सऊदी अरब में पहली बार मक्का से मदीना के बीच महिलाएं चलाएंगी बुलेट ट्रेन

सऊदी अरब में कुछ साल पहले ही महिलाओं के ड्राइविंग करने पर लगे बैन को हटाया गया था और अब यहां की महिलाएं पहली बार बुलेट ट्रेन चलाने जा रही हैं। आइए हम आपको इसके बारे में बताते हैं। 

 
saudi women qualify to become loco pilots in hindi

इस्लामिक देश सऊदी अरब में महिलाओं के पूरी दुनिया में चर्चे हो रहे हैं क्योंकि सऊदी अरब रेलवे ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करते हुए इस बात की जानकारी दी है कि अब महिलाएं बुलेट ट्रेन भी चलाएंगी।

आपको बता दें कि बता दें कि सऊदी में महिलाओं को 4 साल पहले ही ड्राइविंग करने की अनुमति मिली थी। सऊदी अरब के प्रधानमंत्री और क्राउन प्रिंस मो. बिन सलमान का यह सपना भी था कि महिलाएं आगे आए और समाज में अपनी पहचान बनाए यह सपना भी धीरे-धीरे पूरा होता हुआ नजर आ रहा है।

पहले बैच की ट्रेनिंग हुई पूरी

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सऊदी अरब में 32 महिलाओं का पहले बैच की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है। आपको बता दें कि जल्द ही वह सभी मक्का से मदीना तक तेज रफ्तार में बुलेट ट्रेन चलाते हुई नजर आएंगी। महिला ट्रेन ड्राइवरों का यह पहला बैच दुनिया की सबसे तेज ट्रेनों में से एक हरमिन एक्‍सप्रेस पर चलेगा।

आपको बता दें कि साल 2022 की शुरुआत में महिलाओं के लिए 30 बुलेट ट्रेन ड्राइवर की वैकेंसी निकाली गई थी लेकिन बाद में इन वैकेंसी को बढ़ाकर 32 कर दिया गया। इन 32 वैकेंसी के लिए 28 हजार महिलाओं ने अप्लाई किया था। इस बैच की सभी महिलाएं लगभग 453 किलोमीटर की लंबी हाई स्पीड लाइन पर ट्रेन चलाएंगी।

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महिलाओं को भी मिल रही है बड़ी जिम्मेदारियां

आपको बता दें कि क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान ने साल 2016 में विजन 2030 शुरू किया। इसका मकसद मुल्क की इकोनॉमी की ऑयल पर डिपेंडेंसी कम करना है।(ई-रिक्शा चालक पिंकी ऐसे बनी महिलाओं के लिए मिसाल) इसके तहत ऐसे कई प्रोग्राम चलाए भी जा रहे हैं।

इनमें महिलाओं की भी बड़ी हिस्सेदारी दी जा रही है। सऊदी अरब में अब सरकारी दफ्तरों के अलावा प्राइवेट सेक्टर में भी काफी महिलाएं काम कर रही हैं। एजुकेशन सेक्टर में भी उनकी हिस्सेदारी तेजी से बढ़ी है।

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नौकरी करने वाली महिलाएं

सऊदी अरब में ऊंटों की 'शिप्स ऑफ द डेजर्ट' में प्रतियोगिता में पहली बार महिलाओं ने पार्ट लिया था। इस प्रतियोगिता में करोड़ों रुपए का इनाम भी था।(मिलिए मलीशा खारवा से जिन्हें कहा जाता है स्लम प्रिंसेस ऑफ इंडिया) आपको बता दें कि इसमें हिस्सा लेने वाली महिलाएं करीब 40 ही थी लेकिन साल 2018 में केवल 20 फीसदी महिलाएं ही नौकरी करती थी और इस साल यानी 2023 में यह आंकड़ा 33 फीसदी हो गया है।

सऊदी अरब में महिलाओं को भी अब नई जिम्मेदारियां और आगे आने का मौका मिल रहा है। आपको इस जानकारी के बारे में जानकर कैसा लगा हमें जरूर बताएं। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो कमेंट करके बताएं साथ ही फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

image credit- twitter

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