ठानों का पालन करना पड़ता है। वह घूमने या टूरिज्म की जगह नहीं है, बल्कि ध्यान की जगह है जहां लोग खुद को अल्लाह के करीब महसूस कर सकें। अगर कोई मुस्लिम भी हज यात्रा करता है, तो उसे हर नियम का पालन करना होता है जिसमें एक जैसे कपड़े पहनने से लेकर वहां रहने, खाने-पीने और इबादत करने के नियम तक शामिल हैं।
अगर कोई मुसलमान भी इस्लाम के नियमों के मुताबिक पवित्र नहीं है, तो उसका आना भी मना है। हालांकि, कुरान में सिर्फ मक्का के बारे में ऐसा लिखा है पर सुरक्षा कारणों से सऊदी सरकार ने मदीना के कुछ स्थानों पर भी गैर-मुस्लमानों का आना बैन किया है।
क्या होगा अगर कोई गैर-मुसलमान जाने की कोशिश करे?
सऊदी में इसे लेकर सख्त नियम हैं। अगर कोई ऐसा करे, तो उसके ऊपर इस्लामिक भावनाएं ठेस पहुंचाने का आरोप लग सकता है और उसे कानूनी रूप से सख्त सजा मिल सकती है। इस मामले में सऊदी अरब से डिपोर्टेशन और लाइफ टाइम बैन से लेकर गंभीर मामलों में भयानक सजा भी सुनाई जा सकती है।
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