सांप्रदायिक सौहार्द्र भारतीय संस्कृति का विशिष्ट पहचान रहा है। जब सांप्रदायिक ताकतें देश को बांटने का प्रयास करने की पुरजोर कोशिशें कर रही हैं, ऐसे समय में देश प्रोग्रेसिव नागरिकों को आगे बढ़ता हुआ देखना चाहता है, जो सभी धर्मों को साथ लेकर चलना चाहते हों और सभी धर्मों के लिए सम्मान का भाव रखते हों। ऐसे ही रोल मॉडल के तौर पर अपनी पहचान बना रही हैं नुसरत जहां, जिन्होंने हाल ही में कोलकाता के बिजनेसमैन निखिल जैन से शादी की है। टीमएसी की तरफ से बशीरहाट से एमपी चुनी गईं नुसरत जहां ने हिंदु रीति रिवाजों से शादी की और जब वह लोकसभा में अपने शपथ ग्रहण के लिए पहुंची तो वह मांग में सिंदूर, माथे पर बिंदी, गले में मंगलसूत्र और हाथों में मेहंदी, कड़े और चूड़े वाले लुक में नजर आईं थीं।
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नुसरत जहां ने पिछले कुछ सालों में बहुत सारे बंधनों को तोड़ते हुए नई लीक पर चलने का प्रयास किया है, फिर चाहे वह फिल्मों से पॉलिटिक्स का सफर हो या फिर मुसलमान होते हुए हिंदु रीति रिवाजों से शादी।
हालांकि उनकी दूसरे धर्म में शादी और और हिंदु रीति-रिवाजों के अनुसार रहना कुछ लोगों को रास नहीं आ रहा। पिछले हफ्ते दारुल उलूम ने नुसरत जहां की शादी और उनके हिंदु परंपराओं के अनुसार ड्रेसिंग की आलोचना करते हुए उनके खिलाफ फतवा जारी कर दिया था। लेकिन नुसरत ने इस फतवे पर जवाब दिया था, मैं अभी भी मुसलमान हूं, लेकिन मैं सेक्युलरिज्म में विश्वास रखती हूं और मैं जो चाहूं, पहन सकती हूं।
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"My thought process of respecting all religions will not change."
— Nusrat (@nusratchirps) July 2, 2019
Iskcon invites ‘inclusive’ MP Nusrat Jahan for its Rathyatra fest https://t.co/xy2CSjKODz via @timesofindia
Thank You @iskconkolkata for the invite. It would be my pleasure to be associated with this inclusive event. https://t.co/GyzY03JyHA
— Nusrat (@nusratchirps) July 2, 2019

नुसरत जहां को लेकर एक और कंट्रोवर्सी हुई थी, जब उन्होंने अपना चुनाव प्रचार शुरू करने से पहले काली मां के सामने शीश झुकाया था। गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी के पक्ष में माहौल होने के बाजवूद नुसरत ने बीजेपी के युवा नेता सायंतन बसु को रिकॉर्ड मतों से हरा दिया था। हालांकि नुसरत जहां को इस्कॉन की तरफ से न्यौता मिलने पर कुछ लोगों को बुरा लग सकता है, लेकिन इस्कॉन ने नुसरत की तरफ से सभी धर्मों के लिए संभाव दिखाने के लिए उनकी सराहना की है। इस्कॉन ने नुसरत के निमंत्रण स्वीकार करने पर लिखा है, 'रथयात्रा का न्यौता स्वीकार करने के लिए धन्यवाद नुसरत। आप भविष्य के लिए रास्ता दिखा रही हैं। दूसरों की फिक्र करना और दूसरों के विश्वास का सम्मान करना और उनकी फेस्टिविटीज में शामिल होना सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।'
वैसे इस्कॉन कोलकाता रथयात्रा अपनी सोशल हार्मनी के लिए खासतौर पर जानी जाती है क्योंकि इसमें भगवान कृष्ण की ड्रेस और उनका रथ मुस्लिम समुदाय के लोग बनाते हैं। नुसरत जहां 4 जुलाई से 11 जुलाई तक चलने वाली रथयात्रा में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ कार्यक्रम में शामिल होंगी, जहां वह इस्कॉन के 48वीं रथयात्रा का उद्घाटन करेंगी। ये रथयात्रा कोलकाता के दिल कहे जाने वाले मिंटो पार्क से शुरू होगी और अलग-अलग रास्तों से होते हुए ब्रिगेड परेड तक पहुंचेगी, जहां एक मेले का आयोजन किया गया है।
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