आपने अक्सर घर के बड़े बुजुर्गों को ऐसा कहते हुए सुना होगा कि शादी के तुरंत बाद दुल्हन को काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए। हममें से न जाने कितने लोगों ने इस बात का पता लगाए बिना की इस रस्म का अनुसरण करना शुरू कर दिया होगा।
दरअसल ज्योतिष में ऐसा कहा जाता है कि शादी के बाद कुछ रंग पहनने से शुभता आती है और कुछ रंगों को न पहनने की सलाह दी जाती है। खासतौर पर नई दुल्हन को हमेशा लाल, गुलाबी, नारंगी और पीले रंगों का ही चुनाव करने के लिए कहा जाता है।
वहीं काले और सफ़ेद रंगों से दूर रहने की सलाह दी जाती है। हमने भी इस बात का पता लगाने के लिए नारद संचार के ज्योतिष अनिल जैन जी से बात की कि आखिर क्यों नई दुल्हन को काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए। आइए इस बारे में विस्तार से जानें कुछ बातें।
काला रंग नीरसता का प्रतीक
हिन्दू धर्म में विवाह बहुत शुभ, धार्मिक और पवित्र संस्कार माना गया है। यह सोलह संस्कारों में से महत्वपूर्ण है। जहां तक रंग की बात की जाए तो दूल्हा और दुल्हन शादी के समय कुछ विशेष रंगों को पहनने की सलाह दी जाती है।
ज्योतिष अनिल जैन जी बताते हैं कि काला रंग नीरसता, परेशानी और शोक का प्रतीक है इसलिए इस रंग के कपड़े न पहनने की सलाह दी जाती है। यदि हम मनोवैज्ञानिक दृष्टि से भी देखें तो काला रंग निराशा का प्रतीक होता है। वहीं कुछ अन्य रंग जैसे लाल को शुभता का प्रतीक माना जाता है। इसी वजह से दुल्हन को लाल रंग पहनने की ही सलाह दी जाती है।
इसे भी पढ़ें: किसी शादी में जा रही हैं, तो भूलकर भी न पहनें इस तरह के कपड़े
काले रंग से नकारात्मक ऊर्जा आती है
शादी के समय सभी ऐसी कामना रखते हैं कि सब कुछ सकारात्मक हो। इसलिए शादी के दौरान और तुरंत बाद काला रंग न पहनने की सलाह दी जाती है जिससे शुभ काम में ईश्वर का आशीर्वाद बना रहे और कोई नकारात्मक ऊर्जा न आए।
मान्यता है कि काला रंग हमेशा नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है, इसलिए यदि शादी जैसे शुभ काम में और शादी के बाद दुल्हन इस रंग से कुछ दिनों तक दूरी बनाए रखे तो उसके और परिवार के लिए बेहतर होता है।
काला रंग शनि ग्रह का प्रतीक होता है
काले रंग को हमेशा शनि ग्रह (शनि के उपाय)का प्रतीक माना जाता है और ऐसी मान्यता है कि शनि आपके दुखों का कारण बन सकता है और यह निराशा का भी कारक है। इस वजह से नयी दुल्हन को काले रंग के कपड़े न पहनने की सलाह दी जाती है जिससे शनि की दृष्टि आपके ऊपर न पड़े।
वहीं यदि नयी दुल्हन लाल रंग के कपड़े पहनती है तो लाल रंग को मंगल का प्रतीक माना जाता है जो ऊर्जा का प्रतीक भी होता है। इसी वजह से शादी जैसे शुभ काम में कभी भी काला रंग न पहनकर लाल रंग के कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है।
शादी के दौरान काला रंग पहनने की होती है मनाही
शादी को जीवन का सबसे शुभ संस्कार माना जाता है इसलिए इसमें हमेशा शुभता बनाए रखनी चाहिए। इसी वजह से शादी के समय दूल्हा और दुल्हन को काले रंग के कपड़े न पहनने की सलाह दी जाती है। ज्योतिष में काला रंग अशुभता का प्रतीक माना जाता है और शुभ काम में कोई नकारात्मक दृष्टि न आए इसलिए काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
नई दुल्हन के लिए शुभ रंग
नई दुल्हन के सबसे शुभ रंग लाल ही माना जाता है। इसी वजह से दुल्हन को यह रंग पहनने की सलाह दी जाती है। ये रंग आस -पास के वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं और ये जीवन में प्रेम और नई ऊर्जा को बनाए रखने में मदद करते हैं।
लाल रंग को सूर्य की ऊर्जा का भी प्रतीक माना जाता है और ऐसा कहा जाता है कि विवाह में लाल से मिलते जुलते जैसे नारंगी, पीला, गुलाबी रंग सबसे अच्छे हैं।
इसे भी पढ़ें: शादी में दुल्हन क्यों पहनती है लाल रंग का लहंगा, जानें महत्व
ज्योतिष की मानें तो नई दुल्हन को काले रंगों से बचना चाहिए, जिससे जीवन में शुभता बनी रहे और सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो।
आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
Recommended Video
Image Credit: Freepik.com, Unsplash.com
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों