हिंदी भाषा की किताब हो या दादी नानी की बातें, बचपन से हमने कई किस्से और कथन सुने हैं। उन बातों और किस्सों में अक्सर मुहावरों का उपयोग किया जाता था। पहले जब हम छोटे थे तब उसे बस कथन यचा मुहावरा समझकर इग्नोर कर देते थे। लेकिन अब जब बड़े होने के बाद फिर से ऐसे कथन सुनने को मिलते हैं, तो हम सोच में पड़ जाते हैं कि ऐसा क्यों कहा जाता है। उन कथन और मुहावरे में से एक है 'ऊंट के मुंह में जीरा' यह जब मैंने 9वीं-10वीं की हिंदी विषय में पढ़ रही थी, तब इसे बस पढ़ाई का हिस्सा समझकर रट ली थी। लेकिन अब जब सोशल मीडिया में स्क्रोल करते हुए यह मुहावरा सुना तो मेरे दिमाग में यह सवाल आया कि ऊंट के मुंह में जीरा ही क्यों कहा गया। ऐसा कहने के पीछे क्या तथ्य रहा होगा। ऊंट के मुंह में जीरा ही क्यों मेथी और सरसों क्यों नहीं, ऐसे कई सवाल मेरे दिमाग में चल रहे हैं। ऐसे में चलिए जान लेते हैं इन सवालों के जवाब...
ऊंट के मुंह में जीरा ही क्यों?
ऊंट हर कहीं नहीं दिखता यह रेगिस्तान में रहने वाला जानवर है। ऊंट एक बड़ा और विशालकाय जानवर है और उसका मुंह और पेट बहुत बड़ा होता है। वहीं जीरा एक स्वादिष्ट मसाला है, जिसका उपयोग भोजन खुशबू और स्वाद लाने के लिए किया जाता है। आधा से एक चम्मच जीरा किसी भी भोजन को स्वादिष्ट बनाने के लिए पर्याप्त है। लेकिन ऊंट जैसे बड़े और विशालकाय जानवर के मुंह में जीरा खाने को दिया जाएगा, तो उसे न तो जीरा का स्वाद पता चलेगा और न ही उस जीरा से ऊंट का पेट भरेगा।
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ऊंट के मुंह में जीरा कब कहा जाता है?
ये तो जान लिए कि ऊंट के मुंह में जीरा का क्या मतलब है, तो चलिए जान लेते हैं कि इस मुहावरे का उपयोग कब किया जाता है। सालों से हमारी दादी, नानी और मम्मी इस कथन का उपयोग बहुत तेज भूख लगने पर कम खाना मिलने पर करती हैं या फिर बहुत मेहनत करने के बाद कम या असंतुष्ट फल मिलने पर लोग कहते हैं ऊंट के मुंह में जीरा।
आवश्यकता से कम चीज मिलने पर इस मुहावरे का उपयोग किया जाता है। अक्सर दिन भर मजदूरी करने वाले मजदूर को घर जाते वक्त कम मजदूरी या एक रोटी दी जाए, तो उस परिस्थिती पर ऊंट के मुंह में जीरा वाली स्थिति होगी। ऊंट एक बड़ा जानवर है, जिसका पेट कम चारे से नहीं भरता, वह अपने पेट भरने के लिए खूब सारे चारे को खाकर लंबे समय के लिए अपने पेट में स्टोर करके रखता है। वहीं जीरा का उपयोग किसी भी व्यंजन को बनाने के लिए आधा से एक चम्मच तक किया जाता है। आधा से एक चम्मच जीरा किसी भी भोजन को स्वादिष्ट बना सकता है, लेकिन अगर ऊंट को हम एक मुठ्ठी जीरा देंगे, तो उसके लिए व्यर्थ है। एक मुट्ठी जीरा से ऊंट का पेट नहीं भरेगा, उसके पेट को भरने के लिए खूब सारा चारा की जरूरत होगी।
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