स्कूल में हम सभी ने कई मुहावरे पढ़े हैं, जिनका इस्तेमाल हम अपने रोजमर्रा के जीवन में करते हैं। इन्हीं में से एक है बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद। इस मुहावरे का मतलब सीधा-सा है मूर्ख को किसी विशेष गुण के बारे में जानकारी का न होना। जब किसी विशेष काम की जानकारी न रखने वाला व्यक्ति उसपर टिप्पणी करता है तो इस मुहावरे का इस्तेमाल किया जाता है। यह तो रही मुहावरे की बात, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर क्यों इस मुहावरे में बंदर और अदरक का कॉम्बिनेशन बिठाया गया है। ऐसा क्यों नहीं कहा गया कि बंदर क्या जाने सेब, अंगूर, केला या आलू का स्वाद?
बंदर को अदरक का ही स्वाद क्यों नहीं पता होता है? यह सवाल अक्सर ही दिमाग में उठता है जिसका जवाब शायद कुछ लोगों को पता भी होगा। लेकिन, इस सवाल का जवाब मैंने अलग-अलग AI टूल्स से पूछकर देखा। इतना ही नहीं, AI टूल्स से बंदर और अदरक की तस्वीरें भी बनवाईं, जिसका बड़ा ही दिलचस्प नतीजा निकला है। आइए, यहां जानते हैं अलग-अलग AI टूल्स के मुताबिक बंदर को अदरक का स्वाद क्यों नहीं पता होता है।
बंदर को क्यों नहीं पता होता है अदरक का स्वाद पर क्या है AI का जवाब?
Chat GPT के मुताबिक, बंदर आमतौर पर मीठे फल, पत्तियां या नट्स खाना पसंद करते हैं। उन्हें तीखा या झन्नाटेदार स्वाद नहीं पसंद होता है। यही वजह है कि अदरक खाना वह पसंद नहीं करते हैं।
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बंदरों के स्वाद ग्राही यानी taste receptors इंसानों से अलग होते हैं। ऐसे में वह तीखे, कड़वे और मुंह को खट्टा कर देने वाली चीजों को प्राथमिकता कम देते हैं। दरअसल, अदरक में जिंजरॉल नाम का रसायन होता है जो उसके स्वाद को तीखा बनाता है, जो बंदरों की स्वाद प्राथमिकता नहीं माना जाता है।
चैट जीपीटी ने यह भी बताया कि बंदर ज्यादातर जंगलों में रहते हैं और वहां पत्तियां और फल खाते हैं। ऐसे में अदरक कभी न खाने की वजह से उन्हें इसका स्वाद भी नहीं पता होता है। साथ ही यह भी जवाब सामने आया कि कुछ जानवरों में ऐसा स्वाभाविक गुण होता है, जिसमें वह कुछ विशेष खाने की चीजों से खुद को दूर रखते हैं। आम भाषा में इसे डिफेंस मैकेनिज्म कहा जाता है। हो सकता है कि बंदरों के लिए अदरक भी उसी डिफेंस मैकेनिज्म का हिस्सा है।
Meta AI ने बताई साइंटफिक वजह
बंदर को क्यों नहीं पता होता है अदरक का स्वाद पर Meta AI का जवाब भी दिलचस्प रहा है। मेटा एआई के मुताबिक, बंदर को अदरक का स्वाद नहीं पता होने के पीछे वैज्ञानिक कारण हो सकता है। अदरक में जिंजरोल नाम का रसायन होता है, जो इसकी गंध और स्वाद को स्ट्रांग बनाता है। कुछ शोध ऐसा दावा करते हैं कि बंदरों की जीभ पर जिंजरोल को पहचानने वाले रिसेप्टर्स नहीं होते हैं, जिसकी वजह से उन्हें अदरक का स्वाद महसूस नहीं पोता है। हालांकि, यह जानकारी पूरी तरह से प्रमाणित नहीं है।
Deepseek ने दिया फैक्ट्स से भरा जवाब
AI टूल डीपसीक ने बंदर को क्यों नहीं पता होता है अदरक का स्वाद पर फैक्ट्स से भरा जवाब दिया है। डीपसीक के मुताबिक, बंदर को अदरक का स्वाद इसलिए नहीं पता होता है क्योंकि यह उनके स्वभाव के बिल्कुल उलटा होता है। इसी के साथ AI टूल ने कहा कि यह मुहावरा बंदर और अदरक से नहीं जुड़ा है। बल्कि, यहां इसका मतलब है कि जिस तरह बंदर को अदरक के गुण नहीं पता होते हैं, वैसे ही एक अज्ञानी या छोटी सोच वाला व्यक्ति किसी ज्ञान, कला या वस्तु की वैल्यू नहीं कर पाता है।
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डीपसीक ने उदाहरण में बताया, अगर कोई व्यक्ति शेक्सपियर के नाटक को बस पुरानी कहानी कहकर टाल देता है, तो यह मुहावरा उस पर फिट बैठ सकता है।
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Image Credit: Open AI
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