आखिर पीरियड्स के दौरान महिलाओं को छुट्टी मिलना क्यों है सही?

इन दिनों पीरियड्स के दौरान मिलने वाली महिलाओं की छुट्टी के विषय पर जमकर बातें हो रही हैं। ऐसे में हमने बात की कुछ महिलाओं से कि आखिर उनका इस विषय के बारे में क्या कहना है। 

Geetu Katyal
menstrual leave policy in india

पीरियड्स के दौरान होने वाला दर्द सहन करना महिलाओं के लिए हर महीने आने वाली किसी आपदा जैसा है। फिर चाहे कोई फंक्शन हो या ऑफिस, पीरियड्स का आना तय है। खासतौर पर ऑफिस में काम करने वाली महिलाओं के लिए इस दौरान काम करना बहुत मुश्किल हो जाता है। यही कारण है कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं को छुट्टी देने के विषय पर समय-समय पर बातें तो होती रहीं लेकिन कोई फैसला सामने नहीं आया।

बहरहाल सुप्रीम कोर्ट में 24 फरवरी को मेंस्ट्रुअल लीव्स के मुद्दे पर सुनवाई होने वाली है। इस सुनवाई के बाद तय होगा कि महिलाओं को पीरियड्स के दौरान छुट्टी मिलनी चाहिए या नहीं।

हमने कुछ महिलाओं से बात करके ही जानने की कोशिश कि आखिर पीरियड्स के दौरान महिलाओं को छुट्टी मिलना क्यों जरूरी है।

वर्किंग महिला के लिए है जरूरी

menstrual leave are important

पटना के पारस हॉस्पिटल में डेंटिस्ट के तौर पर काम कर रही प्रिया वर्मा कहती हैं, "हर महीने आने वाले पीरियड्स के दौरान काम करना किसी जंग जितना मुश्किल है। खासतौर पर हेल्थ सेक्टर में काम करते वक्त हमारे लिए लोगों के इलाज का ध्यान रखना जरूर होता है। परंतु जब हम खुद ही दर्द की स्थिति मे होंगे तो लोगों का इलाज कैसे करेंगे? क्रेम्प्स और मूड स्विंग्स से परेशान होने के बावजूद भी लगातार काम करते रहना मेरे लिए बहुत मुश्किल है इसलिए मैं सोचती हूं कि मेंस्ट्रुअल लीव्स मिलनी चाहिए।"

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मेंस्ट्रुअल लीव्स: यह एक अच्छा कदम होगा...

why menstrual leave policy is  important

गुरुग्राम की फ्लेक्सनेस्ट कंपनी में एचआर के रुप काम कर रही इशू बताती हैं, "पीरियड्स के दौरान 2 घंटे का सफर तय करके ऑफिस जाना बहुत मुश्किल है। इस दौरान कई बार पैड लीकेज का भी डर लगा रहता है। साथ ही ऑफिस में भी बाथरूम में सेनेटरी नपकिन लेकर जाना मुझे थोड़ा अनकंफर्टेबल बना देता है। महिलाओं की मानसिक और शारीरिक थकावट को देखते हुए मेंस्ट्रुअल लीव्स मिलना काफी जरूरी है।"

परिस्थिति को समझा जाए

मेंस्ट्रुअल लीव्स मिलनी चाहिए या नहीं इस विषय के बारे में बात करते हुए गरिमा कहती हैं, "पीरियड्स के दौरान हम महिलाओं को बहुत दर्द होता है, इस बात पर कोई शक नहीं है। परंतु यह दर्द हर बात असहनीय ही हो ऐसा जरूरी नहीं है। हम सभी को कई बार कम तो कई बार ज्यादा दर्द होता है। ऐसे में हर बार छुट्टी मिल जाने से कंपनी के आउटपुट पर बुरा असर आएगा। मेंस्ट्रुअल लीव की बजाए पीरियड्स के दौरान महिलाओं को आराम से छुट्टी मिल जाए इतना भी काफी है।"

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