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significance of engagement ring in hindu religion

क्यों शादी से पहले दूल्हा-दुल्हन पहनाते हैं एक-दूसरे को अंगूठी, जानें महत्व 

शादी के दौरान कई रस्में निभाई जाती हैं। इन्हीं में से एक रस्म सगाई भी होती है। चलिए जानते हैं सगाई से जुड़ी कुछ रोचक बातें। 
Editorial
Updated:- 2022-03-22, 13:58 IST

शादी का बंधन एक ऐसा मजबूत रिश्ता है, जो हर किसी के जीवन में खुशियां, प्यार, समर्पण और प्रतिबद्धता लाता है। शादी को पवित्र और खास बनाने के लिए कई रस्में निभाई जाती हैं। हर रस्म का महत्व होता है। शादी से जुड़ी रस्मों को निभाने के पीछे कई कारण छिपे हैं। शादी से पहले सगाई की रस्म निभाई जाती है। सगाई के दौरान दूल्हा-दुल्हन एक-दूसरे को अंगूठी पहनाते हैं।

लेकिन क्या आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया है कि सगाई की अंगूठी केवल इंडेक्स फिंगर में ही क्यों पहनाई जाती है? क्या आपने कभी सोचा है कि 5 उंगली में से केवल इसी उंगली में अंगूठी क्यों पहनाई जाती है? शायद नहीं तो आज हम आपको सगाई की अंगूठी से जुड़ी कुछ धार्मिक मान्यताओं के बारे में बताएंगे। साथ ही यह भी बताएंगे कि कब और कहां से हुई अंगूठी पहनाने की शुरुआत। क्या आप भी ऐसे ही सवालों के जवाब जानना चाहते हैं? अगर हां तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।

कहां से हुई अंगूठी पहनाने की शुरुआत?

engagement ring

हम सभी यह जानना चाहते हैं कि अंगूठी पहनाने का यह रिवाज कब और किसने शुरू किया? एंथ्रोपोलॉजिस्ट की मानें तो दुल्हन को अंगूठी पहनाने की रस्म रोमन रीति-रिवाजों का हिस्सा है। लेकिन उस समय में अगूंठी थोड़ी अलग प्रकार की होती थी। यानी रीति-रिवाजों के अनुसार पहले के समय में पत्नियां छोटी चाबियों से जुड़ी अंगूठियां पहनती थी, जो स्वामित्व का सकेंत देती है।

सोलह श्रृंगार का है हिस्सा अंगूठी

सोलह श्रृंगार में माथे की बिंदी से लेकर पैर के बिछिया तक सब कुछ होता है। इस श्रृंगार में अंगूठी भी होती है। यह कहा जाता है कि शादीशुदा महिलाओं को हमेशा अंगूठी पहनकर रखनी चाहिए। क्योंकि अंगूठी पति-पत्नी के बीच प्यार के संबंध को बनाएं रखती है। यही कारण है कि शादीशुदा कपल के लिए अंगूठी का महत्व अधिक होता है।

अंगूठी रिंग फिंगर में ही क्यों पहनाई जाती है?

significance of engagement ring

क्या आपने कभी सोचा है कि सगाई की अंगूठी रिंग फिंगर में ही क्यों पहनाई जाती है? शायद नहीं बता दें कि रिंग फिंगर की एक नस हमारे दिल से जुड़ी होती है। इसी कारण से सगाई की अंगूठी को रिंग फिंगर में ही पहनाया जाता है।

गोल ही क्यों होती है अंगूठी?

अगर आपने नोटिस किया होगा तो आपको पता चलेगा कि सगाई की अंगूठी ज्यादातर गोल ही होती है। मान्यता भी यही है कि अंगूठी का आकार गोल होना चाहिए, क्योंकि गोल आकार का कोई आंरभ नहीं होता है, न ही कोई अंत होता है। इसी तरह शादीशुदा रिश्ते को अंनत बनाए रखने के लिए अंगूठी का आकार हमेशा गोल ही होता है। क्योंकि शादी एक ऐसा रिश्ता है जो केवल एक नहीं सात जन्मों का होता है। इसलिए इस रिश्ते को कभी न खत्म होने वाला रिश्ता कहा जाता है।

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हर अंगूठी का अलग है महत्व

क्या आप जानते हैं कि सोने से लेकर हीरे तक की अंगूठी का महत्व अलग-अलग होता है। हर अंगूठी की अपनी एक पहचान होती है, जिसका संबंध रिश्तों के कुछ पहलुओं से होता है। यही कारण है कि अक्सर लोग अंगूठी खरीदने से पहले कई बार सोचते हैं। क्या आप जानते हैं हीरे और सोने की अंगूठी का महत्व? तो चलिए जानते हैं दोनों अंगूठी का अर्थ।

हीरे की अंगूठी

diamond ring

हीरे की अंगूठी मंहगी तो होती है। लेकिन यह जानी ही इसलिए जाती है क्योंकि यह सबसे सुंदर और अलग होती है। लेकिन आप सोच रहे होंगे कि हीरे की अंगूठी से आपकी शादी से संबंध क्या है? तो बता दें कि जिस तरह हीरा क्लियर होता है, यानी आप हीरे से आर-पार की सारी चीजें आसानी से देख सकते हैं। उसी तरह हीरे की अंगूठी का अर्थ रिश्ते की पार्दर्शिता, सच्चाई और वफादारी से संबंधित है।

सोने की अंगूठी

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सोने की अंगूठी मान्यताओं से जुड़े रहने का प्रतीक है। इसका मतलब है कि आप अपनी शादी से जुड़ी हर मान्यता का पालन करते हैं और सच्चे दिल से इन चीजों पर विश्वास भी करते हैं। (दुल्हनों के लिए क्यों खास है चूड़ा और कलीरे)

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प्रेम का प्रतीक है अंगूठी

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चाहे वह रिश्ता भाई-बहन को हो या दोस्त का प्यार के बिना कोई भी रिश्ता ज्यादा समय तक चल नहीं सकता है। प्यार हर किसी को चाहिए और यह जीवन जीने के लिए जरूरी भी है। इसी तरह जब बात पति-पत्नी की आती है तो प्यार और सम्मान सर्वोपरि होता है। सगाई की अंगूठी पति-पत्नी के बीच प्यार, शादी के रिश्ते को निभाने, अपने साथी के प्रति समर्पण प्रतिबद्धता का प्रतीक है। (सगाई की अंगूठी को साफ करने के तरीके)

अंगूठी पहनने की अलग-अलग मान्यताएं

अंगूठी पहनने की पीछे अलग-अलग मान्यताएं हैं। चीन की ज्योतिष विद्या के अनुसार हर उंगली का अपना महत्व है। हर उंगली अहम होती है। चीनी ज्योतिष में हर उंगली का संबंध बताया गया है। जैसे अंगूठा माता-पिता से संबंधित है। इडेंक्स फिंगर (तर्जनी उंगली) भाई-बहन का प्रतिनिधित्व करती है, सबसे छोटी उंगली संतान से संबंधित होती है और मध्यम उंगली का संबंध स्वंय से होता है। वहीं रिंग फिंग (अनामिका उंगली) जीवनसाथी के लिए होती है। दूसरी तरफ रोमन इतिहासकार अलेक्जेंड्रिया का मानना था कि हमारे शरीर की एक नस है जो सीधा उंगली से दिल को जोड़ती है। उन्होनें अपनी एक किताब में बताया है कि अगर कोई महिला सोने की अंगूठी को अपनी उंगली पर रगड़ती है तो इससे उनका दिल प्रभावित होता है।

ग्रह से है संबंध

सगाई की अंगूठी को इंडेक्स फिंगर में पहनाने का संबंध ग्रह से भी है। ज्योतिष विद्या के अनुसार अनामिक ग्रह सूर्य से संबंधित है। सूर्य को सफतला और शक्ति का ग्रह माना जाता है। यानी अगर आप जीवन में सकारात्मक शक्ति और सफलता पाना चाहते हैं तो आपको अपनी इंडेक्स फिंगर में ही अंगूठी पहननी चाहिए। क्योंकि सूर्य देवता बलवान हैं, ऐसे में अगर आप अपने जीवन में मजबूती पाना चाहते हैं तो आपको अंगूठी को हमेशा पहने रखना चाहिए।

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