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Mantra Chanting: माला जाप करते समय क्यों वर्जित माना जाता है तर्जनी उंगली का प्रयोग?

हिन्दू धर्म में माला जाप के दौरान तर्जनी उंगली यानी कि सीधे हाथ की पहली उंगली का स्पर्श वर्जित माना जाता है। आइये जानते हैं इसका कारण।&nbsp; &nbsp;&nbsp; <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2022-11-14, 13:04 IST

Mantra Chanting: हिन्दू धर्म में मंत्रोच्चार का अपना एक अलग महत्व है। यहां तक कि मंत्रोच्चार के भिन्न भिन्न तरीके भी हैं। आप में से कई लोग आसन पर बैठकर हाथ जोड़कर मंत्रोच्चार करते होंगे, तो कई मन ही मन मंत्रों को दोहराते होंगे। इसके अलावा, भजन-कीर्तन के रूप में भी कुछ लोग मंत्रोच्चार करते हैं लेकिन शास्त्रों में वर्णित मंत्रोच्चार विधि हेतु यह बोला जाता है कि सर्वाधिक फलित होने वाला मंत्रोच्चार वही है जो माला के साथ किया जाए। सरल शब्दों में कहें तो माला जाप के दौरान मंत्रों का उच्चारण ही शुभ फलदायी माना जाता है।

हालांकि हिन्दू धर्म में माला जाप के कई नियम भी बताए गए हैं जिनका पालन आवश्यक माना गया है। इन्हीं नियमों में से एक है माला जाप के दौरान तर्जनी उंगली का प्रयोग न करना। हमारे एक्सपर्ट ज्योतिषाचार्य डॉ राधाकांत वत्स से जब हमने इस बारे में पूछा तो उन्होंने हमें इसके पीछे का तर्क समझाया जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं।

  • शास्त्रों में तर्जनी उंगली को अहम की उंगली माना जाता है। अहम अर्थात व्यक्ति के अंदर मौजूद घमंड। ऐसी मान्यता है कि तर्जनी उंगली का प्रयोग व्यक्ति अपनी शक्ति और अपना अहंकार दर्शाने के लिए करता है। इसके अतिरिक्त, दूसरों पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने के लिए भी तर्जनी उंगली का ही प्रयोग किया जाता है।

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  • वहीं, माला जाप एक पवित्र मार्ग है ईश्वर को भजने का, उनका स्मरण करने का और उन्हें प्राप्त करने का। माला जाप (माला जपने के नियम) वो तरीका है जिसे नियम पालन के साथ और विधिवत करने से भगवान को सिद्ध किया जा सकता है।

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  • माला जाप से उठने वाली पवित्र तरंगे व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक शुद्धि करती हैं। व्यक्ति का मन शांत करने में माला जाप की अहम भूमिका मानी जाती है।

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  • ऐसे में तर्जनी उंगली का स्पर्श माला जाप की पवित्रता को खंडित कर सकता है और जो जाप व्यक्ति पूर्ण श्रद्धा के साथ करता है उसी जाप में तर्जनी उंगली के प्रभाव से अहंकार का बीजारोपण हो सकता है। तर्जनी उंगली के प्रभाव से व्यक्ति का मन शांत होने के स्थान पर और अशांत एवं तनाव ग्रस्त हो सकता है।

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  • गरुण पुराण (गरुड़ पुराण से जानें मृत्यु का रहस्य) में माला जाप के दौरान तर्जनी उंगली का प्रयोग ईश्वर को उंगली दिखाने के बराबर माना गया है। इसलिए माला जाप के समय तर्जनी यानी कि सीधे हाथ की पहली उंगली के प्रयोग को वर्जित माना जाता है।

तो ये था तर्जनी उंगली के स्पर्श का माला जाप के दौरान वर्जित होने का कारण। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Herzindagi

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