तपती धूप में सड़क क्यों नजर आती है गीली, जानिए इसके पीछे की वजह

Mirage On Road: गर्मी के मौसम में जब हम कहीं ट्रैवल करते हैं, तो अक्सर गाड़ी चलाते हुए ऐसा लगता है कि रोड पर पानी बिखरा हुआ है। लेकिन ये सच नहीं होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये भ्रम होता है। इसलिए इसे मृग मरीचिका कहते हैं।
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Mirage Water Effect: घुमना हम सभी को पसंद होता है। ऐसे में हम अक्सर बाहर निकल जाते हैं। गर्मी के मौसम में अक्सर लोग अपनी गाड़ी से ट्रैवल करना सबसे ज्यादा पसंद करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि तेज धूप के कारण कहीं आने जानें में काफी दिक्कत होती है। इसकी वजह से अक्सर लोग लंबे रुट को भी गाड़ी से कवर करते हैं। लेकिन अक्सर जब हमारी गाड़ी तेज धूप में रोड पर दौड़ती है, तो हमें एक रिफ्लेक्शन या इल्यूजन नजर आता है। ऐसा लगता है कि रोड पर काफी सारा पानी पड़ा हुआ है। इसकी वजह से आंखों में भी चमक दिखने लगती है। लेकिन जब गाड़ी वहां पहुंचती है, तो ऐसे कुछ नहीं होता। आखिर क्या होता है इसके पीछे का कारण चलिए आपको बताते हैं।

गर्मियों में रोड पर क्योंकि दिखता है मृग मरीचिका

Road illusion

गर्मियों के मौसम में हर बार तापमान 40 से 45 डिग्री तक जरूर पहुंचता है। ऐसे में गर्मी की तपीश से बचने के लिए हम गाड़ी से ट्रैवल करते हैं। लेकिन जब गाड़ी रोड पर चल रही होती है, तो हमें अक्सर जगह-जगह पानी भरा हुआ जैसा रास्ता नजर आता है। लेकिन असल में ऐसा नहीं होता है। ये हमारी आंखों का भ्रम होता है। इसी को मृग मरीचिका कहते हैं। लेकिन ये गर्मियों में रोड पर अक्सर क्यों दिखाई देता है? इसे लेकर सवाल हमारे दिमाग में अक्सर आते हैं, तो चलिए आपको बताते हैं आखिर मृग मरीचिका कैसे बनता है।

कैसे नजर आता है मृग मरीचिका

मृग मरीचिका एक तरह का रिफ्लेक्शन होता है। जब सूरज की किरण अलग-अलग टेंपरेचर पर चलने वाली हवा के बीच से गुजरती है, तो रोड का टेंपरेचर बढ़ जाता है। ऐसे में हवा और रोशनी रिफलेक्ट करती है। अगर आसान भाषा में बताएं तो जब रोड का तापमान ज्यादा होता है तो ऊपर हवा का तापमान कम होने लगता है। इसी बदलाव का असर रोड पर नजर आता है और हमें पानी-पानी दिखाई देता है। इसी को मृग मरीचिका कहते हैं।

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कैसे पड़ा मृग मरीचिका नाम

Road reflection

आपको बता दें कि मृग मरीचिका शब्द का इस्तेमाल राजस्थान में किया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि वहां पर रेगिस्तान है। जहां पर दूर-दूर तक पानी नहीं है। ऐसे में जब वहां पर हवा और सूरज की किरण आपस में टकराती हैं, तो वहां पर भी चमकीली रेत पर पानी होने का भ्रम होता है। लेकिन वहां पानी होता नहीं है। जैसे रामायण में हिरण ने राम जी के साथ छल किया था। वैसे ही गर्मी में पानी का छल आपके साथ होता है। इसलिए इसका नाम हिरण जिसे संस्कृत में मृग कहते हैं उसपर पड़ा है।

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अगर आपको भी अगली बार रोड पर मृग मरीचिका दिखाई दे, तो उसे सच का पानी न समझे। ये आपके दिमाग का भ्रम होता है। इसलिए सेफ्टि के साथ रोड पर गाड़ी चलाएं।

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Image Credit-Shutterstock, Social media

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