फ्लाइट से ट्रैवल करना किसे पसंद नहीं होगा। क्या आप जानते हैं कि फ्लाइट में ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत किस वजह से होती है। फ्लाइट में ऑक्सीजन की सुविधा किस हालत में दी जाती है। अगर आपको फ्लाइट से ट्रैवल करते वक्त सांस लेने में दिक्कत होती है, तो आपको इस हालत में क्या करना चाहिए, आइए जानते हैं फ्लाइट से ट्रैवल करने के दौरान ऑक्सीजन की जरूरत क्यों पड़ती है और इसकी सुविधा किन हालातों में मिल सकती है।
कम वायुमंडलीय दबाव (Low Atmospheric Pressure)
फ्लाइट में ऑक्सीजन की जरूरत इसलिए पड़ती है, क्योंकि ज्यादा ऊंचाई पर हवा में ऑक्सीजन की मात्रा कम होती है। जैसे-जैसे फ्लाइट ऊंचाई पर जाता है, वायुमंडलीय दबाव कम होता जाता है। कम दबाव के कारण, हवा में ऑक्सीजन का स्तर भी कम होता जाता है। यह यात्रियों को सांस लेने में मुश्किल पैदा कर सकता है, खासकर उन लोगों को जिन्हें सांस लेने में पहले से ही परेशानी होती है। फ्लाइट में एक सिस्टम होता है, जो बाहर की ऑक्सीजन को कैप्चर करके एक टैंक में भरता है।
इमरजेंसी की स्थिति में (In Case of Emergency)
अगर फ्लाइट के केबिन में दबाव कम होने जैसी स्थिति आती है, तो यात्री सांस लेने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसे फ्लाइट जो 25,000 फुट से ऊपर उड़ान भरने के लिए सर्टिफाइड हैं उनमें आपातकालीन ऑक्सीजन इक्विपमेंट होना जरूरी है। कुछ फ्लाइट में दबाव वाले ऑक्सीजन के सिलेंडर होते हैं, लेकिन ज्यादातर में केमिकल रिएक्शन से ऑक्सीजन तैयार होता है ।
जब फ्लाइट ज्यादा ऊंचाई से नीचे आता है, तो ऑक्सीजन का दबाव कम हो जाता है। ऐसे में ओवरहेड मास्क, यात्रियों को बेहोश होने से बचाते हैं। ऑक्सीजन का स्तर कम होने से यात्री हाइपोक्सिया की स्थिति में जा सकते हैं। हाइपोक्सिया की स्थिति में ऑक्सीजन की कमी सबसे पहले सिर को प्रभावित करती है। इससे फैसला लेने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे आपको पता नहीं चलता कि आप मुसीबत में हैं।
इलाज की जरूरत पड़ने पर (Therapeutic need)
कुछ यात्रियों को थेरप्यूटिक की वजहों से उड़ान के दौरान अलग से ऑक्सीजन की जरूरत हो सकती है। ऑक्सीजन सिलेंडर इन यात्रियों को उनकी जरूरत के हिसाब से ऑक्सीजन की जरूरत को पूरा कर सकते हैं।
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फ्लाइट में ऑक्सीजन सिलेंडर कैसे काम करते हैं
ऑक्सीजन सिलेंडर में हाई प्रेशर में ऑक्सीजन गैस होती है। जब यात्री को ऑक्सीजन की जरूरत होती है, तो गैस को एक रेगुलेटर के माध्यम से कंट्रोल किया जाता है और मास्क के जरिए यात्री को ऑक्सीजन दिया जाता है।
यात्रियों को फ्लाइट में अपने ऑक्सीजन टैंक या लिक्विड ऑक्सीजन ले जाने की जरूरत नहीं है। हर फ्लाइट में यह सुविधा मौजूद होती है। ऑक्सीजन लेने के लिए यात्री 15 से 20 मिनट तक लगाए रहते हैं। जिससे ऑक्सीजन का लेवल भी नॉर्मल बना रहता है।
फ्लाइट में ऑक्सीजन सिलेंडर के बारे में
ऑक्सीजन सिलेंडर फ्लाइट के केबिन में अलग- अलग जगहों पर लगे होते हैं। फ्लाइट अटेंडेंट इमरजेंसी सिचुएशन में ऑक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल करने के लिए ट्रेंड होते हैं।
अगर आपको उड़ान भरने के दौरान ऑक्सीजन की जरूरत है, तो आपको अपनी एयरलाइन को पहले से बता देना चाहिए। फ्लाइट में पोर्टेबल ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की जरूरत को वेरीफाई करने के लिए एयरलाइन को डॉक्टर का रिपोर्ट दिखाना पड़ सकता है।
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