सगाई की अंगूठी लड़कियां बाएं हाथ की अनामिका उंगली में ही क्यों पहनती हैं, जानें इसके कारण

आपमें से कई लोगों के मन में ये ख्याल जरूर आता होगा कि सगाई की अंगूठी एक खास उंगली में ही क्यों पहनी जाती है। आइए जानें इसके कारणों के बारे में। 

 

ring ceremoney significance

Engagement Ring In Left Hand Fourth Finger: शादी हमारी जिंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसमें अलग -अलग रस्में निभाई जाती हैं। शादी में मुख्य रूप से रस्मों की शुरुआत सगाई से होती है और विदाई से पगफेरों तक सभी रीति रिवाजों के साथ धूमधाम से शादी हो जाती है। अगर शादी की सभी रस्मों को बात करें तो सगाई सबसे ख़ास होती है क्योंकि इसी से मुख्य रूप से शादी समारोह की शुरुआत हो जाती है। सगाई की रस्म शादी से पहले होती है जिसमें लड़का और लड़की एक दूसरे को अंगूठी पहनाते हैं।

आपमें से कई लोगों के दिमाग में ये ख्याल जरूर आता होगा कि लड़कियों को सगाई की अंगूठी बाएं हाथ की अनामिका उंगली में ही क्यों पहननी चाहिए। हमने इस बात का पता लगाने के लिए ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉ.आरती दहिया जी से बात की, उन्होंने हमें इसके तथ्यों से अवगत कराया जो आपको भी जान लेने चाहिए।

सदियों से चली आ रही है अंगूठी पहनाने की रस्म

ring finger ritual

सगाई में लड़का और लड़की एक-दूसरे को अंगूठी पहनते हैं जिसमें लड़कियों के बाएं हाथ की अनामिका उंगली में अंगूठी पहनाई जाती है। सदियों से ऐसी परंपरा चली आ रही है कि होने वाले वर-वधु इसी उंगली में एक दूसरे को अंगूठी पहनाते हैं। अगर शास्त्रों की बात करें तो इस रस्म का कहीं भी जिक्र नहीं मिलता है और न ही भारत में ऐसी कोई परंपरा थी। दरअसल अनामिका उंगली में सगाई की अंगूठी पहनने की रस्म की शुरुआत रोम एवं ग्रीस से हुई। हालांकि अमेरिका जैसे बड़े देशों में भी इसका प्रचलन है। इसके पीछे क्या वजह है इसका कोई ठोस आधार नहीं दिखता है, लेकिन फिर भी अनामिका उंगली में ही अंगूठी पहनाने का प्रचलन है आइए जानते हैं इसके पीछे क्या कारण हैं।

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प्रेम एवं विश्वास का प्रतीक

आरती दहिया जी बताती हैं कि अनामिका उंगली का संबंध जीवन के क्षेत्रों जैसे प्रसिद्धि, उत्तेजना, दिखावा जैसी भावनाओं से है। कहते हैं कि लड़कियों के बाएं हाथ की अनामिका उंगली का वैवाहिक जीवन में खास महत्व है। यह पति-पत्नी के बीच विश्वास एवं निष्ठा को दर्शाती है। अनामिका उंगली में अंगूठी पहनाकर हम एक दूसरे के साथ रिश्ते को और मजबूत करते हैं। साथ ही, एक दूसरे के प्रति निष्ठावान एवं कमिटेड रहने का वादा करते हैं। लड़की को अंगूठी पहनाकर लड़का अपनी पत्नी एवं परिवार की जिम्मेदारी को निभाने की क्षमता को व्यक्त करता है। इस उंगली(उंगलियों का आकार बता सकता है आपकी पर्सनैलिटी) में अंगूठी पहनाने से एक दूसरे के प्रति आत्मसमर्पण की भावना जागृत होती है। यह उंगली प्यार एवं एक दूसरे के साथ ज़िन्दगी बिताने के विश्वास को भी दिखाती है।

अनामिका उंगली में अंगूठी पहनने के वैज्ञानिक कारण

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अनामिका उंगली में कोई भी धातु पहनने का एक कारण यह भी हैकि इससे शरीर का सिस्टम स्थिर होता है। सोने की अंगूठी पहनने से उसकी रगड़ से महिलाओं के दिल पर अच्छा असर होता है और यह जीवन में जोश और उत्साह लाती है।

दिल से गहरा संबंध

कहा जाता है कि अनामिका उंगली की नस का सीधा संबंध हमारे दिल से होता है। इसलिए इस उंगली में अंगूठी पहनकर भावी-पति पत्नी एक दूसरे के साथ दिल से जुड़ जाते हैं।

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अलग जगहों पर अंगूठी पहनाने के अलग कारण

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  • अनामिका उंगली में अंगूठी पहनाने की परंपरा रोम से ही शुरू हुई थी। रोम में यह मान्यता है कि इस उंगली की नस दिल से हो कर गुजरती है। इसलिए अंगूठी इसी उंगली में पहनाई जाती है।
  • चीन में यह माना जाता है कि हमारे हाथ की हर उंगली एक संबंध को दर्शाती है। जिसमे हमारे हाथ की चौथी उंगली यानी अनामिका उंगली, पार्टनर के लिए होती है। जबकि अंगूठा माता-पिता के लिए, तर्जनी उंगली भाई बहनों के लिए, मध्यमा खुद के लिए और कनिष्ठा बच्चों के लिए होती है। ऐसा माना जाता है कि हाथ की पांचो उंगलियों का अपना कर्तव्य होता है। ये जीवन के किसी न किसी महत्वपूर्ण भाग से जुड़ी होती हैं।
  • इसके लिए चीन के लोगों ने एक प्रयोग भी किया था और पाया कि जब हम दोनों हाथों को जोड़ते हैं तो अंगूठे को लेकर बाकी सभी उंगलियां अलग हो जाती हैं जबकि अनामिका उंगली अलग नहीं हो पाती हैं। इसका मतलब होता है कि पति-पत्नी का संबंध जीवन भर का होता है औरआपका जीवन साथी हर सुख दुःख में आपके साथ रहेगा।

इस तरह आप ये मान सकते हैं कि अनामिका उंगली में सगाई की अंगूठी पहनना अच्छा होता है। हालांकि इस बात का कोई ज्योतिषीय प्रमाण नहीं है लेकिन सालों से चली आ रही परंपरा के अनुसार इसे रिश्तों में मधुरता लाने के लिए अपनाया जा सकता है।

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Image Credit: freepik.com and pixabay

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